पॉलिटिक्स

व्यांपम घोटाले- दाव पर है 500 स्टूडेंस का भविष्य

व्यांपम घोटाले- दाव पर है 500 स्टूडेंस का भविष्य, स्टूडेंस का एडमिशन रद्द


साल 2008-2012 बैच के 634 स्टूडेंस का एडमिशन रद्द

मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यवसायिक परीक्षा मंडल यानि की व्यांपम घोटाले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। आज व्यांपम घोटाले पर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 500 एमबीबीएस स्टूडेंस का एडमिशन रद्द कर दिया है। यह सभी स्टूडेंस 2008-2012 बैच के हैं। चीफ जस्टिस जगदीश खेहर की पीठ ने यह फैसला सुनाया गया है।

इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के विरोध में स्टूडेंस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी एडमिशन को नियमों को विरुद्ध माना है। इसलिए सभी एडमिशन को रद्द कर दिया है। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कुल 634 स्टूडेंस का एडमिशन रद्द कर दिया है।

व्यांपम घोटाला
व्यांपम घोटाला

कोर्ट ने सभी स्टूडेंस को राहत देने से इंकार कर दिया है और हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। जिसमें अंतर्गत सभी 634 स्टूडेंस को राहत देने या न देने की बात कही गई थी

आपको बता दें पीएमटी में प्रवेश परीक्षा को के दौरान सामूहिक नकल की बात सामने आने पर 2008-2012 बैच के स्टूडेंस का एडमिशन रद्द कर दिए गए थे। जिसके बाद स्टूडेंस ने सुप्रीम कोर्ट को दखल देने की अपील की थी।

कैसे हुआ व्यांपम घोटाला उजागर

व्यांपम घोटाले का खुलासा साल 2013 में हुआ था। यह खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने एमबीबीएस की भर्ती परीक्षा में बैठे कुछ फर्जी स्टूडेंस को गिरफ्तार किया। ये स्टूडेंस दूसरे स्टूडेंस के नाम पर परीक्षा दे रहे थे। पूछताछ के दौरान पता चला कि राज्य के कई ऐसे गिरोह चल रहे हैं। जो फर्जी तरीके से एडमिशन करात हैं। इनमें बड़े नेता और अफसर तक शामिल हैं।

क्या है व्यांपम

मध्यप्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल राज्य में प्रवेश व भर्ती को लेकर परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है। इस संस्था के पास राज्य के कई प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेदारी है। कई अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार में करीब 1000 फर्जी नियुक्तियां और 514 फर्जी भर्तियां शक के दायरे में हैं।

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