Surat Lok Sabha Seat Winner 2024: सूरत लोकसभा सीट पर निर्विरोध जीते बीजेपी कैंडिडेट, कांग्रेस ने उठाएं सवाल
गुजरात के इतिहास में पहली बार किसी लोकसभा उम्मीदवार को निर्विरोध घोषित किया गया है। सूरत लोकसभा के सांसद बिना वोटिंग के चुने गए।
Surat Lok Sabha Seat Winner 2024: कांग्रेस ने की सूरत का चुनाव रद्द करने की मांग, बोले नए सिरे से हो मतदान
Surat Lok Sabha Seat Winner 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों से पहले ही भाजपा ने एक सीट जीत ली है। वोटिंग से पहले ही इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। आज फॉर्म वापस लेने की प्रक्रिया के दौरान बसपा प्रत्याशी प्यारेलाल ने अपना फॉर्म वापस ले लिया है इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को निर्विरोध घोषित कर दिया गया है।
बीजेपी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए
सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का फॉर्म रद्द होने के बाद कुल 9 उम्मीदवार मैदान में थे। जिनमें से निर्दलीय समेत 7 उम्मीदवारों ने अपना फॉर्म वापस ले लिया है। अब केवल एक ही उम्मीदवार बचा था। इस बीएसपी उम्मीदवार प्यारेलाल ने सूरत कलेक्टोरेट पहुंचकर अपना नामांकन वापस ले लिया है। बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ कोई प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार नहीं होगा और ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार को निर्विरोध घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 में सूरत देश की पहली निर्विरोध सीट बन गई है।
#WATCH | Gujarat: Mukesh Dalal, BJP's candidate from the Surat Lok Sabha seat collects his winning certificate after he was elected unopposed
The Congress candidate's form was rejected by the Returning Officer, the other eight candidates for the seat withdrew their nominations.… pic.twitter.com/Uzslcbj8aD
— ANI (@ANI) April 22, 2024
ये था कांग्रेस प्रत्याशी का विवाद
भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने फॉर्म के सत्यापन के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुम्भानी के फॉर्म को लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि मुझे जानकारी है कि कांग्रेस प्रत्याशी के प्रस्तावक कोई नहीं हैं। इसकी जानकारी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव एजेंट फिजिक कोल्डी को दी गयी। सुनवाई कल हुई और कांग्रेस उम्मीदवार के फॉर्म पर प्रस्ताव के तौर पर हस्ताक्षर करने वाले जगदीश सावलिया, रमेश पोलारा और ध्रुविन धमेलिया चुनाव अधिकारी के सामने पेश हुए और कहा कि उन्होंने फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और एक हलफनामा भी दाखिल किया है। इसके बाद इसपर सुनवाई हुई और बाद में चुनाव अधिकारी ने उनका पर्चा रद्द कर दिया।
कांग्रेस के पास नहीं था मजबूत कैंडिडेट
कांग्रेस पार्टी ने सूरत से नीलेश कुंभाणी को कैंडिडेट बनाया था। पाटीदार समुदाय से आने वाले नीलेश कुंभाणी को हार्दिक पटेल का करीबी माना जाता है। चर्चा यहां तक हैं कि नीलेश कुंभाणी के साथ जो खेला हुआ। उसे उनके करीबी लोगों ने ही अंजाम दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी कैंडिडेट के प्रस्तावकों के आने का इंतजार करती रही और इस पूरे मामले में कानूनी समाधान नहीं खोज पाई। कांग्रेस कितनी कमजोरी से खेल रही थी। इसका अंदाजा इस बार से लगाया जा सकता है कि मुख्य कैंडिडेट के साथ डमी कैंडिडेट का पर्चा भी रद्द हो गया।
रिटर्निंग ऑफिसर दिए ये आदेश
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रिटर्निंग ऑफिसर सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा कि कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभानी और सुरेश पडसाला द्वारा जमा किए गए चार नामांकन फॉर्म खारिज कर दिए गए क्योंकि पहली नजर में प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में विसंगतियां पाई गईं और वे वास्तविक नहीं लगे। रिटर्निंग ऑफिसर सौरभ पारधी के आदेश में कहा गया है कि कांग्रेस कैंडिडेट के प्रस्तावकों ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने स्वयं फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
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कांग्रेस ने तीनों प्रस्तावकों को अगवा किए जाने का लगाया आरोप
प्रस्तावकों के सिग्नेचर वाले दावे के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने नीलेश कुंभानी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का समय दिया था। इसके एक दिन बाद कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी अपने अधिवक्ता के साथ चुनाव अधिकारी के पास आये, मगर उनके साथ तीन प्रस्तावकों में से कोई नहीं आया। रिटर्निंग ऑफिसर के आदेश में कहा गया है कि कांग्रेस उम्मीदवार के वकील के अनुरोध पर जांचे गए वीडियो फुटेज में भी हस्ताक्षरकर्ताओं की उपस्थिति नहीं पाई गई। हालांकि, कांग्रेस ने कुंभानी के तीनों प्रस्तावकों के अगवा किए जाने का आरोप लगाया है।
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