शिवपाल ने अखिलेश के करीबियो को किया निलंबित
यूपी में सियासी कलह थमने का नाम ही नहीं ले रही है। शिवपाल यादव ने प्रदेशाध्यक्ष का पद संभालते ही, तीन विधान परिषद सदस्यों के साथ पार्टी के यूथ विंग के चार अध्यक्षों को बाहर को रास्ता दिखा दिया है। इन सबको छह वर्ष के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है। रोचक बात यह है कि निकाले गए सभी सदस्य अखिलेश के समर्थक हैं।
शिवपाल ने भतीजे के दिया करारा जवाब
इससे पहले निकाले गए यूथ विंग के समर्थकों ने धरना प्रदर्शन किया, साथ ही पूरी कमान अखिलेश यादव को दिए जाने की मांग की थी। जिसका बदला आज शिवपाल ने लिया और सभी चार अध्यक्षों के निलंबित कर दिया। ऐसा करके शिवपाल ने भतीजे अखिलेश को करारा जवाब दिया है।
सपा के जिला और प्रदेश के यूथ संगठनों के ज्यादातर पदाधिकारियों ने अपने नेताओं के खिलाफ कारवाई के बाद इस्तीफा दे दिया है। पार्टी से निकाले गए नेता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने भी पहुंचे।
शिवपाल सिंह यादव
जिसकी शिकायत मिलेगी उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी
वहीं दूसरी ओर शिवपाल ने कहा कि जो भी अनुशासनहीनता करेगा, गलत काम करेगा, उनके खिलाफ कारवाई होगी। जो भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होगा उनके खिलाफ कारवाई होगी। जो भी गलती करेगा, कहीं पर भी कब्जे वाली शिकायतें मिली तो उसके खिलाफ कारवाई होगी।
आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर यह घमासान हो रहा है
आपको बता दें अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही यादव परिवार में प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी को लेकर चाचा भतीजे में घमासान छिड़ गया था।
इसका बीच बचाव करने के लिए पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अथक प्रयास किए और कई हद वह मानने में भी सफल रहें।
दरअसल कुछ दिनों पहले ही शिवपाल यादव को सपा की संसदीय कमेटी का सचिव बनाया गया था। सचिव बनाने के कुछ घंटों के बाद ही उनसे राजस्व, पीडब्लूडी और सिंचाई जैसे मुख्य विभाग छीन लिए गए थे। जिसके बाद से वह नाराज चल रहे थे और पार्टी से इस्तीफा देने की बात कर रहे थे। लेकिन बड़े भाई मुलायम सिंह ने उन्हें माना लिया और पार्टी से इस्तीफा नहीं देने दिया। अब दोबारा से शिवपाल यूपी के प्रदेशाध्यक्ष बन चुके है और उनके छीने हुए विभाग भी वापस कर दिए गए हैं।