पीएम मोदी की रेनकोट की टिप्पणी पर बरसा विपक्ष
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रेनकोट की टिप्पणी पर बरसा विपक्ष
राज्यसभा में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरन बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहीं मनमोहन सिंह की तारीफ की तो कहीं उनपर तंज कसे. प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य को सदन के कई विपक्षी सांसदों ने चुनाव भाषण तक करार दिया है. पीएम मोदी के भाषण के कई हिस्से ऐसे थे, जिन्हें प्रधानमंत्री अपनी चुनावी रैलियों के बोलते रहे हैं. इस वक्तव्य में ऐसी बातें, ऐसे तथ्य रहे जो धन्यवाद औऱ सांसदों के प्रश्नों का जवाब न होकर राजनीतिक वक्तव्य थे.
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आइए जानें बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरन क्या बोलाः-
पीएम मोदी ने कहा, कि ‘पिछले सत्र में मनमोहन सिंह जी ने अपने विचार रखे थे और अभी शायद एक किताब भी निकली है. उसकी फॉरवर्ड डॉक्टर साहब ने लिखी है. पता चला है, कि किताब उन्होंने नहीं किसी और ने लिखी है और मुझे उनके भाषण में भी ऐसा कुछ ही लगा है. शायद…(इतना कहा कर पीएम मोदी रुक गए और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया). इस पर पीएम मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा, कि जो शब्द मैं बोला भी नहीं वे ये समझ गए. ये गजब की बात है.
साथ ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा, कि मनमोहन सिंह जी पूर्व प्रधानमंत्री हैं, आदरणीय हैं. बीते 30-35 साल से भारत के आर्थिक फैसलों के साथ उनका सीधा संबंध रहा है. आधा समय मनमोहन सिंह जी का ही दबदबा था, ऐसा देश में कोई नहीं रहा होगा. मगर हम राजनेता मनमोहन सिंह जी से सीख सकते हैं. मनमोहन पर कभी कोई दाग नहीं लगा है. बाथरूम में रेनकोट पहन कर नहाना ये कला मनमोहन जी के अलावा कोई नहीं जानता है. पीएम मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया.
जब नरेन्द्र मोदी मनमोहन सिंह पर निशाना साध रहे थे, तो वे राज्यसभा में बैठे थे. पीएम मोदी की इस टिप्पणी पर कांग्रेस पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई, फिर इस पर मोदी ने कहा, कि आप हमला बोलते हैं तो आप को हमला सहने की क्षमता भी रखनी चाहिए. साथ ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा, कि इंदिरा गांधी के समय में काला धन के ख़िलाफ़ एक कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने नोटबंदी की सिफारिश की थी, मगर इंदिरा जी ने कहा था, कि उन्हें चुनाव लड़ना है. यह गोड़बोले की किताब में लिखा है. इस बात पर जब कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आजाद ने कड़ा ऐतराज जताया तो मोदी ने कहा, कि अगर यह ग़लत था तो आप ने गोड़बोले पर केस क्यों नहीं किया. तब क्या आप सो रहे थे. मैं होता तो जरूर केस करता.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी के मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा, कि नोटबंदी का फ़ैसला भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ था, किसी राजनीति पार्टी के ख़िलाफ़ नहीं था. मोदी ने बताया, कि नोटबंदी की वजह से आतंकवाद और नक्सलवाद पर लगाम लगी है और माओवादियों ने सरेंडर करना शुरू कर दिया है.
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पीएम मोदी के भाषण का विपक्ष ने विरोध किया
कांग्रेस पार्टी के मीडिया सेल के प्रमुख ‘रणदीप सुरजेवाला’ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री का पद एक व्यक्ति नहीं होता, एक व्यवस्था होता है और इस पद का एक शिष्टाचार होता है. देश के प्रधानमंत्री की भाषा में मर्यादा, नैतिकता और अनुशासन होते हैं. मगर दुखद है, कि नरेन्द्र मोदी जी इस बात को भूल जाते हैं, कि वह भारत के प्रधानमंत्री हैं.’
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और उन्होंने कहा, कि वे इस पर बोलना नहीं चाहते हैं.
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह का अपमान किया है.
वहीं कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा, कि उनके पास निंदा करने के लिए शब्द नही हैं और कुछ गिरना शुरू करते हैं तो वे लगातार नीचे जाते हैं.