मुंबई

Maharashtra Politics: पुणे के अलंदी शहर में बवाल, जानें क्यों वारकरियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

यह विवाद आलंदी के श्रीक्षेत्र मंदिर में प्रवेश को लेकर है। आरोप है कि पुणे से थोड़ी दूरी पर स्थित आलंदी शहर में एक जुलूस निकालते हुए वारकरी भक्त संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में जबरन प्रवेश पाने की कोशिश कर रहे थे।

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासत गर्म, मंदिर में जाने की जिद, पुलिस ने श्रद्धालु पर किया लाठीचार्ज

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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में हर साल संत ज्ञानेश्वर महाराज की पालकी निकाली जाती है। इस पालकी समारोह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जाती है। हालांकि, इस बार पालकी समारोह में एक अप्रिय घटना सामने आई है। इस बार दर्शन के लिए मंदिर में घुसने को लेकर वारकरी (श्रद्धालु) और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस वजह से कुछ देर के लिए मंदिर परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया था। दरअसल वारकरी और पुलिस के बीच पहले तीखी बहस हुई। जिसके बाद वारकरी समुदाय ने वहां लगे बैरिकेड्स तोड़कर मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस उन्हें रोकने के लिए आगे बढ़ी लेकिन वारकरी कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे।

इस बीच एक बार फिर उनके और पुलिस के बीच कहासुनी हो गई। मामला बढ़ता पुलिस ने लोगों को समझने की कोशिश की लेकिन लोगों ने उनकी बात नहीं सुनी। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठियां बरसाईं। पुलिस के इस बर्ताव से वारकरी आक्रामक हो गए। जिसके बाद पुलिस ने कुछ वारकरी को हिरासत में लिया।

कौन है वारकरी भक्त

वारकरी भक्त भगवान विट्ठल (भगवान कृष्ण के एक रूप) के भक्तों को कहा जाता है। वारकरी हिन्दु धर्म की एक परंपरा भी है, जो महाराष्ट्र और उत्तरी कर्नाटक से जुड़ा है। ‘वारकरी’ शब्द ‘वारी’ से निकला है, जिसका अर्थ होता है यात्रा करना और फेरे लगाना। जो लोग अपने आस्था स्थान की भक्तिपूर्ण तरीके से बार-बार यात्रा करते हैं उन्हें वारकरी कहा जाता है।

अलग ही होती है वेशभूषा

वारकरी भक्तों की वेशभूषा भी अलग तरह की होती है। भक्त धोती, अंगरखा, उपरना तथा टोपी के साथ कंधे पर भगवा रंग का कपड़ा और गले में तुलसी की माला पहनते हैं। कई लोग हाथ में वीणा और हरि का नाम लेते हुए यात्रा करते हैं। वारकरी माथे, गले, छाती और कान पर चंदन भी लगाते हैं।

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क्यों हुआ विवाद

दरअसल, यह विवाद आलंदी के श्रीक्षेत्र मंदिर में प्रवेश को लेकर है। आरोप है कि पुणे से थोड़ी दूरी पर स्थित आलंदी शहर में एक जुलूस निकालते हुए वारकरी भक्त संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में जबरन प्रवेश पाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि तय कार्यक्रम के अनुसार यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और एक बार में 75 लोग ही मंदिर में प्रवेश कर सकते थे, लेकिर 400 लोग एक साथ जाने लगे थे।

इसका विरोध करते हुए कुछ लोगों ने जबरन प्रवेश करने की कोशिश की। जिसके चलते उनकी पुलिस से कहासुनी हो गई। इसके बाद मामला हाथापाई तक पहुंचा और विपक्ष ने पुलिस पर लाठीचार्ज करने के भी आरोप लगाए। हालांकि, पुलिस का कहना है कि उन्होंने लाठीचार्ज नहीं किया।

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सरकार और विपक्ष ने क्या कहा

विवाद पर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा और शिंदे की हिंदुत्व सरकार है। इसलिए वारकरों पर लाठीचार्ज किया गया। कल बंदूकों का सामना करने को तैयार रहें।

वहीं दूसरी ओर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस से वारकरों की बहस हुई, लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज नहीं किया।

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