ऑटो ड्राइवर के द्वारा लिखे गए उपन्यास पर आधारित है विसरानाई
ऑटो ड्राइवर के द्वारा लिखे गए उपन्यास पर आधारित है विसरानाई
29 फिल्मों में से चुना गया विसरानाई
ऑटो ड्राइवर के द्वारा लिखे गए उपन्यास पर आधारित है विसरानाई :- हाल ही के दिनों में दक्षिण भारतीय फिल्मों को उतनी चर्चा नहीं मिली है, जितनी कि ‘कोर्ट’ और ‘सैराट’ को मिली है। अब लोगों का ध्यान फिल्म ‘विसरानाई’ पर गया है, क्योंकि इस फिल्म को ऑस्कर में भारत के प्रतिनिधित्व के लिए चुना गया है। फिल्म ‘विसरानाई’ ने साल 2015 में सर्वश्रेष्ठ तमिल फीचर फिल्म, सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ संपादन के लिए तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते है। फिल्म ‘विसरानाई’ का निर्देशन वेत्रीमारन ने किया है और इस फिल्म के अभिनेता धनुष फिल्म के निर्माता हैं।
फिल्म ’विसरानाई’ को 29 फिल्मों में से चुना गया है। इन फिल्मों में ‘उड़ता पंजाब’, ‘तिथि’, ‘सैराट’, ‘नीरजा’, ‘फैन’, ‘सुल्तान’ ‘एयरलिफ्ट’ जैसी फिल्में शामिल थी।
ऑटो ड्राइवर के द्वारा लिखे गए नॉवल पर आधारित
फिल्म ‘विसरानाई’ के निर्देशक वेत्रीमारन ने फिल्म की पटकथा खुद लिखी है जोकि कोयंबटूर के ऑटो ड्राइवर एम चंद्रकुमार के द्वारा लिखे उपन्यास ‘लॉक अप’ पर आधारित है। दरअसल, एम चंद्रकुमार कोयंबटूर में ऑटो चंद्रन के नाम से जाने जाते हैं और एक अंग्रेज़ी अखबार की ख़बर के अनुसार फिल्म को ऑस्कर में एंट्री मिलने के बाद अब तक एम चंद्रकुमार 350 से भी ज्यादा फोन कॉल अटेंड कर चुके हैं। साथ ही दस हजार से ज्यादा कॉलेज स्टूडेंट्स से मिल चुके हैं।
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ऑटो चंद्रन के की आपबीती है ‘लॉक अप’
बता दें, जिस उपन्यास पर फिल्म ‘विसरानाई’ बनी है। उसे लेखक एम रामचंद्रन ने ‘आपबीती’ है। दरअसल, साल 1993 में आंध्र प्रदेश में काम करने के दौरान उन्हें एक झूठे केस में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें 15 दिन लॉक अप में रखा गया है। इन 15 दिन में पुलिसवाले ने उनकी सिर्फ पिटाई की थी। पुलिस लगातार उनपर वह अपराध स्वीकार करने का दबाव बना रही थी, जोकि उन्होंने कभी किया ही नहीं था। इसके बाद करीब साढ़े पांच महीने उन्हें जेल में रहना पड़ा था। उनकी यह उपन्यास साल 2006 में आई थी, मगर इस उपन्यास को लिखना 1997 शुरू किया था, मगर लॉक अप के उनके अनुभव इतने भयावह थे, कि इसे पूरा करने में उन्हें पांच साल का वक्त लगा।