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Youth Lifestyle: युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं कार्डियक अरेस्ट के मामले? जानिए लाइफस्टाइल की बड़ी गलतियाँ

Youth Lifestyle,युवाओं में कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नींद की कमी, स्ट्रेस, जंक फूड, धूम्रपान, एनर्जी ड्रिंक्स, सैडेंटरी लाइफस्टाइल और ओवरट्रेनिंग जैसी गलतियाँ इसका बड़ा कारण हैं।

Youth Lifestyle: 20-40 की उम्र में क्यों बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा

Youth Lifestyle:आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और बिगड़ती हेल्थ हैबिट्स की वजह से युवाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कभी इसे सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब 20 से 40 साल की उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। आखिर क्यों? आइए जानते हैं इसके पीछे की बड़ी वजहें। युवाओं में बढ़ता कार्डियक अरेस्ट सिर्फ बीमारी का नहीं बल्कि लाइफस्टाइल का नतीजा है। समय पर चेकअप, संतुलित डाइट, पर्याप्त नींद, स्ट्रेस मैनेजमेंट और स्मोकिंग/जंक फूड से दूरी ही दिल को स्वस्थ रखने का असली उपाय है।

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नींद की कमी 

अनियमित दिनचर्या, देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप पर समय बिताना और नींद पूरी न करना शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बिगाड़ देता है। इसका असर ब्लड प्रेशर, मोटापा और डायबिटीज़ जैसी समस्याओं पर पड़ता है, जो हार्ट डिज़ीज़ का बड़ा कारण हैं।

जंक फूड

आज के युवा घंटों कंप्यूटर, मोबाइल और टीवी स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं। साथ ही फास्ट फूड, प्रोसेस्ड स्नैक्स और शुगर ड्रिंक्स का अधिक सेवन मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को जन्म देता है। ये सभी हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर्स हैं।

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लगातार स्ट्रेस और प्रेशर

पढ़ाई, नौकरी, सोशल मीडिया और पर्सनल लाइफ का प्रेशर शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल और एड्रेनालिन) बढ़ा देता है। लंबे समय तक इसका असर धमनियों पर पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

धूम्रपान, वेस्टिंग और एनर्जी ड्रिंक्स

स्मोकिंग और वेपिंग से धमनियों को नुकसान पहुंचता है और ब्लड क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं एनर्जी ड्रिंक्स में मौजूद कैफीन और स्टिमुलेंट्स अचानक हार्ट रिदम को बदल सकते हैं, खासकर उन युवाओं में जिन्हें अपने हार्ट की समस्या का पता ही नहीं होता।

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 जेनेटिक फैक्टर्स

कई युवाओं को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, हाई कोलेस्ट्रॉल या जेनेटिक हार्ट डिज़ीज़ के बारे में जानकारी ही नहीं होती। ये “साइलेंट किलर” अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकते हैं।

फिटनेस का ओवरडोज़

फिटनेस ट्रेंड्स के दौर में कई युवा बिना मेडिकल चेकअप करवाए ओवरट्रेनिंग करने लगते हैं। बहुत ज़्यादा या एक्सट्रीम वर्कआउट दिल पर अनावश्यक दबाव डालता है। शरीर को आराम देना उतना ही ज़रूरी है जितना एक्सरसाइज़ करना।

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