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World Pneumonia Day: विश्व निमोनिया दिवस 2025, बच्चों और बुजुर्गों की जान बचाने का वैश्विक अभियान

World Pneumonia Day, हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों में निमोनिया जैसी गंभीर श्वसन रोग के प्रति जागरूकता फैलाना और इससे बचाव के उपायों पर बल देना है।

World Pneumonia Day : हर सांस की सुरक्षा के लिए एकजुट हों, विश्व निमोनिया दिवस 2025 की थीम और उद्देश्य

World Pneumonia Day, हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों में निमोनिया जैसी गंभीर श्वसन रोग के प्रति जागरूकता फैलाना और इससे बचाव के उपायों पर बल देना है। निमोनिया एक ऐसा संक्रमण है जो फेफड़ों में सूजन पैदा करता है और अगर समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए यह बीमारी सबसे ज्यादा खतरनाक होती है।

विश्व निमोनिया दिवस का इतिहास

विश्व निमोनिया दिवस की शुरुआत वर्ष 2009 में “ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया” (Global Coalition Against Child Pneumonia) के द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था दुनियाभर में हो रहे लाखों बच्चों की मौत को रोकना जो हर साल इस संक्रमण के कारण दम तोड़ देते हैं। आज यह दिवस सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि सभी आयु वर्ग के लोगों में निमोनिया की गंभीरता को समझाने का एक वैश्विक अभियान बन चुका है।

2025 की थीम

विश्व निमोनिया दिवस 2025 की थीम है “Protect Every Breath: Prevent Pneumonia Now” (हर सांस की सुरक्षा करें, अब निमोनिया को रोकें)। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि हर इंसान को स्वच्छ हवा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच मिलनी चाहिए ताकि किसी की जान सिर्फ एक सांस की कमी से न जाए।

क्या है निमोनिया?

निमोनिया (Pneumonia) एक श्वसन संबंधी संक्रमण है जो फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस या फंगल संक्रमण के कारण होता है। इस बीमारी में फेफड़ों के एयर सैक (alveoli) में पस या तरल पदार्थ भर जाता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। यह बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

निमोनिया के मुख्य कारण

निमोनिया कई कारणों से हो सकता है, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. बैक्टीरियल संक्रमण: सबसे आम कारण Streptococcus pneumoniae बैक्टीरिया है।
  2. वायरल संक्रमण: इन्फ्लुएंजा, RSV (Respiratory Syncytial Virus), या कोरोना वायरस से भी निमोनिया हो सकता है।
  3. फंगल संक्रमण: कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में फंगल निमोनिया देखा जाता है।
  4. धूम्रपान और प्रदूषण: फेफड़ों की कार्यक्षमता घटाने वाले प्रमुख कारण हैं।
  5. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: कुपोषण, एचआईवी, या अन्य दीर्घकालिक बीमारियां भी निमोनिया के जोखिम को बढ़ाती हैं।

निमोनिया के लक्षण

निमोनिया के लक्षण व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं, लेकिन आम तौर पर इनमें शामिल हैं —

  • तेज बुखार और ठंड लगना
  • खांसी (कभी-कभी कफ या पस के साथ)
  • सांस लेने में कठिनाई
  • छाती में दर्द
  • थकान या कमजोरी
  • नींद में कमी या बेचैनी (खासकर बच्चों में)

निमोनिया का निदान

डॉक्टर निमोनिया की पुष्टि के लिए कुछ प्रमुख जांचें करवाते हैं, जैसे —

  • एक्स-रे (Chest X-ray): फेफड़ों में संक्रमण की स्थिति देखने के लिए।
  • ब्लड टेस्ट: संक्रमण के प्रकार का पता लगाने के लिए।
  • स्पुटम टेस्ट: खांसी के म्यूकस से संक्रमणकारी जीवाणु की पहचान करने के लिए।
  • ऑक्सीजन सैचुरेशन टेस्ट: शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा मापने के लिए।

इलाज और देखभाल

निमोनिया का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है —

  • बैक्टीरियल निमोनिया: एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।
  • वायरल निमोनिया: आराम, तरल पदार्थ और लक्षणों के अनुसार दवाएं दी जाती हैं।
  • गंभीर मामलों में: अस्पताल में भर्ती होकर ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है।

साथ ही, मरीज को पर्याप्त आराम, पौष्टिक आहार और तरल पदार्थ लेना बहुत जरूरी है।

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निमोनिया से बचाव के उपाय

निमोनिया से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. टीकाकरण (Vaccination):
    • बच्चों को PCV (Pneumococcal Conjugate Vaccine) और Hib Vaccine अवश्य लगवाएं।
    • बुजुर्गों को भी वार्षिक फ्लू वैक्सीन और निमोनिया वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है।
  2. स्वच्छता का पालन:
    • बार-बार हाथ धोना, मास्क पहनना और साफ वातावरण में रहना।
  3. धूम्रपान से दूरी:
    • तंबाकू फेफड़ों को कमजोर करता है और संक्रमण के प्रति संवेदनशील बनाता है।
  4. संतुलित आहार:
    • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन और प्रोटीन से भरपूर भोजन लें।
  5. वायु प्रदूषण से बचाव:
    • घर और आसपास का वातावरण धूल और धुएं से मुक्त रखें।

बच्चों में निमोनिया — एक वैश्विक चिंता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनियाभर में लगभग 7 लाख से अधिक बच्चे निमोनिया के कारण अपनी जान गंवाते हैं। यह पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है, विशेषकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में। भारत जैसे देशों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, कुपोषण और वायु प्रदूषण इस बीमारी के फैलाव में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

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सरकार और संगठनों की भूमिका

भारत सरकार और WHO मिलकर कई टीकाकरण और स्वास्थ्य अभियान चला रहे हैं, जैसे —

  • मिशन इंद्रधनुष
  • राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK)
  • UIP (Universal Immunization Programme)

इन कार्यक्रमों के माध्यम से निमोनिया और अन्य बाल रोगों से बचाव के लिए वैक्सीन और जागरूकता फैलाई जा रही है।विश्व निमोनिया दिवस हमें यह याद दिलाता है कि फेफड़ों की यह बीमारी जितनी आम लगती है, उतनी ही खतरनाक भी है। सही समय पर पहचान, टीकाकरण और स्वच्छ जीवनशैली अपनाकर इसे रोका जा सकता है। हर व्यक्ति को अपने परिवार और समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए ताकि किसी की जान सिर्फ एक सांस की कमी से न जाए।

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