World Listening Day: वर्ल्ड लिसनिंग डे 2025, सुनने की कला को समझने का दिन
World Listening Day, हर साल 18 जुलाई को "वर्ल्ड लिसनिंग डे (World Listening Day)" मनाया जाता है।
World Listening Day : वर्ल्ड लिसनिंग डे, ध्वनियों से जुड़ने और भीतर झांकने का अवसर
World Listening Day, हर साल 18 जुलाई को “वर्ल्ड लिसनिंग डे (World Listening Day)” मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में सुनने की कला, ध्वनि की भूमिका और श्रवण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। World Listening Day का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि सुनना केवल एक जैविक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सामाजिक, मानसिक और सांस्कृतिक अनुभव भी है।
इस दिन की शुरुआत कैसे हुई?
World Listening Day की शुरुआत World Listening Project नामक एक अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा वर्ष 2010 में की गई थी। इस दिन को कनाडाई संगीतकार और पर्यावरण ध्वनि विशेषज्ञ R. Murray Schafer की स्मृति में मनाया जाता है, जिनका जन्म 18 जुलाई को हुआ था। Schafer ने “soundscape ecology” की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया, जिसके तहत यह समझा जाता है कि ध्वनि केवल शोर नहीं, बल्कि हमारे वातावरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
वर्ल्ड लिसनिंग डे का उद्देश्य
-लोगों को ध्वनियों के प्रति अधिक जागरूक बनाना
-प्राकृतिक और मानवीय ध्वनियों के संतुलन को समझना
-पर्यावरणीय ध्वनि प्रदूषण के प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करना
-गंभीर और संवेदनशील तरीके से सुनने की आदत को बढ़ावा देना
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सुनना: एक अनदेखी शक्ति
हम अक्सर बोलने को महत्व देते हैं, लेकिन सुनना संवाद की आत्मा होता है। चाहे वह किसी दोस्त की बात हो, किसी शिक्षक की शिक्षा हो, या प्रकृति की आवाज़ें – सुनना हमें जोड़ता है, समझने की क्षमता देता है और एक बेहतर इंसान बनाता है। वर्ल्ड लिसनिंग डे पर यह भी विचार किया जाता है कि कैसे ध्वनि प्रदूषण हमारे मानसिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को प्रभावित करता है। तेज़ ट्रैफिक, मशीनों की आवाजें, मोबाइल अलर्ट्स – ये सब मिलकर हमारी श्रवण संवेदनशीलता को कम कर देते हैं।
इस दिन क्या किया जाता है?
-लोग “ध्वनि चलन (Sound Walks)” में हिस्सा लेते हैं, यानी शांत वातावरण में टहलते हुए सिर्फ आसपास की आवाज़ों को सुनना।
-स्कूलों और कॉलेजों में कार्यशालाएं होती हैं, जिनमें सुनने की तकनीकों और ध्वनि संरक्षण पर चर्चा होती है।
-संगीत, ध्यान और योग जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से भीतर की आवाज़ों को सुनने की प्रेरणा दी जाती है।
-सोशल मीडिया पर लोग अपने अनुभव साझा करते हैं कि किसी आवाज़ ने उनके जीवन को कैसे प्रभावित किया।
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बच्चों और युवाओं के लिए संदेश
आज की तेज़ रफ्तार दुनिया में बच्चे और युवा मोबाइल, हेडफोन और डिजिटल शोर में घिरे रहते हैं। वर्ल्ड लिसनिंग डे यह सिखाता है कि कभी-कभी चुप रहना और ध्यान से सुनना ही सबसे बड़ा ज्ञान होता है। इससे न केवल एकाग्रता बढ़ती है, बल्कि सहानुभूति और समझदारी भी आती है। World Listening Day हमें यह याद दिलाता है कि सुनना एक कला है, जिसे अगर सही ढंग से अपनाया जाए तो यह हमारे रिश्तों, पर्यावरण और आत्मिक शांति में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह दिन आह्वान करता है कि हम न सिर्फ अपने आसपास की ध्वनियों को सुनें, बल्कि लोगों की भावनाओं, प्रकृति की पुकार और अपने भीतर की आवाज़ को भी समझें।
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