World Book Day 2020: इंटरनेट और कंप्यूटर की दुनिया में भी, दिल में खास जगह है किताबों की
World Book Day 2020: क्यों मानते है विश्व पुस्तक दिवस?
World Book Day 2020: आज दुनियाभर में विश्व पुस्तक दिवस मनाया जा रहा है। किताबों को पढ़ने वाले और चाहने वाले के लिए आज का दिन बहुत खास है। आज के समय में जब हमारे पास कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी सुविधाएं है तब भी कुछ लोग किताबों को पढ़ना पसंद करते हैं। UNESCO ने 23 अप्रैल 1995 को विश्व पुस्तक दिवस शुरुआत की थी। जिसके बाद से दुनिया में इस दिन को विश्व पुस्तक दिवस के तौर पर मनाती है। 1923 में प्रसिद्ध राइटर मीगुयेल डी सरवेन्टीस को सम्मानित करते हुए बताया गया था कि मीगुयेल की याद में विश्व पुस्तक दिवस को मनाया जाएगा। उनका देहांत 23 अप्रैल को हुआ था, जिसके बाद से 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाने लगा।
कैसे किताबें सिखाती है, जीने की कला?
अपने ये तो सुना ही होगा की किताबें अमर होती है, मनुष्य की सच्ची मित्र होती है। जो प्रत्येक परिस्थिति में बखूबी साथ निभाती है। एक अच्छी किताब हमें सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती है। किताबें हमें अतीत, वर्तमान और भविष्य तीनों काल की जानकारी देती है। साथ ही हमारे व्यक्तित्व का निर्माण कर हमें जीवन जीने की कला सिखाती हैंं। अगर हम ये बोले की किताबें सोच बनाने व बदलने का माद्दा रखती है। तो ये बिलकुल भी गलत नहीं होगा।
कभी नहीं मिट सकता किताबों का अस्तित्व
किताबों का अस्तित्व कभी खत्म नहीं हो सकता। आज के समय में भले ही लोग कंप्यूटर और इंटरनेट से पढ़ने लगे है लेकिन हर व्यक्ति के लिए कंप्यूटर और इंटरनेट से पढ़ना संभव नहीं है किताबों की जगह कभी भी लैपटॉप नहीं ले सकते। किताबें हमेशा हर वक्त का साथ निभाती हैं फिर चाहे वह बाल साहित्य हो या धार्मिक ग्रंथ। कोई साथ निभाये या नहीं, किताबें हमेशा साथ निभाती है।
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विश्व पुस्तक दिवस पर पढ़े गुलजार साहब की कुछ प्रसिद्ध कविताएं
किताबें!
किताबें झांकती हैं बंद आलमारी के शीशों से,
बड़ी हसरत से तकती हैं,
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती,
जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं,
अब अक्सर गुजर जाती है कंप्यूटर के पर्दों पर..!
वैसे तो गुलजार साहब ने अनगिनत कविताएँ लिखी है परन्तु ये कविता किताबों के उस दौर की याद दिलाती है जब किताबें जीवन का अभिन्न अंग हुआ करती थीं।
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