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Skyscraper Month: स्काईस्क्रेपर मंथ 2025, ऊंचाइयों की कल्पना से हकीकत तक का सफर

Skyscraper Month, हर साल अगस्त महीने को Skyscraper Month के रूप में मनाया जाता है। यह महीना उन गगनचुंबी इमारतों को समर्पित होता है जो न सिर्फ शहरों की पहचान बन चुकी हैं,

Skyscraper Month : जब इमारतें छूने लगीं आसमान, जानिए स्काईस्क्रेपर मंथ का महत्व

Skyscraper Month, हर साल अगस्त महीने को Skyscraper Month के रूप में मनाया जाता है। यह महीना उन गगनचुंबी इमारतों को समर्पित होता है जो न सिर्फ शहरों की पहचान बन चुकी हैं, बल्कि इंसानी कल्पनाशक्ति, तकनीकी विकास और वास्तुकला की ऊंचाइयों का प्रतीक भी हैं। Skyscraper Month हमें उन इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स और मज़दूरों की मेहनत का एहसास कराता है, जिनकी वजह से आज आसमान छूती इमारतें हकीकत बन पाई हैं।

Skyscraper Month का इतिहास

स्काईस्क्रेपर यानी गगनचुंबी इमारतों का इतिहास 19वीं सदी के अंत से शुरू होता है। साल 1885 में अमेरिका के शिकागो शहर में बनी होम इंश्योरेंस बिल्डिंग को दुनिया की पहली स्काईस्क्रेपर माना जाता है। यह सिर्फ 10 मंज़िला थी, लेकिन इस इमारत में पहली बार स्टील फ्रेम तकनीक का इस्तेमाल हुआ, जिसने भवन निर्माण को नई दिशा दी। इसके बाद न्यूयॉर्क जैसे शहरों में एम्पायर स्टेट बिल्डिंग और क्राइसलर बिल्डिंग जैसी ऊंची इमारतों ने दुनिया को चौंका दिया। धीरे-धीरे यह ट्रेंड एशिया और खाड़ी देशों तक पहुंचा, जहां दुबई की बुर्ज खलीफा ने दुनिया की सबसे ऊंची इमारत होने का गौरव प्राप्त किया।

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क्यों मनाया जाता है स्काईस्क्रेपर मंथ?

Skyscraper Month का उद्देश्य इन इमारतों की तकनीकी, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक महत्ता को समझना और लोगों को इसकी जानकारी देना है। यह महीना हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे सीमित ज़मीन में अधिक से अधिक लोगों को बसाने की चुनौती को ऊंची इमारतों ने हल किया है। यह केवल वास्तुकला का पर्व नहीं है, बल्कि यह शहरीकरण, नवाचार और सतत विकास (Sustainable Development) से भी जुड़ा हुआ है। आज के स्काईस्क्रेपर सिर्फ ऊंचे नहीं होते, बल्कि वे ग्रीन टेक्नोलॉजी, ऊर्जा कुशल सिस्टम और स्मार्ट फीचर्स से भी लैस होते हैं।

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भारत में स्काईस्क्रेपर

भारत भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है। मुंबई, नोएडा, गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसे शहरों में कई गगनचुंबी इमारतें बन चुकी हैं या निर्माणाधीन हैं। मुंबई की Palais Royale और Lodha World One जैसी इमारतें भारतीय स्काईस्क्रेपर की पहचान बन रही हैं। Skyscraper Month सिर्फ इमारतों का उत्सव नहीं है, यह इंसानी सपनों और तकनीकी चमत्कारों का भी जश्न है। यह महीना हमें याद दिलाता है कि जब इरादे बुलंद हों, तो इंसान सच में ‘आसमान को छू सकता है’। तो इस अगस्त, अपनी खिड़की से जब भी किसी ऊंची इमारत को देखें, तो उस सोच, मेहनत और कला को जरूर सलाम करें जिसने इसे संभव बनाया।

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