जाने क्या ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली और गर्भवती महिलाओं को लेनी चाहिए कोरोना वैक्सीन
जाने ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली और गर्भवती महिलाओं की लिए वैक्सीन कितनी सुरक्षित है
अभी हमारे देश में कोरोना की दूसरी लहर घातक रूप ले चुकी है। ऐसे में इस घातक और जानलेवा बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय सिर्फ वैक्सीन ही है। अभी इस कोरोना वायरस से बचने के लिए इसके खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस 1 मई से हमारे देश में 18 साल से अधिक आयु के लोगों को भी कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। लेकिन इन सबके बीच एक अहम सवाल यह भी पैदा होता है कि जो भी महिलाएं बच्चों को दूध पिला रही हैं, क्या वे वैक्सीन ले सकती हैं या नहीं? तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है कि इससे लेकर आईसीएमआर की एईएफआई और नैगवैक कमेटी की सलाहकार डॉ एनके अरोड़ा क्या कहते हैं?
क्या ब्रश फीडिंग कराने वाली और गर्भवती महिलाएं लगवा सकती कोरोना का टीका
कोरोना जैसे घातक और जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिए अभी पूरी दुनिया में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जैसा की हम सभी लोग जानते है कि 16 जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोरोना वैक्सीन की शुरुआत की गयी थी इस टीकाकरण अभियान के पहले चरण में ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली और गर्भवती महिलाओं को कोरोना की वैक्सीन न लगाने की सलाह दी गई थी। लेकिन अभी हाल ही में नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन कमेटी ने ब्रश फीडिंग कराने वाली महिलाओं को टीकाकरण पात्रता में शामिल करने की सिफारिश की है। इस सिफारिश में यह कहा गया था कि जिन महिलाओं के बच्चे 42 दिन से अधिक के है वो सभी महिलाएं कोरोना की वैक्सीन लगवा सकती है। जबकि गर्भवती महिलाओं के लिए नियम पहले वाले ही रहेंगे।
अगर ब्रश फीडिंग कराने वाली और गर्भवती महिलाएं कोरोना वैक्सीन लगवाती है तो उनको इसका क्या प्रभाव पड़ेगा
जैसा की हम सभी लोग जानते हैं कि अभी हमारे देश में जितनी भी कोरोना वैक्सीन को प्रयोग की आपातकालीन अनुमति दी गई है, उन सभी को सुरक्षा और प्रभावकारिता के सभी मानकों पर जांचा गया है। लेकिन गर्भवती और ब्रश फीडिंग कराने वाली महिलाओं को कोरोना वैक्सीन के परीक्षण में शामिल नहीं किया गया था, इसलिए उन पर वैक्सीन का क्या असर होगा, इसका अभी को भी पुख्ता प्रमाण नहीं है। अगर अभी नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन कमेटी की नई सिफारिश के बाद यदि ब्रश फीडिंग कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन दी जाती है तो उनको मामूली बुखार, वैक्सीन वाली जगह पर लाल निशान और बॉडी में हल्का दर्द आदि फील होगा। जिसे किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है।