लाइफस्टाइल

सहवास (लिव-इन रिलेशनशिप) : अच्छे या बुरे

सहवास


सहवास जिसे हम इंग्लिश में कोहैबिटेशन या लिव-इन रेलेशन्शिप के नाम से जानते हैं कोई नया विषय नही है। यह कितने सालों से चलता आ रहा है बस फ़र्क़ इतना ही की अब ये ज़्यादा चर्चा का केंद्र बन गये हैं। हम कितनी बार सुनते हैं की कोई ना कोई मशहूर कलाकार लिव इन रेलेशन्शिप में रह रहा है या रह रही है। तो आख़िर लिव इन रेलेशन्शिप है क्या? आसान शब्दों में बोला जाए तो यह दो प्रेमियों का एक साथ रहना का ढंग है जिसमें वे बिना शादी करे एक दूसरे के साथ एक ही घर मे रहते हैं।

आप जानते भी नही होंगे की ये आज के ज़माने मेल कितने सामान्य हो गये हैं। पहली बात की आख़िर ये भारत में कैसे शुरू हुए। सबसे पहला कारण पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव को माना जा सकता है। दूसरा जैसे जैसे हमारे देश में तरक़्क़ी हुई वैसे वैसे लोगों की सोच भी खुलने लगी। अब बच्चे कम ही उम्र में घर  दूर रहकर पढ़ने लगते हैं और यह भी लिव इन रेलेशन्शिप का कारण है। घर से दूर रहकर जॉब करने वाले लोग भी लिव इन रेलेशन्शिप में रहना ग़लत भी समझते।

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पर क्या यह सच में एक अच्छा विकल्प है? इसमें कोई शक नही की हर चीज़ के दो पहलू होते ही हैं एक सकारात्मक और एक नकारात्मक। अगर इसके सकारात्मक पहलू देखे जायें तो वे होंगे की इसमें शादी की तरह कोई मुश्किल नही होती, आप इस बंधन में तब तक रह सकते हैं जब तक आपका मन चाहेगा। क्योंकि इसमें कोई बंधन नही होते रो आप फ़्री महसूस करते हैं और जब कुछ ज़्यादा रोक टोक नही होती तब सम्बंध बेहतर होते हैं। शादी के बंधन में एक दूसरे के साथ सदा के लिए अनिवार्य होता है जो कभी कभी बोझ बन जाता है ऐसा लिव-इन रिलेशन में नही होता।

नकारात्मक पहलू देखे जाएँ तो वे यह होंगे की अभी हमारे समाज का उतना विकास नही हुआ है की वे ऐसे सम्बन्धों को अपना सके, आपको कई परिस्थितियों में समाज के तानों का सामना करना पड़ सकता है जो आपको निराश बना सकता है। हमारा समाज जल्दी से उन लोगों को नही अपनाता जो बिना शादी के अपने से विपरीत लिंग के साथ रहते हैं ख़ासकर यदि लड़कियाँ बिना शादी के अकेले रहे या फिर लिव इन में रहें उन्हें बुरी नज़र से देखा जाता है और तरह तरह की बातें बनायी जाती है। और साथ ही साथ यह हमारी सदीयों से चली आ रही भारतीय शादी की परम्परा की मर्यादा का भी खंडन करते हैं।

हम सीधा निर्णय नही ले सकते की ये उचित हैं या अनुचित पर हम इसके दोनो पहलू को अपने दिमाग़ में रखते हुए समझदारी से काम ले सकते है। लिव इन रिलेशन में हर किसी का अनुभव लग होता है। किसी के रिलेशन सक्सेस्फ़ुल होते हैं और वो शादी के लेते हैं और कई के बहुत ख़राब भी होते हैं। जहाँ ये एक डिस्रेस्पेक्ट को जानने का बेहतरीन विकल्प देती हैं वही ये अपने साथ लोगों के ताने भी लाती है। लिव इन में रहने वाले इंसानो पर निर्भर करता है की उनका अनुभव कैसा होगा।

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