लद्दाख में नजर आती है कश्मीर की खूबसूरत वादियां
यहाँ जाने लद्दाख की सभ्यता से जुड़ी कुछ खास बातें
कहते है अगर सच में जन्नत का नज़ारा देखना चाहते है तो आप कश्मीर चले जाए .वहाँ की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी और सबसे असल में जन्नत देखना है तो कश्मीर में स्थित लद्दाख चले जाए जो की आपको किसी जन्नत से कम नहीं लगेगी. लद्दाख में घूमने का सबसे सही समय जुलाई और सितम्बर के बीच का है यहाँ का तापमान अच्छा रहता है और यहाँ हमेशा ठण्ड रहती है
अगर आप इस साल सर्दियों में लद्दाख जाने की सोच रहे है तो यह कुछ चीजे है जिन्हे जानना आपके लिए बेहद जरुरी है. आपको बता दे की लद्दाख कश्मीर में है लेकिन कश्मीर की सभ्यता और संस्कृति कश्मीर से बिल्कुल अलग है इसलिए वहाँ जाने से पहले एक बार वहाँ के रीति-रिवाज़ों के बारे में जान ले ताकि जब आप वहाँ घूमने जाए तो वहाँ के लोगो को अच्छे से जान सके.
जाने लद्दाख की संस्कृति और सभ्यता के बारे में:
1.रहन – सहन
यहाँ के लोगो का रहन- सहन बहुत साधारण है. यहाँ सभी एक दूसरे से बहुत प्यार करते है और एक दूसरे की इज्ज़त भी करते है. यहां के ज्यादातर लोग खेती और भेड़ चराने का काम करते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी है जो टूरिज़्म के द्वारा अपने घर का खर्च चलाते है.
साथ ही लोग यहाँ पहाड़ों पर मिलने वाले फ़ेमस फ़ूड जैसे थुपका, मोमो, सकु और थेनतुक जैसी चीजें बनाते और खाते है.इसके अलावा वहां कि पारंपरिक बटर टी और पाबा भी बड़े ही मन से खाये जाते है.यहाँ पर पुरुष सामान्य तौर पर Goucha नाम की एक लंबी ऊनी पोशाक पहनते हैं और महिलाएं एक लंबी ड्रेस पहनती हैं जिसे Kuntop और Bok कहा जाता है.
2.परंपराएं
यहाँ की परम्परा थोड़ी अलग है और लोग बहुत धार्मिक है. यहाँ के ज़्यादातर लोग बौद्ध धर्म को मानते है.
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3.रिवाज़
इनके रिवाज़ के अनुसार इन लोगो को संस्कृति और इतिहास से जुड़ी चीजों को सेलिब्रेट करना अच्छा लगता है.इनका पसंदीदा खेल पोलो है. मगर अब कुछ लोग नए ज़माने के हिसाब से फ़ुटबॉल और क्रिकेट भी खेलने लगे हैं.
4.भाषा
लद्दाख में सबसे ज्याद भाषा लद्दाखी, बालती, तिब्बतियन और उर्दू भाषा बोली जाती है.