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Jagannath Rath Yatra: 1 जुलाई को निकली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा, इस बार ऑटोमेटिक रथ पर सवार होंगे भगवान जगन्नाथ

Jagannath Rath Yatra: कोरोना की लंबी लड़ाई के बाद इस साल की जगन्नाथ रथ यात्रा होगी बेहद खास


  • जाने क्यों हर साल 1 जुलाई को निकली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा
  • जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान जगन्नाथ मंदिर से हर साल तीन रथ निकाले जाते है
  • जाने इस बार की जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों है बेहद खास

Jagannath Rath Yatra: उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर भारत के चार पवित्र धामों में से एक है। यहां हर साल आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा का आरंभ 1 जुलाई से शुरू होकर समापन 12 जुलाई को होगा। हमारे हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को अपनी मौसी के घर जाते हैं। ओडिशा के पुरी शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर में हर साल धूमधाम के साथ रथयात्रा निकाली जाती है। जगन्नाथ मंदिर से हर साल तीन रथ सजेधजे निकाले जाते हैं। इनमें सबसे आगे भगवान जगन्नाथ के भाई बलराज जी का रथ, बीच में उनकी बहन सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ चलता है।

जाने इस बार की जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों है बेहद खास

जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदुओं के बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस त्योहार को झारखंड, उड़ीसा और देश कई राज्यों में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस साल कोरोना महामारी की लंबी लड़ाई के बाद अब जगन्नाथ रथ यात्रा को मंजूरी मिल गई है। इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा को बेहद खास तरीके से मनाया जायेगा।

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इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारी धनबाद में अलग तरीके से की जा रही है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा इस बार हाईटेक और इलेक्ट्रॉनिकल तरीके से होगी, जिसका निर्माण बीआईटी और आईआईटी आईएसएम के छात्रों द्वारा किया जा रहा है। इस बार हम सभी लोगों को सड़कों पर रथ यात्रा का एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।

सिर्फ 20 दिनों में छात्रों ने तैयार किया भगवान जगन्नाथ का रथ

अभी लम्बे समय बाद लगभग 27 महीनों बाद राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से संबंधित सभी तरह की गतिविधियों को सशर्त अनुमति दे दी है। राज्य सरकार की इस अनुमति के बाद अब इस साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी। इस साल धनबाद में भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा की जिम्मेदारी आईआईटी आईएसएम और बीआईटी के छात्रों को दी गई है। ये सभी छात्र इस्कॉन संस्था के अंतर्गत रथ यात्रा की तैयारी कर रहे हैं। छात्रों की मानें तो उन्हें इससे बनाने के लिए लगभग 20 दिनों का समय लगा है। इससे कुल 10 छात्रों ने दिन रात मेहनत करके बनाया है। आपको बता दें कि इसके लिए शहरों में तार और केबल का जाल बिछा हुआ है। जिसे देखते हुए भगवान जगरनाथ का रथ हाइड्रोलिक बनाया गया। रथ में अलग-अलग झांकियां भी होगी, रथ को फूलों से सजाया भी जायेगा।

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इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा में 10 हजार से अधिक भक्त होंगे शामिल

अगर हम हिंदू धर्म की मान्यताओं की माने, तो आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होकर अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। इसके लिए हर साल की तरह इस साल भी रथ बनकर पूरी तरह तैयार हो चुके है। इस साल पहली बार धनबाद की  सड़कों पर लोगों को इलेक्ट्रॉनिक मशीन से बनाए गए गुंबज वाले रथ देखने को मिलेंगे। अभी आशा लगाई जा रही है कि इस बार लगभग 10 हजार से अधिक भक्त जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल हो सकेंगे। रथ को बनाने वाले छात्र बताते हैं कि अभी रथ पूरी तरह से तैयार है और इसमें फुल्ली नामक मशीन का इस्तेमाल किया गया है। जो की मोटर से चलता है। इस मोटर के सहारे गुंबज 5 फीट से 30 फिट ऊपर और नीचे होगा। बहरहाल इस बार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी और जिस की तैयारी भी धनबाद में पूरी कर ली गई है।

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