लाइफस्टाइल

क्या आपके सभी Financial Matter आपका पति हैंडल करता हैं: जानिये आंकड़ें क्या कहते हैं?

भारतीय महिलाएं क्या अब भी नहीं है Financially Independent?


How to be financially independent: भारत में देखा गया कि अधिकत्तर महिलाओं के फाइनेंशियल मैटर उनके पति या घर के बड़े पुरुष ही संभालते हैं। बेशक, महिलाएं वर्किंग ही क्यों ना हों, लेकिन वे फाइनेंशियल मैटर से संबंधित सभी जानकारियां अपने हस्बेंड से न सिर्फ शेयर करती हैं बल्कि उन्हीं से अपना एकाउट हैंडल करवाती हैं। ये हम नहीं कह रहे बल्कि हाल ही में आई रिपोर्ट में भी साबित हुआ है। जानें, क्या कहते हैं रिपोर्ट में मौजूद आंकड़े।

2017 में इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली 100 बड़े पद की शिक्षित महिलाओं में से 92 प्रतिशत ने इस बात को स्वीकार किया है कि सभी वित्तीय निर्णय परिवार के पुरुष सदस्यों द्वारा या उनके पति द्वारा लिए जाते हैं।रिपोर्ट में कहा गया कि महिलाओं को सबसे अधिक वित्तिीय मैटर्स संभालने में उस समय दिक्कतें आती हैं जब अचानक फाइनेंशियल मैटर संभालने वाले पुरुष या पति की मौत हो जाती है या फिर कोई बड़ा हादसा हो जाता है। रिपोर्ट में पाया गया कि महिलाओं को फाइनेंशियल मैटर की ना तो कोई जानकारी होती है और ना ही कोई सुराग होता है, ऐसे में उन्हें फाइनेंस से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाओं और दस्तावेजों की तलाश करनी पड़ती है।

और पढ़ें: Women’s Day 2020: क्या है इस साल की अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम?

मुंबई में वर्किंग समिक्षा सिंह के पति का 35 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्हें वित्तीय अनिश्चितता का सामना करते हुए बहुत ज्यादा नुकसान से जूझना पड़ा। वे कहती हैं कि मुझे अपने पति के निवेशों के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं थी। मुझे यह भी पता नहीं था कि क्या हमारे पास बीमा है।

रिपोर्ट में कहा गया कि आजकल की अनिश्चितता के चलते जोडि़यों को एक वित्तीय ब्लैक बॉक्स बनाना चाहिए। ये भौतिक या डिजिटल हो सकता है जिसमें सभी आवश्यक सभी जानकारियां और दस्तावेज़ शामिल हों। वित्तीय ब्लैक बॉक्स की जरूरत इसीलिए है क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर महिलाएं अपने वित्त का प्रभार तभी लेती हैं जब कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है। ब्लैक बॉक्स यह सुनिश्चित करता है कि उनकी पूरी वित्तीय स्थिति एक क्लिक में उपलब्ध हो। यह भी सुनिश्चित करता है कि महिलाएं आपातकालीन स्थिति में उन्हें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button