Emotional Binge Eating: कहीं आप इमोशनल बिंज ईटिंग के शिकार तो नहीं?
Emotional Binge Eating:- इमोशनल बिंज ईटिंग के शिकार लोग इस आर्टिकल को ज़रूर पढ़ें।
Highlights:-
. क्या आपको भी बे वक्त मंचिंग की आदत है ?
. पेट भरे रहने के बावजूद बेवजह, बेवक्त खाने से खुद को रोक न पाना इमोशनल बिंज ईटिंग कहलाता है।
Emotional Binge Eating: क्या आप इमोशनल बिंज ईटिंग के बारे में जानते हैं। शायद आपको पता भी नहीं हो लेकिन हो सकता है कि आप भी इसके शिकार हों। आप चिंता न करें आज हम आपको इमोशनल बिंज ईटिंग के बारे में बताएंगे, इसके लक्षण और इससे बचने के उपाय भी हम आपसे साझा करेंगे।
क्या आपको भी बे वक्त मंचिंग की आदत है ? क्या कई बार भूख न होने के बावजूद भी आप तले – भुने पापड़, फ्रेंच फ्राइज़, आइसक्रीम, पिज्जा, नमकीन, कुकीज़ या कुछ भी तीखा, चटपटा, मीठा जैसी चीजें खा लेते हैं और फिर बाद में थोड़ी स्वास्थ्य में ऊँच – नीच होने पर खुद को कोसते हैं। जी हाँ अगर आप कुछ ऐसा करते हैं तो आप इमोशनल बिंज ईटिंग के शिकार हैं। पेट भरे रहने के बावजूद बेवजह, बेवक्त खाने से खुद को रोक न पाना इमोशनल बिंज ईटिंग कहलाता है।
सुख, दुख, गुस्सा, चिंता, डर, एंग्जाइटी, निराशा ये सारी भावनाएं आपके खाने की आदत को कंट्रोल करती है। ज्यादा खुश होने पर आप ज्यादा खा लेते हैं और ज्यादा दुखी होने पर आप जंक फूड की ओर नज़र करते हैं।
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Emotional Binge Eating की शुरुआत किन वजहों से होती है
वर्तमान समय में लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि इंसानी दिमाग शांत नहीं रहता। हमेशा कोई न कोई बात दिमाग में चल रही होती है। ऐसे में कभी – कबार परिस्थितियाँ कुछ ऐसी हो जाती हैं कि हम मानसिक तौर पर अस्थिर महसूस करने लग जाते हैं। फिर हम इन ख्यालों और चिंताओं से बचने के लिए अपने दिमाग को व्यस्त रखने का प्रयास करते हैं और फिर हम मन्चिंग की तरफ रूख करते हैं। स्ट्रेस की वजह से शुरू हुई खाने – पीने की ये आदत ईमोशनल बिंज ईटिंग की शुरुआत की वजह बनती है।
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यह साबित भी हो चुका है कि आमतौर पर स्ट्रेस के दौरान ज्यादातर लोगों में मीठा खाने की तलब जागती है। कई डाइटीशियन्स का कहना है कि ईमोशनल बिंज ईटिंग होने के कई वजहें होती हैं। उनमें से एक वजह है एक्स्ट्रा स्ट्रिक्ट डाइटिंग। जब कोई अपना फिगर मेंटेन करने या वजन घटाने के लिए स्ट्रीक्ट डाइटिंग करे और एक हद के बाद अपने खाने – पीने पर काबू न रख पाए, तब इमोशनल बिंज ईटिंग की समस्या हो सकती है। किसी बात से परेशान होने की वजह से स्ट्रेस रिलीज होती है। इसकी वजह से हार्मोनल इम्बैलेंस की परेशानी भी देखी जाती है। और यही कारण है कि लोगों की ईटिंग हैबिट्स बदलती है।
कई शोध में ऐसा देखा गया है कि इमोशनल ईटिंग जेनेटिक भी होते हैं। परिवार के किसी सदस्य में स्ट्रेस, एंग्जायटी की वजह से बिना भूख के खाने की आदत विकसित हो गई हो, तो मुमकिन है कि परिवार के अन्य लोगों में भी बिंज ईटिंग के मामले देखे जाएं।
Me: not even trying to hide my tears, outrage and emotional binge eating ice cream…
My Kids: who is this Alex Karev? pic.twitter.com/NrEJofIzrf— Harfinfamily (@harfinfamily) January 12, 2020
क्या है बिंज ईटिंग के लक्षण
. अधिक खाने की लत लग जाना।
. भूख न लगने पर भी खाना।
. दूसरों के सामने खाने से बचना।
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. खाने के बाद गिल्ट महसूस करना।
. खाने की इच्छा को कंट्रोल न कर पाना।
. हमेशा जंक, फ्राइड और मीठा खाना।
भूख और खाने की इच्छा में अंतर करना बेहद ज़रूरी है। अगर बिना भूख के लगातार खाते रहने की आदत नहीं बदली गई, तो यह गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। इनमें मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम, लिवर की समस्याएं हैं।
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