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Screen Time : क्या है बच्चों के लिए सही स्क्रीन टाइम? जानिए इसके खतरनाक प्रभाव

Screen Time, बच्चों के विकास के लिए स्क्रीन टाइम को सही ढंग से प्रबंधित करना आवश्यक है, ताकि वे एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकें। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए हमें उनके स्क्रीन टाइम को समझदारी से प्रबंधित करना होगा, ताकि उनकी सेहत और विकास दोनों ही सुरक्षित रहें।

Screen Time : क्या है स्क्रीन टाइम के नुकसान? जानिए कैसे फ़ोन है बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए खतरा

Screen Time: आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। बच्चों के लिए भी ये उपकरण मनोरंजन और शिक्षा के साधन बन चुके हैं। हालांकि, यह ज़रूरी है कि हम समझें कि इन डिवाइसेज़ का अति प्रयोग, विशेष रूप से बच्चों के लिए, गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम के बढ़ते प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है ताकि माता-पिता और अभिभावक उनके भविष्य को सुरक्षित रख सकें।

Screen Time
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स्क्रीन टाइम, एक महत्वपूर्ण समस्या

स्क्रीन टाइम, उस समय को संदर्भित करता है जो कोई व्यक्ति टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट, या स्मार्टफोन जैसे उपकरणों का उपयोग करते हुए बिताता है। बच्चों के लिए, स्क्रीन टाइम का मतलब होता है वह समय जो वे गेम्स खेलने, वीडियो देखने, या सोशल मीडिया पर बिताते हैं। कई अध्ययन दिखाते हैं कि अत्यधिक स्क्रीन टाइम से बच्चों के शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्क्रीन पर लगातार देखने से आंखों में थकान, सूखापन, और धुंधलापन आ सकता है। यह बच्चों में निकट दृष्टि दोष (myopia) का कारण बन सकता है। बच्चों के आंखों के विकास के लिए प्राकृतिक प्रकाश में समय बिताना बहुत जरूरी है, लेकिन स्क्रीन टाइम इस विकास में बाधा डाल सकता है। अत्यधिक स्क्रीन टाइम का मतलब है कि बच्चा कम शारीरिक गतिविधि कर रहा है। इससे मोटापे का खतरा बढ़ जाता है, जो आगे चलकर हृदय रोग, मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। स्क्रीन का नीला प्रकाश मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को बाधित करता है, जो नींद के लिए आवश्यक है। इससे बच्चों को नींद आने में कठिनाई हो सकती है, और नींद की कमी से उनकी दिनचर्या और विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

1. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई : अत्यधिक स्क्रीन टाइम बच्चों में ध्यान भटकाने की प्रवृत्ति को बढ़ा सकता है। लगातार वीडियो गेम्स खेलने या सोशल मीडिया का उपयोग करने से उनकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो सकती है। अनुसंधानों से पता चला है कि अधिक स्क्रीन टाइम बच्चों में चिंता, अवसाद, और आत्मसम्मान की कमी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। सोशल मीडिया पर दूसरों के साथ लगातार तुलना करना बच्चों के आत्मसम्मान पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। बच्चों के मस्तिष्क का विकास उनके अनुभवों और गतिविधियों पर निर्भर करता है। जब बच्चे स्क्रीन के सामने अधिक समय बिताते हैं, तो यह उनके संज्ञानात्मक विकास को प्रभावित कर सकता है, जिससे उनकी सीखने और सोचने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।

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स्क्रीन टाइम आदतें

1. समय सीमा तय करें : माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के स्क्रीन टाइम के लिए एक निश्चित समय सीमा तय करें। 2-5 वर्ष के बच्चों के लिए, एक दिन में 1 घंटे से अधिक स्क्रीन टाइम नहीं होना चाहिए। बड़े बच्चों के लिए, यह सीमा 2 घंटे तक हो सकती है।

2. सक्रिय विकल्प प्रदान करें : बच्चों को शारीरिक गतिविधियों में संलग्न करना और उन्हें बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करना ज़रूरी है। इससे उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और वे स्क्रीन से दूर रहते हैं।

3. स्क्रीन टाइम को इंटरैक्टिव बनाएं : बच्चों के स्क्रीन टाइम को शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिए उपयोग किया जा सकता है। उन्हें इंटरैक्टिव शैक्षिक एप्स, दस्तावेज़ी फिल्में, या ऐसी गतिविधियों में संलग्न करें, जो उनके सीखने की क्षमता को बढ़ावा दें।

4. रात के समय स्क्रीन का उपयोग ना करें : सोने से कम से कम एक घंटे पहले बच्चों को स्क्रीन से दूर रखें। इससे उनकी नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है और वे बेहतर तरीके से सो सकते हैं।

5. परिवार के साथ समय बिताएं : बच्चों को परिवार के साथ समय बिताने के लिए प्रेरित करें। पारिवारिक खेल, पिकनिक, और बातचीत उन्हें एकजुट रख सकती है और उनका सामाजिक विकास भी कर सकती है।

6. स्क्रीन टाइम की निगरानी करें : माता-पिता को बच्चों के स्क्रीन टाइम की निगरानी करनी चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि बच्चे किस प्रकार की सामग्री देख रहे हैं और उसे किस तरह से प्रभावित कर रहा है।

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