Depression: बॉडी का टेंपरेचर बढ़ जाए तो न करें नजरअंदाज, डिप्रेशन के हैं लक्षण, स्टडी में हुआ खुलासा
Depression: हाल ही में जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट में एक स्टडी प्रकाशित हुई है जिसमें कहा गया है कि बॉडी टेंपरेचर बढ़ने से डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
Depression: बुखार को हल्के में न लें, डिप्रेशन की हो सकती समस्या, पढ़ें स्टडी रिपोर्ट
बॉडी टेंपरेचर के बढ़ने को आमतौर पर लोग बुखार समझ लेते हैं, लेकिन कई बार यह स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं का भी कारण बनता है। बॉडी टेंपरेचर बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई बार यह छाती या फिर पेट के इंफेक्शन की ओर भी इशारा करता है। हाल ही में जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट में एक स्टडी प्रकाशित हुई है जिसमें कहा गया है कि बॉडी टेंपरेचर बढ़ने से डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
हालांकि इस स्टडी में यह नहीं बताया गया है कि क्या डिप्रेशन के कारण शरीर का टेंपरेचर बढ़ता है या फिर हाई टेंपरेचर के कारण डिप्रेशन हो सकता है। इस स्टडी में यह फैक्ट भी अज्ञात है कि क्या डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों में हाई टेंपरेचर बॉडी सेल्फ-कूल क्षमता में भी कमी को दर्शाता है।
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क्या है स्टडी
स्टडी के लिए दुनियाभर से 20,000 लोगों को शामिल किया गया। सेल्फ असेस्मेंट और डिवाइस की मदद से इन लोगों के बॉडी टेंप्रेचर और डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में रोज पता किया गया। साल 2020 की शुरुआत में शुरू हुई स्टडी को सात महीनों तक किया गया। इस डाटा के विश्लेषण में पाया गया कि जिन लोगों में डिप्रेशन के लक्षण थे, उनके शरीर का तापमान भी औरों की तुलना में अधिक था। हालांकि, ऐसा क्यों होता है, इसकी वजह अभी तक सामने नहीं आ पाई है। लेकिन शरीर के कूलिंग प्रोसेस को शुरू करने के लिए हॉट बाथ और सोने की मदद लेना फायदेमंद हो सकता है।
डिप्रेशन क्या है
मनोरोग विशेषज्ञ के मुताबिक, डिप्रेशन एक तरह की मेंटल बीमारी है। हर उम्र के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। डिप्रेशन के शिकार लोग सुसाइड सबसे ज्यादा करते हैं। डिप्रेशन धीरे-धीरे शरीर में पनपती है और डर, चिंता और घबराहट के साथ इसकी शुरुआत होती है। हर किसी को अपनी लाइफ में कभी न कभी उदासी या घबराहट महसूस होती है। हफ्ते में ऐसा एक या दो बार भी हो सकता है लेकिन अगर ये चिंता, डर और उदासी हर दिन कई-कई घंटे तक बना रहता है तो ये डिप्रेशन होता है। इसकी वजह से बॉडी लैंग्वेज और कामकाज पूरी तरह प्रभावित होने लगता है। डिप्रेशन एक दिन नहीं बल्कि लंबे समय तक चलने वाली समस्या है। जब ब्रेन में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर सही तरह फंक्शन नहीं करता तब डिप्रेशन की स्थिति पैदा होती है।
डिप्रेशन के लक्षण
- डिप्रेशन की वजह से अक्सर पीड़ित व्यक्ति के मन में उदासी छाई रहती है, वे काफी दुखी और निराश महसूस करते हैं।
- हमेशा थकान महसूस होना।
- चिड़चिड़ापन।
- खाने-पीने और सोने की आदतों में बदलाव।
- रोज के कामों में रुची न रहना।
- खुद को नुकसान पहुंचाने के ख्याल आना।
- सोचने में तकलीफ होना।
- अपनी हॉबीज में रुची खो देना।
कैसे खुद को डिप्रेशन से बाहर निकालें?
मेडिटेशन करें
डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए मेडिटेशन सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। मेडिटेशन करने से दिमाग में नकारात्मक विचार बाहर निकलते हैं। इसके जरिए आप खुद को अकेला नहीं समझते हैं। साथ ही आपको धीरे-धीरे डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
प्रकृति से करें प्यार
डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए पेड़-पौधों से प्यार करें। प्रकृति से प्यार करने से आप दिमागी रूप से शांत महसूस करते हैं। आपके अंदर सहनशीलता बढ़ती है। डिप्रेशन की स्थिति में खुद को गार्डनिंग में व्यस्ति करें। इससे आप नकारात्मक विचारों से दूर रहेंगे।
एक्सरसाइज है जरूरी
डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए एक्सरसाइज भी आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। इससे हैप्पी हार्मोंस रिलीज होता है जो आपके मूड को बेहतर करता है। इससे आप धीरे-धीरे डिप्रेशन से बाहर आ सकते हैं।
गाना सुनें
डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए म्यूजिक भी मददगार है। इससे स्ट्रेस रिलीज होता है, जो धीरे-धीरे डिप्रेशन को कम कर सकता है। खासतौर पर इस दौरान हंसने और मूड को बेहतर करने वाले गाने सुनें।