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Delhi Metro : कितनी मेट्रो पर मिल रही है लॉकर की सुविधा, जानिए इसे खोलने का क्या है पूरा प्रोसेस

डीएमआरसी ने दिल्ली मेट्रो के 50 स्टेशनों पर यात्रियों को अपना सामान लॉकर में सुरक्षित रखने की सुविधा मिल रही हैं,और इसका इस्तेमाल करना बहुत ही कम लोगों को आता है। ऐसे में लॉकर ऑपरेट करना बहुत ही आसान है तो आइए जानते है कि इस लॉकर को कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।

Delhi Metro : अगर आप करना चाहते है लॉकर का इस्तेमाल,यहां सीख लीजिए खोलने की आसान सी  ट्रिक

 

डीएमआरसी ने दिल्ली मेट्रो के 50 स्टेशनों पर यात्रियों को अपना सामान लॉकर में सुरक्षित रखने की सुविधा मिल रही हैं,और इसका इस्तेमाल करना बहुत ही कम लोगों को आता है। ऐसे में लॉकर ऑपरेट करना बहुत ही आसान है तो आइए जानते है कि  इस लॉकर को कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।

आप अपने मोबाइल से कनेक्ट करके चला सकते हैं

आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में मेट्रो का सफर सबसे आरामदायक होता है। अगर आप ट्रैफिक जाम, उसके शोर से बचना और सही समय पर अपनी मंजिल पर पहुंचना चाहते हैं तो मेट्रो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प होता है। वैसे तो  डीएमआरसी (DMRC) दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के तरफ से यात्री, स्टेशनों और प्लेटफार्मों पर कई सुधार होते रहते है और इसके साथ-साथ वह यात्रियों को अच्छा और सुखदायक सफर देने के लिए कई सुविधाएं भी प्रदान किए जाते है। कुछ महीनों पहले ही डीएमआरसी ऐसी ही दो सुविधाएं मेट्रो स्टेशनों पर मुहैया कराया गया है, जिससे यात्रियों का सफर और भी आसान हो जाएगा।  इन्हीं दो सुविधाओं के बारे में आपको बताने जा रहे हैं,ताकि आप इसका बेहतर इस्तेमाल कर सकें। 

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मेट्रो कोच में कितनी होती है भीड़ –

जब आप मेट्रो से सफर करते है तो आपने देखा होगा मेट्रो स्टेशन पर प्लेटफॉर्म के दोनों ओर एक डिजिटल सूचना बोर्ड लगे होते हैं,और आने वाली ट्रेन के किस कोच में कितनी भीड़ है इसका पता भी स्टेशन पर लगे इन डिजिटल सूचना बोर्ड पर ही डिस्प्ले होता रहता है। वैसे तो मेट्रो में आमतौर पर 6 ही कोच होते हैं। सूचना बोर्ड पर प्रत्येक कोच में उपस्थित यात्रियों के हिसाब से डिजिटल सूचना बोर्ड पर यह जानकारी प्रतिशत के रुप में दिखाई जाती है,और  इससे पता चल जाता है आने वाली ट्रेन के किस कोच में कितनी भीड़ होगी, और आपके लिए कितनी जगह खाली हो सकती है। 

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मेट्रो कोच में कितनी होती है भीड़ कैसे पता चलता है –

मेट्रो में कितनी ऑक्यूपेंसी मौजूद है, इसका पता लगाने के लिए ऑक्यूपेंसी की गणना एक सॉफ्टवेयर के द्वारा की जाती है। यह जानने के लिए प्रत्येक कोच में कितना वजन है और इसकी तुलना एक खाली कोच के वजन से किया जाता है और फिर इसी आधार पर ऑक्यूपेंसी को प्रतिशत में दिखाया जाता है। यह जानकारी ट्रेन के आने से 2 मिनट पहले 2 फ्रेम में 10-10 सेकंड के लिए दिखाई देती है। हालांकि, यह सुविधा अभी तक सभी मेट्रो स्टेशनों के प्लेटफार्मों पर उपलब्ध नहीं है, लेकिन ज्यादातर मेट्रो स्टेशनों पर आपको यह देखने मिल जाती है।

मेट्रो स्टेशनों पर लॉकर की सुविधा –

दिल्ली मेट्रो के 50 स्टेशनों पर यात्रियों को अपना सामान लॉकर में सुरक्षित रखने की सुविधा मिल रही हैं। इस सर्विस की सबसे  खास बात ये है कि यह पूरी तरह डिजिटल टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है।  इसका मतलब ये है कि आप लॉकर बुकिंग से लेकर, किराया पेमेंट करने तक का काम सब डिजिटल रूप से हो जाता है। इतना ही नहीं,आप इसे अपनी जरूरत के अनुसार घंटों के हिसाब से छोटा या बड़ा लॉकर किराए पर ले सकते हैं।

मेट्रो लॉकर का इस्तेमाल कैसे करें –  

दिल्ली मेट्रो के 50 स्टेशनों पर यात्रियों के लिए लॉकर की सुविधा तो मिल रही है,लेकिन अभी तक बहुत से लोगों को इसका इस्तेमाल करना नहीं आता है। वैसे तो लॉकर ऑपरेट करना बहुत ही आसान होता  है। इस लॉकर को आप अपने मोबाइल से कनेक्ट करके चला सकते हैं। इसके लिए आपको लॉकर के बीच में दी गई स्क्रीन पर पहले अपना नंबर डालना होगा,फिर उसके बाद फोन पर एक ओटीपी आएगा जो लॉकर रूम का पासवर्ड बन जाता है। सबसे खास बात तो ये है कि मेट्रो लॉकर को एक्सेस करने या खोलने या बंद करने के लिए आपको चाभी की भी जरूरत नहीं पड़ती है। आपके फोन पर आया ओटीपी ही आपका पासवर्ड होता है, जिससे यह लॉकर रूम खुल जाता है। यदि आप किसी और को वह सामान देना चाहते हैं तो वह भी आपके ओटीपी का इस्तेमाल करके लॉकर खोल सकता है। आपको स्मॉल साइज लॉकर के लिए 20 रुपये और मीडियम के लिए 30 रुपये और लार्ज साइज के लिए 40 रुपये चार्ज देना होता है।

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