Christmas 2022 : क्रिसमस डे पर क्या है क्रिसमस ट्री का महत्व , जानें हज़ार साल पुरानी इस प्रथा के बारे में
Christmas 2022 : जानें 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है क्रिसमस डे
Highlights –
. मान्यताओं के अनुसार क्रिसमस ट्री की शुरुआत उत्तरी यूरोप में हजारों सालों पहले हुई थी।
. उस समय लोग देवदार के पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टिवल मनाया करते थे।
. इतना ही नहीं कुछ लोग तो चेरी के पेड़ की टहनियों को भी सजाया करते थे।
Christmas 2022 : ‘क्रिसमस’ ईसाई धर्म एक प्रमुख पर्व है। मान्यताओं के अनुसार क्रिसमस का पर्व पूरी दुनिया में फैले ईसा मसीह के करोड़ों अनुयायियों के लिए पवित्रता का संदेश लाता है। इस दिन हर जगह, हर तरफ क्रिसमस डे की रौनक देखने को मिलती है। इसे लोग ‘बड़ा दिन’ के नाम से भी जानते हैं। क्रिसमस डे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार क्रिसमस के दिन यानि की 25 दिसंबर को भगवान ईसा मसीह का जन्म हुआ था।
जाने क्या है क्रिसमस ट्री की कहानी
लोग क्रिसमस के मौके पर अपने – अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं। क्रिसमस की रात क्रिसमस ट्री की खूबसूरती देखने को बनती है। बिना क्रिसमस ट्री के तो क्रिसमस अधूरा है। आपको बता दें कि क्रिसमस ट्री विकास और सद्भाव का प्रतीक है और प्रेम और एकता के साथ रहने का संदेश देता है।
लेकिन क्या आपके दिमाग में ये सवाल कभी आया कि क्रिसमस डे के दिन क्रिसमस ट्री को क्यों लाया और सजाया जाता है। क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री की क्या विशेषता है। मान्यताओं के अनुसार क्रिसमस ट्री की शुरुआत उत्तरी यूरोप में हजारों सालों पहले हुई थी। उस समय लोग देवदार के पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टिवल मनाया करते थे। इतना ही नहीं कुछ लोग तो चेरी के पेड़ की टहनियों को भी सजाया करते थे। जो लोग इन पौधों को खरीद नहीं पाते, वो लकड़ी का पिरामिड बनाकर क्रिसमस मनाया करते थे।
क्रिसमस ट्री देवदार का पेड़ होता है। इसे सदाबहार वृक्ष भी कहते हैं। सदाबहार क्रिसमस वृक्ष सर्दियों के बीच में जीवन का एक प्राचीन प्रतीक माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि हज़ारों साल पहले क्रिसमस के शुरुआती दिनो में पेड़ झूमर या छत के नीचे लटकाए जाते थे। रोम के लोग अपने घरों को सर्दियों में सदाबहार शाखाओं से सजाते थे।
वहीं उत्तरी यूरोपीय लोगों ने सदाबहार पेड़ों को काटकर वर्ष के इस समय वो इन पेड़ों को अपने घरों के अंदर बक्से में लगाया करते थे।
वही एक तरफ मानना यह भी है कि जब ईसा मसीह का जन्म हुआ था, तब सर्दियों का मौसम था और दुनिया भर के पेड़ों ने चमत्कारिक रूप से इसकी बर्फ को हटा कर उसे हरे रंग की नई शूटिंग का उत्पादन किया था और तभी से क्रिसमस के पेड़ का रिवाज शुरू हुआ है।