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Black Poetry Day: ब्लैक पोएट्री डे 2025, ज्यूपिटर हैमोन से लेकर माया एंजेलो तक की प्रेरक यात्रा

Black Poetry Day, हर साल 17 अक्टूबर को ब्लैक पोएट्री डे (Black Poetry Day) मनाया जाता है। यह दिन अश्वेत कवियों, लेखकों और साहित्यकारों को समर्पित है,

Black Poetry Day : अश्वेत साहित्य का पर्व, ब्लैक पोएट्री डे का इतिहास और उद्देश्य

Black Poetry Day, हर साल 17 अक्टूबर को ब्लैक पोएट्री डे (Black Poetry Day) मनाया जाता है। यह दिन अश्वेत कवियों, लेखकों और साहित्यकारों को समर्पित है, जिन्होंने अपने शब्दों के माध्यम से समाज में समानता, स्वतंत्रता और पहचान की आवाज़ बुलंद की। यह दिवस न केवल काव्य के सौंदर्य को सलाम करता है, बल्कि उस संघर्ष को भी याद करता है जिसके बल पर अश्वेत समाज ने अपनी अभिव्यक्ति को पहचान दिलाई।

ब्लैक पोएट्री डे का इतिहास

ब्लैक पोएट्री डे की शुरुआत अमेरिका में 17 अक्टूबर को इसलिए की गई क्योंकि इसी दिन ज्यूपिटर हैमोन (Jupiter Hammon) का जन्म हुआ था। वे अमेरिका के पहले प्रकाशित अश्वेत कवि माने जाते हैं। हैमोन का जन्म 1711 में न्यूयॉर्क में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में धार्मिक, सामाजिक और दार्शनिक विषयों पर कई कविताएँ लिखीं। उनकी कविताओं में दासता, स्वतंत्रता, और ईश्वर के प्रति गहरी श्रद्धा झलकती थी। ब्लैक पोएट्री डे, ज्यूपिटर हैमोन के जन्मदिवस के रूप में न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है, बल्कि उन तमाम अश्वेत कवियों को भी सम्मानित करता है जिन्होंने नस्लीय भेदभाव और सामाजिक असमानता के बावजूद अपनी लेखनी से नई दिशा दी।

अमेरिका के पहले अश्वेत कवि

ज्यूपिटर हैमोन ने उस दौर में कविताएँ लिखीं जब अश्वेत लोगों को शिक्षा प्राप्त करने तक की अनुमति नहीं थी। उन्होंने बाइबिल और धार्मिक विषयों से प्रेरित होकर कविताएँ लिखीं। उनकी पहली प्रकाशित कविता “An Evening Thought: Salvation by Christ, with Penitential Cries” थी, जो 1761 में छपी। उनके बाद कई अश्वेत कवियों ने साहित्य की दुनिया में कदम रखा और समाज को एक नई दिशा दी।

अश्वेत साहित्य का महत्व

अश्वेत साहित्य या ब्लैक लिटरेचर, केवल कविता तक सीमित नहीं रहा। यह सामाजिक आंदोलन का हिस्सा बन गया। कवियों और लेखकों ने अपने शब्दों से समाज की अन्यायपूर्ण व्यवस्था को चुनौती दी।
इस साहित्य ने बताया कि शब्दों की ताकत किसी हथियार से कम नहीं होती। दासता, भेदभाव, अन्याय और असमानता के विरुद्ध कवियों ने अपनी कलम से लड़ाई लड़ी।

प्रसिद्ध अश्वेत कवि और उनकी रचनाएँ

ब्लैक पोएट्री डे के अवसर पर उन प्रसिद्ध कवियों को भी याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी रचनाओं से पूरी दुनिया को प्रभावित किया —

  1. लैंग्सटन ह्यूज (Langston Hughes) – हार्लेम रिनेसां (Harlem Renaissance) के प्रमुख कवि। उनकी कविताओं में अफ्रीकी-अमेरिकी जीवन की झलक और उम्मीद की किरण दिखती है।
    प्रसिद्ध रचना: “I, Too, Sing America”
  2. माया एंजेलो (Maya Angelou) – उनकी कविताएँ और आत्मकथाएँ स्वतंत्रता, आत्म-सम्मान और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।
    प्रसिद्ध रचना: “Still I Rise”
  3. फिलिस व्हीटली (Phillis Wheatley) – अमेरिका की पहली अश्वेत महिला कवयित्री, जिनकी कविताएँ 18वीं शताब्दी में प्रकाशित हुईं।
    प्रसिद्ध रचना: “On Being Brought from Africa to America”
  4. ग्वेन्डोलिन ब्रूक्स (Gwendolyn Brooks) – पहली अश्वेत कवयित्री जिन्होंने पुलित्ज़र पुरस्कार जीता।
    प्रसिद्ध रचना: “We Real Cool”

इन कवियों ने न केवल अपने शब्दों से समाज को संवारा, बल्कि अश्वेत संस्कृति और आत्मसम्मान को भी एक नई पहचान दिलाई।

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ब्लैक पोएट्री डे मनाने का उद्देश्य

ब्लैक पोएट्री डे मनाने का मुख्य उद्देश्य अश्वेत कवियों के योगदान को सराहना और नई पीढ़ी को प्रेरित करना है। इस दिन लोग —

  • अश्वेत कवियों की रचनाएँ पढ़ते और साझा करते हैं,
  • स्कूलों और कॉलेजों में साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है,
  • कविता पाठ (Poetry Reading Sessions) आयोजित किए जाते हैं,
  • और युवाओं को सामाजिक समानता व मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है।

यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि साहित्य केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज को बदलने का शक्तिशाली माध्यम भी है।

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ब्लैक पोएट्री डे का आधुनिक महत्व

आज के समय में ब्लैक पोएट्री डे केवल अमेरिकी या अश्वेत संस्कृति तक सीमित नहीं रहा। यह एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है जो समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकार की बात करता है।
दुनिया भर के कवि, लेखक और कलाकार इस दिन विविधता और समावेशिता के मूल्यों को अपनाते हैं। सोशल मीडिया पर भी #BlackPoetryDay ट्रेंड करता है, जहाँ लोग अपने पसंदीदा कवियों की रचनाएँ साझा करते हैं।

संघर्ष से स्वतंत्रता तक की यात्रा

अश्वेत कवियों की कविताएँ केवल दुःख और पीड़ा का बयान नहीं, बल्कि संघर्ष से आत्मबल तक की यात्रा हैं। उनकी कविताओं में दर्द है, पर साथ ही उम्मीद भी है। वे समाज से न्याय की मांग करते हैं, पर साथ ही प्रेम, करुणा और मानवता का संदेश भी देते हैं। ब्लैक पोएट्री डे इसी बात का प्रतीक है कि कोई भी आवाज़ इतनी छोटी नहीं होती कि इतिहास उसे न सुने। ब्लैक पोएट्री डे हमें यह सिखाता है कि शब्दों की शक्ति दुनिया बदल सकती है। यह दिन उन कवियों को समर्पित है जिन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से स्वतंत्रता, समानता और आत्म-सम्मान का संदेश दिया। ज्यूपिटर हैमोन से लेकर माया एंजेलो तक, हर अश्वेत कवि ने अपनी लेखनी से यह साबित किया कि कविता केवल भावनाओं की नहीं, बल्कि क्रांति की भाषा भी हो सकती है।

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