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Arabic Language Day: 18 दिसंबर अरबी भाषा दिवस, जानिए क्यों है यह दिन खास?

Arabic Language Day, हर साल 18 दिसंबर को पूरी दुनिया में “अरबी भाषा दिवस (Arabic Language Day)” मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा अरबी भाषा के वैश्विक महत्व को सम्मान देने और इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

Arabic Language Day : अरबी भाषा दिवस, जब शब्दों ने जोड़ा पूरी दुनिया को एक सूत्र में

Arabic Language Day, हर साल 18 दिसंबर को पूरी दुनिया में “अरबी भाषा दिवस (Arabic Language Day)” मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा अरबी भाषा के वैश्विक महत्व को सम्मान देने और इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। अरबी भाषा न केवल मध्य पूर्व की पहचान है, बल्कि यह इतिहास, संस्कृति, साहित्य और धर्म के कई अनमोल पहलुओं से जुड़ी हुई है।

अरबी भाषा दिवस की शुरुआत कब और क्यों हुई?

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने वर्ष 2010 में अरबी भाषा दिवस मनाने की घोषणा की थी।
यह तारीख, 18 दिसंबर, इसलिए चुनी गई क्योंकि 1973 में इसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अरबी भाषा को अपनी आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाया था।

संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में से एक अरबी भाषा है — अन्य हैं अंग्रेज़ी, फ्रेंच, रूसी, स्पैनिश और चीनी।
इस दिन का उद्देश्य है —

  • अरबी भाषा के सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देना,
  • उसके इतिहास और साहित्यिक योगदान को सम्मानित करना,
  • और विश्वभर में इसकी शिक्षा और उपयोग को प्रोत्साहित करना।

अरबी भाषा का इतिहास

अरबी भाषा की जड़ें छठी सदी के अरब प्रायद्वीप से जुड़ी हैं। यह भाषा सेमिटिक भाषा परिवार से संबंध रखती है, जिसमें हिब्रू (Hebrew) और अरामिक (Aramaic) जैसी भाषाएँ भी शामिल हैं। प्राचीन काल में अरबी सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं थी, बल्कि यह कविता, दर्शन और धर्म की भाषा बन गई थी। जब इस्लाम धर्म का उदय हुआ, तो कुरान शरीफ (The Holy Quran) इसी भाषा में लिखी गई जिससे अरबी को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अमरता मिल गई।

अरबी भाषा का साहित्यिक और वैज्ञानिक योगदान

अरबी भाषा ने विज्ञान, गणित, चिकित्सा, खगोलशास्त्र और दर्शन के क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया है।
मध्यकालीन इस्लामी सभ्यता के समय में अरबी में अनुवादित पुस्तकों ने यूरोप के पुनर्जागरण (Renaissance) की नींव रखी।

उदाहरण के लिए —

  • गणितज्ञ अल-ख्वारिज़्मी ने “बीजगणित (Algebra)” शब्द दिया,
  • अविसेना (Ibn Sina) और अल-राज़ी जैसे चिकित्सकों ने चिकित्सा विज्ञान को नया आयाम दिया,
  • खगोलशास्त्र, भौतिकी, और रसायन विज्ञान की कई अवधारणाएँ पहले अरबी ग्रंथों से आईं।

अरबी साहित्य में कविता, दर्शन, सूफ़ीवाद, और कहानी का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
“अलिफ लैला (One Thousand and One Nights)” जैसे प्रसिद्ध ग्रंथ ने पूरी दुनिया के साहित्य को प्रभावित किया।

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आज की दुनिया में अरबी भाषा का महत्व

वर्तमान में अरबी दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। लगभग 420 मिलियन (42 करोड़) लोग अरबी बोलते हैं, और 25 से अधिक देशों में यह आधिकारिक भाषा है जैसे सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, मोरक्को, ओमान आदि। इसके अलावा, इस्लाम धर्म के अनुयायी पूरी दुनिया में धार्मिक ग्रंथों और प्रार्थनाओं में अरबी भाषा का प्रयोग करते हैं। इस कारण से अरबी केवल एक संवाद की भाषा नहीं बल्कि आस्था और एकता की भाषा भी बन चुकी है।

यूनेस्को का उद्देश्य और वैश्विक आयोजन

हर साल अरबी भाषा दिवस पर यूनेस्को विभिन्न कार्यक्रमों, सम्मेलनों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों का आयोजन करता है।
इन आयोजनों का मकसद होता है —

  • अरबी भाषा की विविधता और सुंदरता को दिखाना,
  • नई पीढ़ी को इस भाषा से जोड़ना,
  • और तकनीक व डिजिटल युग में इसके उपयोग को प्रोत्साहित करना।

कई देशों में कविता-पाठ, कला प्रदर्शनियाँ, भाषा कार्यशालाएँ और कुरानिक रीडिंग जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

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अरबी भाषा सीखने के फायदे

  1. करियर के नए अवसर: मध्य पूर्व के देशों में नौकरी और व्यापार के लिए अरबी भाषा जानना बहुत उपयोगी है।
  2. सांस्कृतिक समझ: अरबी साहित्य और इतिहास को समझने के लिए भाषा की जानकारी आवश्यक है।
  3. धार्मिक ज्ञान: इस्लामी ग्रंथों और सूफ़ी साहित्य को सही अर्थों में समझने के लिए अरबी भाषा जानना महत्वपूर्ण है।
  4. वैज्ञानिक दृष्टि: आधुनिक युग में भी अरबी में अनुवादित कई प्राचीन वैज्ञानिक ग्रंथ उपलब्ध हैं।

भारत और अरबी भाषा का संबंध

भारत में अरबी भाषा का गहरा ऐतिहासिक संबंध है। मध्यकाल में मुग़ल और सुल्तान काल के दौरान अरबी और फारसी भाषाओं ने प्रशासन, साहित्य और शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज भी भारत के कई विश्वविद्यालयों जैसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU), जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में अरबी भाषा की शिक्षा दी जाती है।अरबी भाषा दिवस (Arabic Language Day) सिर्फ एक भाषाई उत्सव नहीं, बल्कि यह एक संस्कृति, इतिहास और ज्ञान की विरासत का सम्मान है। यह भाषा हमें सिखाती है कि शब्दों में कितनी शक्ति होती है वे सभ्यताओं को जोड़ सकते हैं, संस्कृतियों को समृद्ध कर सकते हैं, और इंसानियत को एक सूत्र में बाँध सकते हैं।

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