नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के साथ ही मरीजों को पर्ची रखने से मिलेगी निजात
केंद्र शासित प्रदेशों में की जा रही है पायलट स्टडी
देश की स्वास्थ्य सुविधा को और ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत करने की घोषणा की गई है. जिसका सीधा लाभ जनता को मिलेगा. यह मिशन पूरी तरह से डिजिटल रुप में काम करेगा. प्रेस से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कहा कि यह योजना केंद्र शासित प्रदेश चंडीगंड, लद्दाख, दादरा, नगर हवेली, दमन एवं दीव, पुडुचेरी, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में एक पायलट योजना के तहत 15 अगस्त को शुरु हो चुकी है. इस पायलट स्टडी के बाद ही पूरे देश में यह मिशन लागू किया जाएगा.
अहम बिंदु
- नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन
- जनता को क्या-क्या सुविधा मिल पाएंगी
- मिशन का जनता पर प्रभाव
- प्राइवेट मेडिकल कंपनियो का रोल
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने डिजिटल हेल्थ मिशन का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे एक डिजिटिल प्लेटफॉर्म पर डॉक्टर, मेडिकल स्टोर, अस्पताल, मरीज का ब्यौरा उपलब्ध होगा. इस सुविधा के साथ ही लोगों को पर्ची संभालाने की परेशानी से निजात मिल जाएगी. जिसके तहत मेडिकल के मामले में लोगों को कई सुविधाएं दी जाएंगी.
इस मिशन के तहत जनता को चार तरह की सुविधा दी जाएगी. जो एक सर्कल की तरह काम करेगी. जहां सारी चीजें एक दूसरे से जुड़ी होंगी.
- हेल्थ आईडी
- व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड
- डिजी डॉक्टर
- स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री
क्या है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन
- साल 2018 में नीति आयोग द्वारा नेशनल हेल्थ स्टैक का प्रस्ताव दिया गया था. जिसका ब्लूप्रिंट हेल्थ मिनिस्ट्री की समिति द्वारा तैयार किया गया है. यही होगा नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन.
- डिजिटल होती दुनिया में आजकल हर चीज ऐप के तहत काम कर रही है. ऑनलाइन दवा मंगानी हो या डॉक्टर की अपॉइमेंट लेनी हो. हर तरफ ऐप का जाल है. इसी को देखते हुए सरकार भी एक ऐसे ही ऐप बनाने की तैयारी कर रही है जहां आप आराम से अपनी स्वास्थ्य संबंधी सुविधा का लाभ ले सकते हैं.
- इस मिशन के तहत देश के सभी नागरिकों के हेल्थ आईडी से लिंक करते हुए उनका हेल्थ डेटा डिजिटाइज्ड कर दिया जाएगा. जो नेशनल हेल्थ डेटाबेस बन जाएगा.
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नेशनल हेल्थ मिशन का फायदे
- सबसे पहला फायदा यह है कि अब लोगों को मेडिकल की एक छोटी सी पर्ची से लेकर बड़ी फाइल तक संभालकर रखने के झंझट से छुटकारा मिलेगा.
- इस मिशन के तहत चिकित्सा संस्थान और राज्य के मेडिकल काउंसिल को जोड़ा जाएगा. इसे सबसे ज्यादा फायदा शहरों से दूर रह रही जनता को मिलेगा. जिसके अनुसार किसी व्यक्ति को अब आराम से जिला अस्पताल में अपॉइटमेंट मिल जाएगी. जिसके लिए पहले उसे कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी.
- देश के किसी भी डॉक्टर को इलाज के लिए मिलने पर पुरानी फाइल दिखाने की जरुरत नही है. डॉक्टर मरीज की यूनिक आईडी के तहत उसका पिछला रिकॉर्ड देख सकता है.
- सरकार का मानना है कि इस प्रकार के मिशन से कम खर्च में बेहतर सुविधाएं दी जाएगी.
- डॉक्टरों अस्पतालों को अपलोड करनी होगी हर मेडिकल रिपोर्ट.
- ऐसा माना जा रहा है कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी. जिससे डॉक्टर अब गैरजरुरी दवाइयां नहीं दे पाएंगे.
नेशनल हेल्थ मिशन के नुकसान
- मिशन के तहत यह कह गया है कि यदि कोई व्यक्ति सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहे तो उसे अपनी आईडी को आधार से जोड़ने की जरुरत होंगी. आधार के साथ लिंक लेकर पहले भी कई बार सवाल उठें हैं. आज की तारीख में प्रत्येक व्यक्ति की सारी जानकारी आधार कार्ड पर ही है. जिसके कारण उसके डेटा का गलत प्रयोग होने की संभवाना बनी रहेगी. लेकिन इस बारे में सरकार ने जनता को आवश्वासन दिया है कि डेटा सुरक्षित रखा जाएगा.
- मिशन के तहत सरकार के निर्देशानुसार निजी क्षेत्र व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड विकसित किया जाएगा. इस प्रकार के कार्य से निजी क्षेत्र की मनमानी बढ़ सकती है. उसके पास मरीजों का डेटा रहेगा तो वह लोगों को निजी अस्पताओं में इलाज करने के लिए कह सकते हैं. इतना ही नहीं अपनी कंपनी द्वारा बनाएं गए प्रोडक्ड के लिए लोगों को कन्वेंस कर सकते हैं.
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