इकॉनमी में जापान को पछाड़कर आगे निकला जर्मनी, जानें ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्री क्या कहते हैं: Japan
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान की थी। अब यह खिताब जर्मनी को मिल गया है। जापान तीसरी अर्थव्यवस्था के पायदान से फिसलकर चौथे पर आ गया है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिली थी। इस गिरावट की वजह से जापान में मंदी के आसार बने हुए हैं।
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Japan:जापान को पछाड़कर जर्मनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन गया है। गुरुवार को जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है। पिछले साल जापान की इकॉनमी 1.9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी लेकिन इसके बावजूद वह जर्मनी से पिछड़ गया। डॉलर टर्म में जापान की इकॉनमी 4.2 ट्रिलियन डॉलर पर है जबकि जर्मनी की इकॉनमी का साइज 4.5 ट्रिलियन डॉलर है। डॉलर के मुकाबले येन की कीमत में गिरावट से जापान की स्थिति कमजोर हुई है। 2022 में जापान की करेंसी में डॉलर के मुकाबले करीब 20 फीसदी गिरावट आई जबकि पिछले साल यह सात परसेंट गिरी थी।
जापान की अर्थव्यवस्था
जापान के कैबिनेट कार्यालय ने बताया कि देश के घरेलू उत्पाद में अक्टूबर-दिसंबर में 0.4 फीसदी की गिरावट आई है। इससे पहले के तिमाही में भी यह 3.3 फीसदी गिरा था। रिपोर्ट के अनुसार घरों और व्यवसायों दोनों में लगातार तीसरी तिमाही में खर्च की कटौती की गई है।
जानें ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्री क्या कहते हैं
ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्री के अनुसार चौथी तिमाही में जारी घेरलू उत्पाद से संकुचन ने जापान को मंदी की चपेट में डाल दिया है। ऐसे में संदेह है कि बैंक ऑफ जापान ज्लद ही जनवरी में भेजे गए संकेतों का पालन करेगा। यह संकेत वर्तमान नीति से पीछे हटने का संकेत देता है। चौथी तिमाही में जापान की जीडीपी साल-दर-साल के आधार पर 0.4 फीसदी कम हुई है। वहीं अर्थव्यवस्था में भी 0.1 फीसदी की गिरावट आई है। इसके अलावा चौथी तिमाही में जापान की प्राइवेट खपत में भी 0.2 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली है। उम्मीद की जा रही है जापान की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए ज्लद ही बैंक ऑफ जापान कोई अहम फैसला ले सकता है।
इस समय था जापान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
आपतको बता दें कि 1960 के दशक के अंत तक जापान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। दूसरे से चौथे स्थान पर फिसलने तक जापान को कई जटिल आर्थिक चुनौतियों का सामनाकरना पड़ा था।
भारत की इकॉनमी
जापान और जर्मनी जहां संघर्ष कर रहे हैं, वहीं भारत की इकॉनमी रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही है। पिछले साल भारत की इकॉनमी सबसे तेजी से बढ़ी थी और आईएमएफ के मुताबिक अगले दो साल भी ऐसा ही अनुमान है। भारत अभी अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनमी है। जर्मनी में महंगाई चरम पर है, एनर्जी की कीमत आसमान छू रही है और ग्रोथ में ठहराव आ गया है। जापान और जर्मनी की आबादी में बुजर्गों की संख्या बढ़ रही है, प्राकृतिक संसाधन घट रहे हैं और कारों के एक्सपोर्ट्स में उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है।
आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक
भारत साल 2026 में जापान और 2027 में जर्मनी से आगे निकलने का अनुमान है। लेकिन जापान और जर्मनी में जिस तरह के हालात हैं, उससे भारत के जल्ही ही इन देशों से आगे निकलने का अनुमान है।
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फोर्ब्स के मुताबिक
अभी अमेरिका 27.974 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है। चीन 18.566 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे, जर्मनी 4.730 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे और जापान 4.291 ट्रिलियन डॉलर के साथ चौथे नंबर पर है। भारत 4.112 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनमी है।