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AAP Vs BJP: ‘आप’ ने लगाए बीजेपी पर गंभीर आरोप, कहा बंद कराए 60 हजार स्कूल

संजय सिंह ने कहा इससे संबंधित कई कागज हमारे पास हैं। यही कारण है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करने वाले प्रधानमंत्री को गुजरात में एक आर्टिफिशल स्कूल में जाकर फोटो खिंचाना पड़ता है।

AAP Vs BJP: ‘आप’ सांसद संजय सिंह ने कहा बीजेपी ‘सरकारी स्कूल को तोड़कर उसकी जमीन पर कब्जा करना चाहती है

AAP Vs BJP: आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जल्द ही दिल्ली में बच्चों के सरकारी स्कूल पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रही है। ‘आप’ के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पार्टी के विधायक और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक के साथ शुक्रवार को पार्टी दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि बीजेपी दफ्तर के ठीक बगल में बने एमसीडी के एक स्कूल को तोड़ने की तैयारी चल रही है, जो बेहद शर्मनाक है। सीपीडब्ल्यूडी ने इस स्कूल को ध्वस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। अब वहां पर एक आलीशान पार्क बनाया जाएगा। ‘आप’ नेताओं का कहना है कि जिस दिन बीजेपी दफ्तर का उद्घाटन हुआ, उसी दिन इस स्कूल को तोड़ने का फैसला किया गया।

बीजेपी ने बंद किए 60 हजार स्कूल

आपको बता दें संजय सिंह ने दावा किया कि बीजेपी अब तक पूरे देश में 60 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद कर चुकी है। हाल ही में दिल्ली के डीडीयू मार्ग पर बीजेपी का नया दफ्तर खुला है। जिसके बाद इस दफ्तर से सटे एमसीडी के एक स्कूल पर कब्जा करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि अभी तक आपने माफियाओं और गुंडों पर बुलडोजर चलते सुना होगा। लेकिन नरेंद्र मोदी जी की सरकार अब मासूम बच्चों के स्कूल पर भी बुलडोजर चलाने जा रही है। जबकि बीजेपी दफ्तर के ठीक बगल में बने इस स्कूल में 350 बच्चे पढ़ते हैं।

संजय सिंह ने कहा इसके संबंधित कई कागज हमारे पास हैं। यही कारण है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करने वाले प्रधानमंत्री को गुजरात में एक आर्टिफिशल स्कूल में जाकर फोटो खिंचाना पड़ता है। क्योंकि 27 साल में वह गुजरात में एक भी ऐसा स्कूल नहीं बना सके, जिसमें जाकर वह फोटो खिंचवा सकें। वहीं विधायक और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी के अधिकारियों पर लगातार दबाव डालकर बीजेपी 14 कमरों वाले इस स्कूल को तोड़ने की कोशिश कर रही है। जानकारी मिलने पर हमने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है। हम किसी भी सरकारी स्कूल को टूटने नहीं देंगे।

बीजेपी बोल रही जनता के साथ कोर्ट को भी गुमराह कर रही दिल्ली सरकार

आम आदमी पार्टी ने देश में जो झूठ और प्रपंच की राजनीति शुरू की है। वह देश और देश के लोगों के लिए घातक है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सिर्फ लोगों को ही गुमराह नहीं कर रहे हैं। बल्कि वह कोर्ट को भी गुमराह कर रहे हैं। यह कहना है कि दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का। हाल ही में आम आदमी पार्टी ने अलग अलग मामलों की दलील में हाई कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किए हैं, वह गुमराह करने वाले हैं। कोर्ट के दस्तावेज पर दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर और विधायक अभय वर्मा ने भी सरकार पर निशाना साधा। सचदेवा के अनुसार हाई कोर्ट को गुमराह करने का पहला मामला दिव्यांगों के स्कूल बनाने का है। कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया था कि स्कूल क्यों नहीं बना। कोर्ट के पूछने पर दिल्ली सरकार ने पिछले साल 18 नवंबर को कोर्ट में दलील दी कि स्कूल बनाने के मामले में जो प्रशासनिक कार्रवाई की फाइलें हैं, वह एलजी के पास है। जिससे मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

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मनीष सिसोदिया के पत्र पर क्या बोले संजय सिंह?

वहीं मनीष सिसोदिया के जेल से लिखे पत्र का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की कम शिक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है और कहा कि देश को किसी ऐसे व्यक्ति की तरफ से नहीं चलाया जा सकता है जो ‘‘शिक्षा के महत्व को न समझता हो।’’

अरविंद केजरीवाल ने पोस्ट किया था सिसोदिया का पत्र

इससे पहले, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर एक पत्र पोस्ट किया, जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा है, ‘‘अगर प्रधानमंत्री कम पढ़े-लिखे हैं तो यह देश के लिए बहुत खतरनाक है।’’ सिसोदिया ने पत्र में दावा किया, ‘‘पीएम मोदी विज्ञान को नहीं समझते हैं। शिक्षा के महत्व को भी नहीं समझते हैं। पिछले कुछ सालों में देश में 60 हजार स्कूल बंद कर दिये गए हैं।”

‘आप सरकार’ ने हाई कोर्ट को किया गुमराह’

एलजी के मुताबिक, सरकार की तरफ से दो बार हाई कोर्ट को यह कहकर गुमराह किया गया कि मामले से संबंधित फाइल एलजी के पास पेंडिंग है। जबकि उस वक्त वह फाइल सरकार या मंत्री के स्तर पर ही लंबित थी और हाई कोर्ट में दो बार सुनवाई होने के बाद 28 मार्च 2023 को फाइल एलजी के पास भेजी गई। एलजी ने इसी को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है कि जब फाइल उनके पास पहुंची ही नहीं थी, तो कोर्ट में सरकार की तरफ से क्यों कहा गया कि फाइल एलजी के पास लंबित है।

एलजी ने यह भी कहा कि इससे पहले पशु कल्याण बोर्ड के पुनर्गठन के मामले में भी दिल्ली सरकार ने ऐसा ही किया था और 15 दिसंबर 2022 को कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले फाइल उनके पास भेजकर हाई कोर्ट में कह दिया था कि फाइल एलजी के पास पेंडिंग है। एलजी ने सरकार की इस प्रवृति की कड़ी निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक करार दिया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली सरकार द्वारा कोर्ट में ऐसे बयान पेश करना कोर्ट की मानहानि और झूठी गवाही के बराबर है।

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