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International Women’s Day 2022 : भारत की प्रथम महिलायें जिनके कहानियाँ कर देंगी आपकी छाती चौड़ी

International Women’s Day 2022 किस्से भारत की प्रथम नारियों की जो अपने काम से बनी ख़ास


Highlights –

प्रथम महिला क्रिकेटर – शाँता रंगास्वामी

प्रथम महिला मुख्यमंत्री – सुचेता कृपलानी

प्रथम महिला राजदूत – विजयलक्ष्मी पंडित

प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री – कल्पना चावला

प्रथम मिस वर्ल्ड – रीता फारिया

International Women’s Day 2022 नारी को शक्ति का दर्जा दिया गया है। नारी को देवी कहा गया है। नारी से परिवार है, नारी से समाज है। नारी उल्लेख है जीवन के हर रंग की, सादगी की और ताकत की। सीता से लेकर रानी लक्ष्मीबाई तक मदर टेरेसा से लेकर निर्मला सीतारमण तक देश की नारियाँ सदैव देश की ताकत रहीं हैं।

आज हम आयें हैं आपके लिये भारत की कुछ ऐसी महिलाओं को लेकर जिन्होंने भारत में अपने कार्य क्षेत्र में प्रथम महिला की उपाधि जीती।

1. प्रथम महिला क्रिकेटर – शाँता रंगास्वामी (Shanta Rangaswami)

First woman cricketer जिस खेल में आज भी पुरूषों का दबदबा अधिक है उस खेल को चुना एक ऐसी महिला ने जो सपने देखने में यकीन रखती थीं। जिन्होंने अपने मन की सुनी और एक ऐसे खेल में खुद को झोंका जिस खेल पर उस वक्त तक मात्र पुरूषों का राज था।

हम बात कर रहें हैं भारत की पहली महिला क्रिकेटर शाँता रंगास्वामी की। शाँता रंगास्वामी एक पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 1980 के दशक में भारतीय महिला क्रिकेट टीम को उँचाइयों से मिलवाया। शाँता रंगास्वामी महिला क्रिकेट टीम की टेस्ट और एकदिवसीय खेलती थीं। भारत ने इनके नेतृत्व में पटना में वेस्टइंडिज़ के खिलाफ टेस्ट मैच जीता। इस मैच में शाँता रंगास्वामी ने कप्तान के तौर पर अपने टीम की कमान सम्भाली।

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एक ऐसा खेल जिसपर हमेशा पुरूषों का रूतवा रहा है उस खेल को उस युग में शाँता रंगास्वामी ने खेल कर बता दिया कि चाहे कोई भी समय हो महिला अगर चाहे तो कुछ भी कर सकती है। वर्तमान में शाँता जी एक क्रिकेट लेखक हैं और कैनरा बैंक मे एक कार्यकारी हैं। शाँता जी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड पाने वाली पहली प्राप्तकर्ता हैं।

2. प्रथम महिला मुख्यमंत्री – सुचेता कृपलानी(Sucheta Kriplani)

First woman ChiefMinister सुचेता कृपलानी भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री हैं। वह एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थीं। वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं और अपनी राजनीतिक सोच और समझ से 12 साल तक मुख्यमंत्री पद का कमान सम्भाला। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सुचेता प्रथम मोर्चे पर खड़ी रहीं और आज़ादी की लड़ाई लड़ती रहीं। सुचेता ने भारत के संविधान में महिला अधिकारों के लिये आवाज़ उठाई।

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3. प्रथम महिला राजदूत – विजयलक्ष्मी पंडित (Vijaylakshmi Pandit)

First woman Embassyविजयलक्ष्मी पंडित भारत की पहली महिला राजदूत हैं। विजयलक्ष्मी आजादी के बाद 1947 से 1949 तक रूस में राजदूत रहीं। 1953 में यह यूएन जनरल असेम्बली की भी प्रेसिडेंट रही। और वह पहली भारतीय महिला हैं जो यहाँ तक पहुँची। नेहरू परिवार से ताल्लुक रखने वाली विजयलक्ष्मी ने संविधान बनते समय औरतों के लिये लड़ाई लड़ी।

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4. प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री -कल्पना चावला (Kalpana Chawala )

First woman space traveler भारत की महान बेटी कल्पना चावला को कौन नहीं जानता। कल्पना चावला भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल विशेषज्ञ थीं। करनाल, हरियाणा में जन्मी कल्पना ने नासा के एम्स अनुसंधान के लिये ओवेसेर्ट मेथड्स इंक के उपाध्यक्ष के रूप में काम करना शुरू किया। वो मार्च 1995 में नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल हुई और 1998 में अपनी पहली उड़ान के लिये चुनी गईं। कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम महिला हैं।

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5. प्रथम मिस वर्ल्ड – रीता फारिया (Rita Faria)

First Miss World मिस वर्ल्ड पहली भारतीय और एशियाई मूल की महिला हैं। इसके अलावा वो ऐसी पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने चिकित्सा शास्त्र में विशेषज्ञता हासिल की। उस वक्त जब महिलाओं के लिये शादी के अलावा कोई और विकल्प नहीं होते थे फारिया ने पूरी दुनिया में अपनी बुद्धी और सुंदरता का परचम लहराया। 1966 में उन्हें मिस वर्ल्ड के खिताब से नवाजा गया। और इसी के साथ वह पहली भारतीय महिला बनी जिन्होंने मिस वर्ल्ड के ताज को अपने नाम किया।

राष्ट्र के लिये बहुत ज़रूरी है कि देश की महिलायें हर क्षेत्र में अवव्ल हों। विज्ञान, खेल, राजनीति, फैशन, आइटी और न जाने कितने और हज़ारों क्षेत्र जिनमें महिलायें अपना परचम लहरा रहीं हैं। 8 मार्च को महिला दिवस है , दुनियाभर की महिलाओं का दिन। इस बार की महिला दिवस की थीम है जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमॉरो।

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