Uniform civil code: समान नागरिकता कानून पर क्या बोले पीएम मोदी?
Uniform civil code: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा बयान दिया है।
Uniform civil code: यूसीसी पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक, लॉ कमीशन को ड्राफ्ट सौंपने के निर्णय
समान नागरिकता कानून को लेकर बीते मंगलवार को भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा बयान दिया है। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर UCC के बहाने मुसलमानों को भड़काने का भी आरोप लगाया। पीएम के बयान के बाद अब यूसीसी को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया और कहा प्रधानमंत्री पाकिस्तान से प्रेरणा क्यों ले रहे हैं? ओवैसी ने पूछा कि क्या यूसीसी के नाम पर देश के बहुलवाद और विविधता को छीन लिया जाएगा?
#WATCH | AIMIM chief Asaduddin Owaisi speaks on PM Modi's statement on Uniform Civil Code in Bhopal; says, "India's PM considers India's diversity & its pluralism a problem. So, he says such things…Will you strip the country of its pluralism & diversity in the name of a UCC?…… pic.twitter.com/XeBhdBDycD
— ANI (@ANI) June 27, 2023
आपको बता दें कि पीएम मोदी के बयान के बाद मंगलवार को ही रात में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने इमरजेंसी बैठक की। इस बैठक में बोर्ड अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी मौलाना खालिद रशीदी फिरंगी महली भी शामिल हुए। इस बैठक में यूसीसी के विरोध में निर्णय लिया गया। मुस्लिम बोर्ड के सदस्यों ने निर्णय लिया, कि वे एक ड्राफ्ट तैयार करेंगे जिसे लॉ कमीशन को सौंपा जाएगा।
ड्राफ्ट में क्या किया जाएगा शामिल
इस बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य लॉ कमीशन के अध्यक्ष से मिलने का समय मांगेंगे और कमीशन को अपना ड्राफ्ट सौंपेंगे। बोर्ड अपने ड्राफ्ट में शरीयत के कुछ अहम हिस्सों को शामिल करेगा। बैठक में समान नागरिक संहिता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
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कहा गया कि इसका असर सिर्फ मुसलमानों पर नहीं बल्कि देश के अन्य वर्गों पर भी पड़ेगा। उधर, पीएम मोदी के बयान पर कई नेताओं की आपत्ति सामने आई है। एआईएमआईएम) नेता ओवैसी ने सवाल किया कि क्या यूसीसी के नाम पर देश के बहुलवाद और विविधता को छीन लिया जाएगा। ओवैसी ने कहा कि एनडीए सरकार ने तीन तलाक के विरुद्ध कानून तो बनाया, लेकिन उससे जमीनी स्तर पर कोई फर्क नहीं आया। इसके विपरीत महिलाओं का शोषण बढ़ गया है।
क्या है समान नागरिकता कानून
समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों का एक कानून होगा। शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। यूनियन सिविल कोड का अर्थ एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है।
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य कानूनों का एक समान सेट प्रदान करना है जो सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। देश में संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता को लेकर प्रावधान हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य इसे लागू कर सकता है। इसका उद्देश्य धर्म के आधार पर किसी भी वर्ग विशेष के साथ होने वाले भेदभाव या पक्षपात को खत्म करना है।
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पीएम मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में आयोजित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत करते हुए आरोप लगाया था कि इस संवेदनशील मुद्दे पर मुसलमानों को भड़काया जा रहा है। उन्होंने दलील दी थी कि दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? एक परिवार में दो कानून नहीं चल सकते।
#WATCH | PM Narendra Modi speaks on the Uniform Civil Code (UCC)
"Today people are being instigated in the name of UCC. How can the country run on two (laws)? The Constitution also talks of equal rights…Supreme Court has also asked to implement UCC. These (Opposition) people… pic.twitter.com/UwOxuSyGvD
— ANI (@ANI) June 27, 2023
UCC पर मचा बवाल
पीएम मोदी के बयान के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर जमकर बवाल शुरू हो गया। तमाम विपक्षी दलों ने इसे लेकर बीजेपी और मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि चुनाव नजदीक आते ही इस मुद्दे को उछाला जा रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है।
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