भारत

Safest Bank In India: RBI ने इन तीन बैंकों को माना सबसे साफे, कभी नहीं डूबेगा इन में रखा पैसा

डी सिब्स यानी डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक का दर्जा मिलना घरेलू बैंकिंग सिस्टम के लिए बेहद अहम है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली बार घरेलू सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण बैंकों की सूची तैयार करने यानी डी-सिब्‍स की अवधारणा को 10 साल पहले वर्ष 2014 में अपनाया था।

Safest Bank In India: ऐसे होती है डी-सिब्‍स बैंकों की सूची तैयार, जानिए किस बकेट में है कौन सा बैंक


Safest Bank In India: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक ने डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक्स (D-SIBs) करार दिया है। आरबीआई ने 13 नवंबर को डी-सिब्‍स बैंकों की लिस्‍ट जारी की। पिछले साल भी इन तीनों बैंकों को ही डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक का दर्जा मिला था। डी सिब्‍स लिस्‍ट में शामिल बैंकों को घरेलू सिस्टम के लिए बहुत अहम माना जाता है। साथ ही इन्‍हें देश के सबसे सुरक्षित बैंक भी माना जाता है। ये ऐसे बैंक होते हैं जो सिस्टम के लिए इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि जिनके डूबने पर पूरी अर्थव्‍यवस्‍था को झटका लग सकता है। इस प्रकार के बैंक इतने महत्वपूर्ण हैं कि इन्हें कुछ हुआ तो सरकार खुद इन्हें बचाने की कोशिश करेगी।

ऐसे होती है डी-सिब्‍स बैंकों की सूची तैयार

भारतीय रिजर्व बैंक ने डी-सिब्‍स बैंकों की सूची 31 मार्च 2024 तक मिले आंकड़ों के आधार पर तैयार की है। घरेलू सिस्टम के लिए अहम करार दिए गए बैंकों को एडीशनल कॉमन इक्विटी टियर-1 (CET1) मेंटेन करना होता है। इन्‍हें अपने बकेट के हिसाब से अधिक कॉमन इक्विटी टियर 1 को बनाए रखना होता है। यह वह पूंजी है जिसके जरिए जोखिमों का प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है। D-SIBs की लिस्ट में शामिल बैंकों को इसे अधिक रखना पड़ता है।

Read More: Bank Account Nominee: केन्‍द्र सरकार ने बैंकिंग नियमों में किया बड़ा बदलाव, एक से ज्यादा नॉमिनी बना सकेंगे खाताधारक

2014 में लागू हुआ था D-SIBs का कॉन्सेप्ट

भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली बार घरेलू सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण बैंकों की सूची तैयार करने यानी डी-सिब्‍स की अवधारणा को 10 साल पहले वर्ष 2014 में अपनाया था। 2015 में भारतीय स्‍टेट बैंक और फिर अगले साल वर्ष यानी 2016 में आईसीआईसीआई बैंक को इस सूची में रखा गया। 2017 में एचडीएफसी बैंक की एंट्री इस लिस्‍ट में हुई।

डी-सिब्स लिस्ट क्या है

डी सिब्स यानी डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक का दर्जा मिलना घरेलू बैंकिंग सिस्टम के लिए बेहद अहम है। ये बैंक इतने महत्वपूर्ण हैं कि अगर कभी डूब जाए तो पूरी अर्थव्यवस्था हिल सकती है। इस तरह के बैंको को अगर कुछ होता है तो सरकार इन्हें बचाने की कोशिश भी करती है।

किस बैंक को कितना सीईटी मेंटेन करना है

भारतीय स्टेट बैंक- बकेट-4 में शामिल है। 0.80 प्रतिशत एक्स्ट्रा सीईटी 1 मेंटेन करना है।

एचडीएफसी बैंक- बकेट 2 में शामिल है। 0.40 प्रतिशत हाई सीईटी 1 मेंटेन करना है।

आईसीआईसीआई बैंक- बकेट 1 में है। सीईटी 1 में 0.20 प्रतिशत बनाए रखना है।

Read More: Children Day 2024: 14 नवंबर को पूरे देश में मनाया जाएगा बाल दिवस, जानिए इसके पीछे का इतिहास और उद्देश्य के बारे में

किस बकेट में है कौन सा बैंक

आरबीआई ने इस बार भारतीय स्‍टेट बैंक को बकेट-4 में रखा है जिसके तहत इसे 0.80 फीसदी अतिरिक्त सीईटी1 मेंटेन करना है। वहीं, एचडीएफसी बैंक भी बकेट 2 में बना हुआ है और इसे 0.40 फीसदी हाई सीईटी1 मेंटेन करना है। आईसीआईसीआई बैंक को बकेट 1 में रखा गया है और इसे सीईटी1 बफर में एडीशनल 0.20 फीसदी बनाए रखना होगा। नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।

We’re now on WhatsApp. Click to join.

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button