माइक्रोप्लास्टिक्स पर प्रतिबंध को लेकर केंद्र को नोटिस
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) ने कॉस्मेटिक और शारीरिक देखभाल के उत्पादों में इस्तेमाल किए जाने वाले माइक्रो प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है।
इस याचिका में यह बताया गया है कि माइक्रो प्लास्टिक का इस्तेमाल जलीय जीवन और पर्यावरण के लिए बेहद ही खतरनाक है।
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय को नोटिस जारी कर एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह कहा है कि वे 18 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई के दिन अपना जवाब दायर करें।
इस याचिका की सुनवाई के दौरान पीठ ने वकील समीर सोढी से पूछा कि क्या यह मामला औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन कानून के तहत आता है? साथ ही समीर से यह भी पूछा कि यह मामला अधिकरण के अधिकार क्षेत्र में कैसे आता है?
इस सवाल पर वकील ने जवाब दिया कि माइक्रो प्लास्टिक दरअसल प्लास्टिक या फाइबर के वे टुकड़े हैं, जो आकार में बहुत छोटे होते हैं और संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ये जलीय जीवन और पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं।