Nepal Jailbreak News: नेपाल में 18 बड़े जेल ब्रेक, 6 हजार कैदी हुए फरार, सीमा पर हाई अलर्ट जारी
Nepal Jailbreak News, नेपाल में हाल ही में तीन दिनों से जारी तनाव और हंगामे के बीच एक भयावह जेल ब्रेक की घटना सामने आई है।
Nepal Jailbreak News : नेपाल में जेल ब्रेक का सनसनीखेज मामला, 18 जेल ब्रेक, 6000 कैदी फरार सीमा पर हाई अलर्ट
Nepal Jailbreak News, नेपाल में हाल ही में तीन दिनों से जारी तनाव और हंगामे के बीच एक भयावह जेल ब्रेक की घटना सामने आई है। देशभर में 18 जेलों से लगभग 6 हजार कैदी फरार हो गए हैं, जिससे नेपाल और भारत दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर आ गई हैं। विशेष रूप से भारत के गृह मंत्रालय ने नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) को उच्च सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। साथ ही सीमावर्ती सभी जिलों में विशेष चौकसी बढ़ाने का भी आदेश जारी किया गया है।
गृह मंत्रालय की चिंता और सुरक्षा उपाय
नेपाल में सेना द्वारा सत्ता पर काबिज होने के बाद चल रहे प्रशासनिक बदलाव के चलते गृह मंत्रालय ने आशंका जताई है कि अब फरार कैदी भारत की सीमावर्ती जिलों में प्रवेश कर सकते हैं। मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि अपराधी सीमा खुली होने का फायदा उठाकर नेपाल से भारत की तरफ शरण ले सकते हैं। साथ ही, बैंक लूट में शामिल अपराधी और नेपाल पुलिस बल से लूटे गए हथियारों को भी सीमा के पास तस्कर छिपाने की योजना बना सकते हैं। इन खतरों को देखते हुए, गृह मंत्रालय ने एसएसबी बलों की संख्या बढ़ा दी है। कई अतिरिक्त कंपनियों को भी नेपाल सीमा पर तैनात किया गया है। राज्य पुलिस मुख्यालय ने भी सभी सीमावर्ती जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा ताकि अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा सके। साथ ही अस्थायी चेक पोस्ट बनाए जा रहे हैं और ड्रोन कैमरों से सीमावर्ती इलाकों पर नजर रखी जा रही है।
बड़े पैमाने पर कैदी फरार
नेपाल में इस जेल ब्रेक की भयावहता को दर्शाते हुए कुछ प्रमुख जेलों से फरार कैदियों की संख्या इस प्रकार है:
-भीमफेडी जेल से 208 कैदी फरार
-जनेश्वर जेल से 572 कैदी फरार
-रौतहट जेल से 233 कैदी फरार
-पोखरा जेल से 900 कैदी फरार
-महोतरी जेल से 576 कैदी फरार (कुल कैदी: 577 में से 576 फरार)
-नरखू जेल (काठमांडू) से 233 कैदी फरार
-कैलाली जेल से 612 कैदी फरार
-कपिलबस्तु जेल से 459 कैदी फरार
-चितवन जेल से 700 कैदी फरार
-झुमका जेल (नेपाल का सबसे बड़ा जेल) से 1575 कैदी फरार
-कंचनपुर जेल से 450 कैदी फरार
यह आंकड़ा दर्शाता है कि यह एक संगठित और बड़े पैमाने पर किया गया ऑपरेशन था, जिसे रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
भारत-नेपाल सीमा: लंबी और खुली
नेपाल और भारत के बीच करीब 729 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है, जिसमें बिहार के सात जिले शामिल हैं। यह सीमा क्षेत्र बिहार के सुपौल, किशनगंज, अररिया जैसे जिलों से होकर गुजरती है। उदाहरण के लिए:
-सुपौल जिले में नेपाल सीमा की लंबाई 57 किलोमीटर
-किशनगंज जिले में 91 किलोमीटर
-अररिया जिले में 109 किलोमीटर
इन क्षेत्रों में कई ऐसे रास्ते हैं, जिनसे दिन-प्रतिदिन सीमावर्ती लोगों का आवागमन होता है। इन रास्तों का उपयोग तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए भी किया जाता है। ऐसे में यह बड़ी चुनौती बन जाती है कि एसएसबी और स्थानीय पुलिस इन सभी जगहों पर नजर रख सकें।
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एसएसबी और पुलिस की भूमिका
नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एसएसबी को कई अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा अस्थायी चेक पोस्ट भी बनाए जा रहे हैं ताकि हर छोटे-से-छोटे रास्ते पर निगरानी रखी जा सके।
ड्रोन कैमरों की मदद से सीमावर्ती इलाकों की लाइव मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जा रही है। ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता समय रहते चल सके। साथ ही, राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी सीमावर्ती जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा है। जिससे हर इलाके में पैनी नजर रखी जा सके और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जा सके। नेपाल में 18 जेल ब्रेक और 6000 से अधिक कैदियों के फरार होने की यह घटना न केवल नेपाल के लिए बल्कि भारत के लिए भी एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन गई है। सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदम बेहद महत्वपूर्ण हैं, ताकि अवैध गतिविधियों और अपराधियों की संभावित घुसपैठ को रोका जा सके। माइक्रोचिपिंग, डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम, अतिरिक्त चेक पोस्ट, ड्रोन कैमरा निगरानी, और पेट शॉप्स का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाना ऐसे कदम हैं, जो देश के सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाएंगे।
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