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NASA : आदित्य L-1 से पहले सूर्य की सतह तक पहुंच चुका है, नासा का ये अंतरिक्ष यान

NASA के सूर्ययान यानी पार्कर सोलर प्रोब ने दो नए रिकॉर्ड बनाए हैं। पहला सूरज के सबसे नजदीक जाने के और अंतरिक्ष में सबसे तेज चलने वाली इंसानी वस्तु का।

NASA :  सूरज के सबसे नजदीक जाने और तेज गति के यान का,NASA के सूर्ययान ने बनाए दो रिकॉर्ड


NASA के सूर्ययान यानी पार्कर सोलर प्रोब ने दो नए रिकॉर्ड बनाए हैं। पहला सूरज के सबसे नजदीक जाने के और अंतरिक्ष में सबसे तेज चलने वाली इंसानी वस्तु का।

पार्कर सोलर प्रोब का  17वां चक्कर –

NASA के पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के चारों तरफ 17वां चक्कर लगा लिया है। इस दौरान उसने दो रिकॉर्ड भी बना लिया है। पहला तो ये कि वो सूरज के बेहद नजदीक गया है,और दूसरा उसकी स्पीड का है,कि वह बहुत तेज गति में अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहा है।  पार्कर सोलर प्रोब सूरज की सतह से मात्र 72.60 लाख किलोमीटर दूरी से निकला है। पार्कर सोलर प्रोब इस समय 6.35 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की गति की रफ्तार से चल रहा है।

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पार्कर सोलर प्रोब ने ये दोनों रिकॉर्ड –

पार्कर सोलर प्रोब ने ये दोनों रिकॉर्ड दो दिन पहले यानी 27 सितंबर 2023 को बनाए हैं। तब वह सूरज के करीब 17वीं बार गया था। सूरज की सतह से यह अब तक की उसकी ये सबसे कम दूरी थी। इस यात्रा में शुक्र ग्रह की ग्रेविटी ने मदद की है। उसने 21 अगस्त 2023 को शुक्र के बगल से फ्लाईबाई किया था। शुक्र ग्रह की ग्रेविटी का फायदा उठाते हुए पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के नजदीक जाकर दिखाया। तेज गति में वहां से निकल भी गया। नासा ने बताया है कि पार्कर सोलर प्रोब के सभी हिस्से सही सलामत हैं, उसकी सेहत ठीक है। सभी सिस्टम सही से काम कर रहे हैं। प्रोब 4 से 19 अक्टूबर के बीच धरती को अपने नए रिकॉर्ड का डाटा भेज सकता है।

सौर तूफान में भी निकला था पार्कर –

कुछ दिन पहले ही एक वीडियो भी जारी किया गया था। जिसमें दिखाया गया था कि पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज से निकलने वाली सौर लहर में खुद को सुरक्षित बचा ले गया है। साथ ही उसने फोटो ली और वीडियो भी बनाया था। जॉन्स हॉपकिंस एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के मुताबिक सौर लहर यानी CME कई बार इतने ताकतवर मैग्नेटिक फील्ड पैदा करती हैं, जो अरबों टन प्लाज्मा छोड़ती हैं। इनमें से कई तो 96.56 से 3057.75 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से चलती हैं।

सबसे तेज चलने वाला अंतरिक्ष यान होगा –

सितंबर में ही इस टक्कर से पहले उसके आसपास जो सौर कण आ रहे थे, उनकी गति 1351.84 किलोमीटर प्रति सेकेंड थी। इस वीडियो इस वीडियो और डेटा से वैज्ञानिकों को यह पता चलेगा कि ये कण कैसे बनते हैं, कैसे चलते हैं, पार्कर सोलर प्रोब असल में सूरज की स्टडी के लिए ही बनाया गया  स्टडी के लिए ही बनाया गया है। यह इतिहास का सबसे तेज चलने वाला अंतरिक्ष यान होगा।

सौर धूल की स्टडी में होगा मददगार –

पार्कर सोलर प्रोब में खास तरह के हीट शील्ड लगे हैं। साथ ही ऑटोनॉमस सिस्टम है जो उसे सूरज के तूफानों से बचाते रहते हैं। पार्कर ने पहला सौर तूफान तब बर्दाश्त किया था, जब वह सूरज की सतह से  5.70 करोड़ किलोमीटर दूर था। इन सौर तूफानों की स्टडी करने से यह पता चलेगा कि अंतरिक्ष में ग्रहों के बीच जो सौर धूल उड़ती है, उसका क्या काम है, वह किसी भी ग्रह की ग्रेविटी, वायुमंडल या मैग्नेटिक फील्ड पर किस तरह से असर डालती हैं।

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