दूसरों को शिक्षित बनाने के लिए छोड़ी दुनिया की सारी सुख सुविधा
हर इंसान का सपना होता है कि वह पढ़ लिखकर एक बड़ा आदमी बने। उसके पास जीवन का हर सुख है। लेकिन आपको कोई यह कहे कि किसी शख्स ने दुनिया के सारी सुविधा छोड़कर अपने जीवन का सारा सुख दूसरों को अच्छा बनाने के लिए दे दिया है तो?
ऐसा ही कुछ आलोक सागर ने किया है। आलोक सागर कोई आम इंसान नहीं है। उन्होंने दिल्ली आईआईटी से एमटैक की डिग्री की। साथ ही यहां पर कई बच्चों को पढ़ाया भी था। इनमें से रिजर्व बैंक ऑफ पूर्व गर्वनर रघुराम राजन भी शामिल थे।
आलोक सागर
दिल्ली आईआईटी से पढ़ाई खत्म करने बाद उन्होंने टेक्सास के ह्यूटसन यूनिर्वसिटी से पीएचटी की थी। पीएचडी पूरी करने के बाद अमेरिका में नौकरी करने लगे। नौकरी करने में मन नहीं लगा तो नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गए। यहां आने के बाद वह आदिवासी बहुल इलाके बैतूल चले गए।
यहां आने के बाद उन्हें आदिवासी बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा अपने कंधों पर लिया। खाली समय में पर्यावरण को सुंदर बनाने के लिए पेड़ पौधे लगाए।
आज आलोक के पास बैतूल जिले के कोचामू गांव में एक छोटी से झोपड़ी, तीन जोड़ी कपड़े और एक साईकिल है। यहां रहकर वह आदिदवासी बच्चों की शिक्षित कर रहे हैं।