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Indian Railways : रेलवे ने चुपके से बदला यह नियम और कर ली 2800 करोड़ की कमाई, ऐसे हुआ खुलासा

भारतीय रेलवे ने इस बार एक नियम में बदलाव करके हजारों करोड़ों रुपए की कमाई कर ली है। ये बदलाव बच्चों के लिए बने एक नियम में की वजह से हुआ है,पिछले सात सालों में रेलवे नें 2,800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है।

Indian Railways : रेलवे ने कर ली हजारों करोड़ों रुपये की आमदनी, ट्रेन में बच्चों के टिकट का क्या है वो नियम 


भारतीय रेलवे ने इस बार एक नियम में बदलाव करके हजारों करोड़ों रुपए की कमाई कर ली है। ये बदलाव बच्चों के लिए बने एक नियम की वजह से हुआ है, पिछले सात सालों में रेलवे नें 2,800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है।

भारतीय रेलवे ने एक नियम में किया बदलाव –

देश में 70 फीसदी ऐसे बच्चे हैं, जो ट्रेन में अपने पेरेंट्स से अलग बर्थ या सीट का ऑप्शन चुनते हैं और पूरा किराया देकर सफर करते हैं। इससे रेलवे की कमाई में इजाफा हुआ है। रेलवे ने इस तरह से बच्चों का टिकट बेचकर 2800 करोड़ रुपये की कमाई की है। इस बात की जानकारी एक आरटीआई के माध्यम से सामने आई है। रेलवे समय-समय पर यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर की नई सेवाओं की शुरुआत करती है। इसके साथ ही अपने रेवेन्यू में वृद्धि करने के लिए नियमों में भी समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। यदि आप भी अक्सर ट्रेन से सफ़र करते हैं तो रेलवे के बदलावों के बारे में आपको जानकारी होनी ही चाहिए।

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 ट्रेन में बच्चों के टिकट का नियम –

पहले भारतीय रेलवे पांच साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों के लिए एक बर्थ के लिए आधा किराया वसूला जाता था। और साथ ही उन्हें बर्थ भी मिलती थी।  इस नियम में बदलाव करते हुए रेलवे ने 31 मार्च, 2016 को घोषणा की थी अब से रेलवे 5 साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों के लिए यात्रा के दौरान दो विकल्प दिए जाएंगे-

बच्चों के लिए दो विकल्प – 

पहले  विकल्प में यह था कि पूरा किराया देकर बच्चों के नाम पर ही बर्थ दी जाएगी। और दूसरा विकल्प यह है कि यदि बच्चे के लिए अलग से सीट या बर्थ नहीं ली जाती है तो आधा किराया देना पड़ेगा, जिसके बाद वे अभिभावक के साथ एक ही सीट पर यात्रा कर सकता है। इस नियम को बदलकर भारतीय रेलवे ने सात साल में 2,800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है।  इस दौरान लगभग 3.6 करोड़ बच्चों ने आधा किराया देकर और लगभग 10 करोड़ बच्चों ने पूरा किराया देकर सफ़र किया है।

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