Hindi News Today: दिल्ली धमाकों में अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम सामने आने से अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर बढ़ी नजर
आज के घटनाक्रमों ने सुरक्षा और कूटनीति दोनों के नए आयाम खोले हैं। चाहे दिल्ली धमाका हो, अफगानिस्तान से उड़ान का प्रस्ताव, बांग्लादेश में राजनीतिक संकट या सेना की यूनिफॉर्म नीति हर मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है।
Hindi News Today: भारत-तालिबान रिश्तों में नई हलचल, पाकिस्तान की नींद उड़ सकती है
Hindi News Today: दिल्ली धमाके की जांच में अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम सामने आने के बाद देशभर के अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को लेकर संदेह और सतर्कता बढ़ गई है। जांच एजेंसियों ने पाया है कि धमाके के तार यूनिवर्सिटी के कम से कम तीन डॉक्टरों से जुड़े हैं, जबकि फिदायीन हमलावर डॉ. उमर-उन-नबी भी वहीं पढ़ाता था। इसके बाद केंद्रीय एजेंसियों और राज्य सरकारों ने संदिग्ध गतिविधियों, संदिग्ध फंडिंग और संभावित हैंडलर्स पर कड़ी नजर रखने का फैसला लिया है।
अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर बढ़ी नजर
दिल्ली धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के नाम के सामने आने से पूरे देश में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को लेकर संदेह और गहरा गया है। जांच एजेंसियों ने अब तक अल-फलाह के कम से कम तीन डॉक्टरों के दिल्ली धमाकों से सीधे संबंध होने की पुष्टि की है। खुद फिदायीन हमलावर डॉ. उमर उन-नबी वहीं का शिक्षक था। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में फैसला लिया गया है कि अब राज्य सरकारें अपने-अपने अल्पसंख्यक संस्थानों में संदिग्ध व्यक्तियों, गतिविधियों और वित्तीय लेनदेन पर कड़ी नजर रखेंगी। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत केंद्रीय एजेंसियों जैसे NIA और ED को दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने राज्य प्रशासन को यह भी निर्देश दिया है कि जांच के नाम पर किसी भी संस्था के सामान्य कार्यों में बाधा न आए, लेकिन हैंडलर्स, मीडियेटर और संदिग्ध छात्रों पर नजर रखना अनिवार्य है, खासकर वे जिनका संबंध जम्मू-कश्मीर से हो। इसी मामले में अल-फलाह ग्रुप के फाउंडर जवाद अहमद सिद्दीकी को ईडी ने गिरफ्तार किया है। उसके ट्रस्ट और विदेशों में मौजूद संपत्तियों की भी जांच जारी है।
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तालिबान का प्रस्ताव
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भारत से अपील करते हुए कहा है कि IC-814 हाईजैकिंग की घटना को पीछे छोड़ते हुए दोनों देशों के बीच सीधी हवाई कूरियर सेवा फिर से शुरू की जाए। यदि भारत प्रस्ताव मान लेता है तो इससे पाकिस्तान की रणनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है। भारत सक्रिय रूप से इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है, जिससे अफगान एयरलाइंस काबुल और कंधार से अमृतसर और नई दिल्ली के लिए उड़ानें शुरू कर सकेगी। यह कदम अफगानिस्तान में जरूरी दवाओं और अन्य सामानों की आपूर्ति को आसान बनाएगा। सुरक्षा कारणों से कंधार प्रस्ताव की विस्तृत समीक्षा की जा रही है, क्योंकि इतिहास से जुड़े संवेदनशील पहलू अभी भी मौजूद हैं।
शेख हसीना पर केस विवादों में
ढाका में पिछले वर्ष ‘कोटा सिस्टम’ के खिलाफ हुई छात्र विरोध की आवाजें अब विदेशी हस्तक्षेप और साजिश की तरफ इशारा कर रही हैं। अब विदेशी ताकतों द्वारा राजनीतिक खेल और अस्थिरता फैलाने की बात सामने आ रही है, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को टारगेट करने का रास्ता बनाया। शेख हसीना के खिलाफ हाल ही में दिया गया ट्रिब्यूनल का फैसला कई सवालों के घेरे में है, क्योंकि सुनवाई सिर्फ 20 दिनों में पूरी की गई और उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। इसे सरकार विरोधी ताकतों की कंगारू कोर्ट कहा जा रहा है।
भारतीय सेना की सख्त चेतावनी
सुरक्षा खतरों को देखते हुए भारतीय सेना ने यूनिफॉर्म उपयोग पर बड़ी एडवाइजरी जारी की है। सेना ने साफ कहा है कि इस्तेमाल की गई मिलिट्री यूनिफॉर्म को किसी भी नागरिक या निजी संस्था को दान, बिक्री या रीसाइकलिंग के लिए देना सख्त मना है। अगर कोई ऐसा करता पाया गया, तो कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी क्योंकि इन यूनिफॉर्म्स का दुश्मन गलत इस्तेमाल कर सकता है। हाल के वर्षों में सेना अपनी यूनिफॉर्म के IPR अधिकार भी रजिस्टर करवा चुकी है, ताकि इनका दुरुपयोग रोका जा सके।
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