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GDP growth india: 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी, GDP में 8.2% की शानदार वृद्धि

GDP growth india, यूएस टैरिफ और वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था ने आशा से बेहतर प्रदर्शन करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है।

GDP growth india : भारत की आर्थिक प्रगति, GDP ग्रोथ 8.2%, पिछले साल से 2.6% ज्यादा

GDP growth india, यूएस टैरिफ और वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था ने आशा से बेहतर प्रदर्शन करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है। 28 नवंबर, 2025 को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगातार तीसरी तिमाही में अपनी मजबूत ग्रोथ को बरकरार रखा। जुलाई-सितंबर (Q2) तिमाही में GDP ग्रोथ 8.2% पर पहुंच गई, जबकि पिछली तिमाही में यह 7.8% थी। आर्थिक विश्लेषकों ने Q2 के लिए 7% से 7.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक आंकड़े उम्मीद से कहीं अधिक रहे। इस शानदार प्रदर्शन ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में बनाए रखने में मदद की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया उत्साह

GDP ग्रोथ के आंकड़ों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि Q2 में 8.2% की वृद्धि काफी उत्साहजनक है और यह सरकार की नीतियों और बड़े आर्थिक सुधारों का नतीजा है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आर्थिक सुधारों को जारी रखा जाएगा और ईज ऑफ लिविंग को और मजबूत बनाने के प्रयास लगातार होंगे। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के अनुसार, स्थिर कीमतों पर वास्तविक GDP इस तिमाही में ₹48.63 लाख करोड़ तक पहुंच गई, जबकि पिछले वर्ष यह ₹44.94 लाख करोड़ थी। नाममात्र GDP में 8.7% और वास्तविक GVA (Gross Value Added) में 8.1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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विनिर्माण क्षेत्र ने दिखाया दम

इस तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र ने सबसे शानदार प्रदर्शन किया और 9.1% की वृद्धि दर हासिल की। इसके विपरीत कृषि क्षेत्र ने 3.5% की ग्रोथ दिखाई। घरेलू खपत की बात करें तो आम जनता का निजी उपभोग (PFCE) 7.9% बढ़ा, जो पिछले साल के 6.4% से बेहतर है। निवेश के संकेतक पूंजी निर्माण (GFCF) में भी 7.3% की मजबूती देखने को मिली। इसका मतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ न केवल उत्पादन और निवेश पर निर्भर है, बल्कि घरेलू खपत में सुधार के जरिए भी मजबूत बनी हुई है।

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सरकारी खर्च में संयम

हालांकि विनिर्माण और निवेश ने शानदार ग्रोथ दिखाई, सरकारी खर्च में नाममात्र आधार पर 2.7% की गिरावट आई। इसका संकेत यह है कि सरकार ने राजकोषीय अनुशासन बनाए रखा है और अर्थव्यवस्था को संतुलित तरीके से आगे बढ़ाने पर ध्यान दिया। सरकार की खर्च नीति में संयम के साथ-साथ निजी खपत और निवेश के बढ़ते संकेतक ने आर्थिक वृद्धि को और मजबूती दी है।

घरेलू मांग और निवेश में सुधार

इस तिमाही में घरेलू मांग में मजबूती देखने को मिली। विनिर्माण की तेज रफ्तार, निवेश में सुधार और निजी उपभोग में बढ़ोतरी ने अर्थव्यवस्था को स्ट्रॉन्ग ग्रोथ ट्रैक पर रखा। विशेषज्ञों का कहना है कि Q2 में 8.2% की ग्रोथ वैश्विक मंदी और ट्रेड टैरिफ के बावजूद एक बड़ी उपलब्धि है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में औसत वृद्धि दर लगभग 8% रही है, जो पूरे वर्ष के लिए ऊंचे अनुमानों को पुख्ता करती है।

विश्व स्तर पर भारत की स्थिति

इस तिमाही के आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। विनिर्माण क्षेत्र में सुधार, निवेश में बढ़त और घरेलू खपत के बढ़ते संकेतक ने भारत को वैश्विक निवेशकों और आर्थिक विश्लेषकों की नजरों में प्रमुख बना दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह ग्रोथ दर बरकरार रही, तो भारत वर्ष 2025-26 में वर्ल्ड इकोनॉमी में प्रमुख रोल निभा सकता है। कुल मिलाकर, भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस तिमाही में उम्मीदों से कहीं बेहतर प्रदर्शन करके विश्व स्तर पर अपनी मजबूत स्थिति दिखा दी है। विनिर्माण, निवेश और घरेलू खपत की बढ़ोतरी ने GDP को 8.2% तक पहुँचाया, जबकि सरकारी खर्च में संयम ने आर्थिक संतुलन बनाए रखा। यह वृद्धि न केवल भारत की आर्थिक मजबूती को दर्शाती है, बल्कि आने वाले वित्त वर्ष के लिए सकारात्मक संकेतक भी प्रदान करती है। विशेषज्ञों की नजर में, इस प्रदर्शन से भारत की आर्थिक नीतियों और सुधारों की सफलता स्पष्ट होती है।

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