Bihar News: बिहार में स्वास्थ्य योजनाओं पर कड़ी कार्रवाई, समीक्षा में लापरवाही पर डॉक्टरों का वेतन रोका
Bihar News, मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) चलाया जा रहा है।
Bihar News : बिहार हेल्थ सिस्टम पर कसने लगी लगाम, लापरवाह डॉक्टरों का वेतन रोका गया
Bihar News, मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) चलाया जा रहा है। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत हर महीने की 9 और 21 तारीख को सभी सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की व्यापक स्वास्थ्य जांच की जाती है। यह अभियान न केवल गर्भवती महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का माध्यम है, बल्कि सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी है।
निरीक्षण में सामने आई लापरवाही: कई डॉक्टर अनुपस्थित
मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. बी.पी. सिन्हा ने सदर अस्पताल में PMSMA की कार्यप्रणाली का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में नियुक्त कई प्रमुख कर्मचारी और चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं मिले। इनमें शामिल थे—
- स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा कुमारी
- स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिलाषा रानी
- स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपा
- जीएनएम अन्नू कुमारी
- गुड़िया कुमारी
- आशा कुमारी
इतने महत्वपूर्ण दिन पर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की अनुपस्थिति ने अस्पताल प्रशासन की चिंताओं को गहरा कर दिया। PMSMA जैसे महत्वपूर्ण अभियान के दौरान कर्मचारियों का गायब रहना न केवल प्रशासनिक अनियमितता है, बल्कि इसका सीधा असर गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ता है।
वेतन रोका गया, 24 घंटे में जवाब तलब
सिविल सर्जन के निर्देश पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. राकेश कुमार ने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही, मंगलवार का पूरा दिन का वेतन रोकने का आदेश भी दिया गया है। अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि PMSMA दिवस पर प्रसव पूर्व जांचों के समय स्टाफ की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। इसे मनमानी, अनुशासनहीनता और गंभीर लापरवाही माना गया है।
ओपीडी से गायब रहने वाले डॉक्टरों पर सख्त रवैया: ‘कार्रवाई निश्चित’
इधर मधेपुरा जिले में जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय में भी मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश ठाकुर की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन ने अस्पतालों में अनुशासन की कमी को लेकर चिंता जताई और सभी चिकित्सकों को कड़ी चेतावनी दी।
निर्देशों में प्रमुख बिंदु—
- सभी चिकित्सक नियमित रूप से ओपीडी में उपस्थित रहें।
- बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
- टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जीरो डोज से वंचित बच्चों को चिन्हित कर जल्द टीका लगाने का आदेश।
- गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांचों की तुलना में अस्पतालों में संस्थागत प्रसव की संख्या कम है — इसे बढ़ाने का निर्देश।
संस्थागत प्रसव को बढ़ाने पर जोर
बैठक में यह भी पाया गया कि गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच अस्पतालों में हो रही है, लेकिन उसी अनुपात में अस्पताल में प्रसव नहीं हो रहे। यह गंभीर अंतर स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। सिविल सर्जन ने स्पष्ट निर्देश दिया कि“जिन महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच अस्पताल में होती है, उनका प्रसव भी हर हाल में अस्पताल में ही कराया जाए।” यह कदम मातृ मृत्यु दर और नवजात शिशु मृत्यु दर दोनों को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
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क्यों जरूरी है PMSMA दिवस पर पूर्ण स्टाफ उपस्थिति?
PMSMA दिवस पर गर्भवती महिलाओं की कई महत्वपूर्ण जांच की जाती हैं, जैसे—
- हीमोग्लोबिन स्तर की जांच
- अल्ट्रासाउंड
- ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग
- गर्भपूर्व बीमारियों की पहचान
- उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं का चिन्हांकन
इन सेवाओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ का मौजूद होना बेहद जरूरी है। अनुपस्थिति न केवल जांच प्रक्रिया को प्रभावित करती है, बल्कि कई महिलाओं को समय पर उपचार भी नहीं मिल पाता।
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स्वास्थ्य सेवाओं में जवाबदेही की जरूरत
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान केंद्र सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है। लेकिन अगर स्टाफ अनुपस्थित रहेगा, ओपीडी में डॉक्टर नहीं होंगे, या प्रसव पूर्व जांचों के बाद भी प्रसव अस्पताल से बाहर होंगे—तो योजना का उद्देश्य अधूरा रह जाएगा।
सिविल सर्जन द्वारा सख्त कार्रवाई और वेतन रोकने जैसे कदम निश्चित तौर पर प्रशासन में अनुशासन लाने में सहायक होंगे। लेकिन व्यापक सुधार के लिए—
- कर्मचारियों की जवाबदेही तय करना,
- अस्पतालों में संसाधन उपलब्ध कराना,
- और नियमित मॉनिटरिंग करना आवश्यक है।
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