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Assam Flood: बारिश की मार झेल रहा असम, भारत-चीन सीमा पर कई इलाकों से कटा संपर्क

असम में बाढ़ के कारण वन्यजीवों के आवास का एक बड़ा हिस्सा अब जलमग्न हो गया है। जानवर अपने को बचाने के लिए भी सुरक्षित स्थान ढूंढ रहे हैं। काजीरंगा का लगभग 26 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न है।

Assam Flood: असम में बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित, कुरुंग नदी पर बना पुल बहा


Assam Flood: असम में बाढ़ का कहर जारी है और इससे 6.50 लाख से अधिक लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। आलम ये है कि राज्य के कई जिले पूरी तरह जलमग्न हैं और यातायात सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। बताया गया कि करीब-करीब पूरा डिब्रूगढ़ शहर बाढ़ की चपेट में आकर पानी में डूबा है। हालातों पर फिलहाल राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं जताई जा रही क्योंकि कम से कम आठ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं जोरहाट जिले के नेमाटीघाट में ब्रह्मपुत्र बाढ़ के स्तर को पूरी तरह पार कर चुकी है। मौसम विभाग ने राज्य में भारी बारिश का अनुमान जताया है जो लोगों की दिक्कतों को और बढ़ाने वाला लग रहा है। मौसम बुलेटिन की मानें तो असम में पांच जुलाई तक भारी बारिश हो सकती है। गुवाहाटी में भी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

वाहनों की गति को लेकर दिए गए आदेश

भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के कारण पशु फंसे हुए हैं, जिससे वाहनों की चपेट में आने से चोट लगने और मौत की संभावना बनी हुई है, इसलिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, कालीबोर ने आदेश जारी किया है। किसी भी प्रकार के वाहनों की गति एनएच 715 (पुराने एनएच 37) के खंड पर 20 या 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।

भारत-चीन सीमा पर कई इलाकों से कटा संपर्क

असम में बाढ़ की स्थिति बद्तर होती जा रही है और जलस्तर बढ़ने की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में स्थित 233 वन शिविरों में से 26 प्रतिशत से अधिक जलमग्न हो गए हैं। वहीं भारत-चीन सीमा पर भी कई इलाकों से सड़क मार्ग का संपर्क कट गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के मुताबिक बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 12 से बढ़कर 19 हो गई है। ईटानगर में भारी बारिश की वजह से 2 से 6 जुलाई तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।

कुरुंग नदी पर बना पुल बहा

पूर्वी कामेंग जिले में कुरुंग नदी पर बना पुल बाढ़ में बह गया। इसके अलावा कई घर भी बाढ़ की चपेट में आ गए। असम में लगभग 8 हजार लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। वहीं, तिनसुकिया जिले में सबसे ज्यादा 35 लोगों की मौत हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक काजीरंगा वन्य जीव अभयारण्य का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है और बड़ी संख्या में जानवर ऊंचे स्थान की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-715 पार कर पूर्वी कार्बी आंगलोंग जिले के दक्षिणी हिस्से की ओर जा रहे हैं। हालांकि, बाढ़ या सड़क पार करने के दौरान किसी जानवर की मौत की खबर नहीं है।

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6 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित

असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, राज्य के 19 जिलों में छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं, जबकि बारिश से संबंधित घटनाओं में 45 लोगों की मौत हो गई है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कम से कम आठ नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसमें ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट जिले के नेमाटीघाट में अपने उच्चतम बाढ़ स्तर को पार कर गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के बुलेटिन में कहा गया है कि NDRF, SDRF, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और स्थानीय प्रशासन सहित कई एजेंसियां ​​बचाव अभियान में लगी हुई हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि कुल 6,44,128 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, क्योंकि कामरूप, गोलाघाट, माजुली, लखीमपुर, करीमगंज, कछार, धेमाजी, मोरीगांव, उदलगुड़ी, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, नागांव, शिवसागर, दारंग, नलबाड़ी, सोनितपुर, तामुलपुर, विश्वनाथ और जोरहाट बाढ़ के पानी में डूब गए हैं।

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