Akhilesh Yadav : लखनऊ के आलमबाग में अत्याधुनिक बस अड्डे से लेकर इकाना स्टेडियम तक, ये है सपा की बड़ी सोच का नज़ारा
10 मार्च 2012 को अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का नेता चुना गया था। इसके बाद 15 मार्च को अखिलेश यादव ने सिर्फ 38 साल की उम्र में राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पांच साल तक यूपी की सरकार चली।
Akhilesh Yadav : सबसे कम उम्र वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की दिलचप्स कहानी, कैसा रहा उनका राजनीति का सफर
10 मार्च 2012 को अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का नेता चुना गया था। इसके बाद 15 मार्च को अखिलेश यादव ने सिर्फ 38 साल की उम्र में राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पांच साल तक यूपी की सरकार चली।
अखिलेश यादव का सफर –
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले स्थित सैफई गांव में 1 जुलाई 1973 को मुलायम सिंह यादव और मालती देवी के घर पर अखिलेश यादव का जन्म हुआ था। अखिलेश की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई इटावा के सेंट मैरी स्कूल से हुई थी। फिर उन्होंने आगे की पढ़ाई राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल से की थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने मैसूर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। अखिलेश यादव आगे की पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गए और वहां उन्होंने सिडनी यूनिवर्सिटी से पर्यावरणीय अभियांत्रिकी में स्नातक किया। पढ़ाई खत्म कर वह भारत लौट आए।
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अखिलेश यादव ने 24 नवंबर 1999 को डिंपल सिंह से शादी किया और इसके बाद अखिलेश यादव सक्रिय रूप से राजनीति में आए और 2000 में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा। साल 2000 में कन्नौज लोकसभा का उपचुनाव अखिलेश यादव ने लड़ा था। 27 साल की उम्र में अखिलेश यादव सांसद भी बन गए थे। अखिलेश यादव ने 2004 में भी कन्नौज से चुनाव लड़े और दूसरी बार भी जीते थे। 2009 में अखिलेश यादव दो सीटों कन्नौज और फिरोजाबाद से भी लोकसभा का चुनाव लड़े और दोनों सीटों पर अपनी जीत हासिल की। फिर बाद मे फिरोजाबाद सीट छोड़ दी थी।
अखिलेश यादव के सक्रिय रूप से राजनीति मे काम को देखते हुए मुलायम सिंह यादव ने सपा की प्रदेश इकाई के नेतृत्व की जिम्मेदारी अखिलेश के कंधे पर डाल दी थी। और अखिलेश यादव ने भी अपनी जिम्मेदारी भी अच्छे से निभाई थी। 2012 के चुनाव की औपचारिक घोषणा से पहले ही अखिलेश यादव ने कभी ‘क्रांति रथ यात्रा’ तो कभी साइकिल से यात्राएं निकाल कर पूरे प्रदेश को मानो एक रंग मे मथ डाला था। अखिलेश यादव के लिए 2012 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव गेमचेंजर के रूप में साबित हुआ। इस चुनाव में सपा ने 224 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था। इसका पूरा योगदान अखिलेश यादव की रणनीति को दिया जाता है। मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव की मेहनत का इनाम उन्हें मुख्यमंत्री का पद सौंप कर दिया था।
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में तरक्की के लिए अपने प्रयासों के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ही, पार्टी ने सामाजिक न्याय और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
— Akhilesh Yadav 'Parody' (@Akhileshparody_) October 29, 2023
लखनऊ का इकाना स्टेडियम –
देश के ‘स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर’ के मानक के तौर पर एसपी ने लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बनवाया, जहां आज विश्व कप मैच हो रहा है। 2014 में लखनऊ में इंटरनेशनल लेवल के नए स्टेडियम का प्रोजेक्ट लाया गया था। यूपी सरकार ने एक प्राइवेट कंपनी एकाना से हाथ मिलाते हुए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया था। इस स्टेडियम के लिए सिर्फ जमीन यूपी सरकार ने मुहैया करवाई थी और बाकी सब कंस्ट्रक्शन से लेकर फैसिलिटी और अन्य डेवलपमेंट वर्क एकाना कंपनी ने किया था। यह स्टेडियम 530 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है। एकाना ने इस स्टेडियम को बनाने के लिए 3 साल का समय लगता था लेकिन पूरा कंस्ट्रक्शन 2 साल 8 महीने में कंप्लीट हो गया। इससे अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से रोजगार के लाखों अवसर पैदा हुए हैं और खेल एवं पर्यटन को नया बढ़ावा मिला है। यहां के होटल भरे हुए हैं, टैक्सी और खानपान व्यवसाय के साथ-साथ लखनऊ के प्रसिद्ध चिकनकारी बाजार मे भी बढ़ावा मिला है।
हक़ीक़त बन सकता है, हर तसव्वुर
अगर आँख में बुलंद नज़रिया जो हो #सपा_का_काम_खेल_के_नाम pic.twitter.com/Uh9QyXun01— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 29, 2023
आलमबाग बस अड्डा –
लखनऊ में ही आलमबाग बस अड्डा प्रदेश का पहला ऐसा अत्याधुनिक बस अड्डा बना है जहां पर यात्रियों के ठहरने के लिए कमरे भी बनाए गए हैं। और खाने-पीने के लिए कैंटीन समेत अन्य विशेष सुविधाएं यात्रियों को मिलती है। बस स्टेशन पर ही सिनेमाघर भी बनाया गया, जिससे यात्रियों को मनोरंजन के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ता है।
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