Agriculture Day: कृषक और श्रमिक, देश के असली निर्माता
Agriculture Day: कृषि दिवस मुख्य रूप से किसानों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। किसान दिन-रात मेहनत कर अन्न पैदा करते हैं और पूरे देश का पेट भरते हैं।
Agriculture Day: किसानों और श्रमिकों का सम्मान, हमारी जिम्मेदारी
Agriculture Day: कृषि दिवस मुख्य रूप से किसानों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। किसान दिन-रात मेहनत कर अन्न पैदा करते हैं और पूरे देश का पेट भरते हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग 60 प्रतिशत आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है। हरियाली, खाद्यान्न उत्पादन, और खाद्य सुरक्षा में किसानों का योगदान अतुलनीय है। कृषि दिवस के माध्यम से उनके परिश्रम को सम्मानित किया जाता है और यह याद दिलाया जाता है कि देश की खुशहाली किसान की मेहनत पर आधारित है।
कृषि और श्रमिक दिवस का महत्व
श्रमिक दिवस (Labor Day), जिसे अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस या मज़दूर दिवस भी कहा जाता है, हर साल 1 मई को मनाया जाता है। यह दिन उन करोड़ों श्रमिकों को समर्पित है जो अपने पसीने से देश का निर्माण करते हैं। चाहे सड़क निर्माण हो, इमारतें हों, उद्योग हों या सेवाएं, हर क्षेत्र में श्रमिकों की भूमिका अहम है। इस दिवस की शुरुआत 19वीं सदी के अमेरिका में श्रमिकों द्वारा आठ घंटे के कार्यदिवस की मांग के आंदोलन से हुई थी। इसके बाद यह दिवस दुनिया भर में श्रमिक अधिकारों के समर्थन और उनके कल्याण की दिशा में उठाए गए कदमों का प्रतीक बन गया।
कृषि और श्रमिक दिवस
कृषि और श्रमिक दिवस हमें यह भी सिखाते हैं कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। खेतों में काम करने वाला किसान और कारखानों में काम करने वाला श्रमिक दोनों ही समाज के लिए आवश्यक हैं। इन दोनों वर्गों के बिना किसी भी राष्ट्र की तरक्की की कल्पना भी नहीं की जा सकती। कृषि और श्रमिक दिवस मनाने का असली उद्देश्य केवल समारोह आयोजित करना नहीं है, बल्कि इनके योगदान को समझना, सम्मान देना और इनके विकास के लिए गंभीर प्रयास करना है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि किसान और श्रमिक देश की वह जड़ें हैं जिनसे विकास का विशाल वृक्ष पोषित होता है।
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