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Accession Day: एक्सेशन डे 2025, भारत के राज्यों के विलय और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

Accession Day, भारत में कई राज्यों और रियासतों के इतिहास में एक्सेशन डे (Accession Day) एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है।

Accession Day : एक्सेशन डे, इतिहास और राजनीतिक दृष्टि से एक यादगार दिन

Accession Day, भारत में कई राज्यों और रियासतों के इतिहास में एक्सेशन डे (Accession Day) एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उस तारीख का प्रतीक होता है जब किसी राज्य या रियासत ने भारतीय संघ में विलय या राज्य के प्रमुख का सत्ता ग्रहण किया। यह दिन न केवल राजनीतिक इतिहास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे नागरिकों के लिए गौरव और एकजुटता का प्रतीक माना जाता है।

एक्सेशन डे का इतिहास

‘Accession’ शब्द का अर्थ है सत्ता, अधिकार या राज्य का ग्रहण करना। भारत में यह शब्द विशेष रूप से स्वतंत्रता के बाद 1947–1949 के समय प्रचलित हुआ। उस दौरान कई स्वतंत्र रियासतें और छोटे राज्य भारतीय संघ में शामिल हो रही थीं।

उदाहरण के लिए:

  • जम्मू-कश्मीर ने 26 अक्टूबर 1947 को भारतीय संघ में विलय किया।
  • हिसार, जयपुर और कोटा जैसी रियासतों ने स्वतंत्रता के तुरंत बाद भारतीय संघ में अपनी सत्ता को हस्तांतरित किया।

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य होता है — नागरिकों में राज्य के प्रति सम्मान और राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ाना।

एक्सेशन डे का महत्व

  1. राजनीतिक स्थिरता का प्रतीक – यह दिन यह याद दिलाता है कि राज्य ने लोकतांत्रिक ढांचे में शामिल होकर समानता और शांति की दिशा चुनी।
  2. राष्ट्रीय एकता – एक्सेशन डे सभी नागरिकों को यह संदेश देता है कि वे एक बड़े संघ का हिस्सा हैं।
  3. इतिहास की समझ – यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्र भारत के निर्माण में कितनी कठिनाइयाँ और समझौतों की आवश्यकता थी।
  4. सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव – कई राज्यों में इस दिन को फ्लैग होल्डिंग, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।

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भारत में प्रमुख एक्सेशन डेज़

भारत के स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद विभिन्न रियासतों और राज्यों ने अलग-अलग समय में विलय किया। कुछ प्रमुख उदाहरण:

  • जम्मू-कश्मीर – 26 अक्टूबर 1947
  • जयपुर – 15 अप्रैल 1949
  • जयपुर और उदयपुर (राजस्थान) – 1949
  • हैदराबाद – 17 सितंबर 1948

हर राज्य में इस दिन को अलग तरह से मनाया जाता है। राजसी क्षेत्रों में इसे सांस्कृतिक परेड, भाषण और स्मारक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।

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कैसे मनाया जाता है एक्सेशन डे

  1. सरकारी समारोह – राज्य सरकार द्वारा झंडा फहराना, परेड और पुरस्कार वितरण।
  2. सांस्कृतिक कार्यक्रम – नृत्य, संगीत और नाटक के माध्यम से राज्य की विरासत को प्रदर्शित किया जाता है।
  3. शैक्षिक कार्यक्रम – स्कूल और कॉलेज में बच्चों को इतिहास और राज्य के विलय की जानकारी दी जाती है।
  4. सार्वजनिक भागीदारी – नागरिक राष्ट्रीय ध्वज के नीचे जमा होकर देशभक्ति और गर्व का अनुभव करते हैं।

राजनीतिक और सामाजिक महत्व

एक्सेशन डे केवल राज्य के राजनीतिक इतिहास तक सीमित नहीं है। यह समाज के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:

  • संविधान और लोकतंत्र का सम्मान – यह दिन याद दिलाता है कि राज्य ने संविधान और लोकतंत्र का हिस्सा बनकर नागरिकों को अधिकार और सुरक्षा दी।
  • समानता और सहयोग – राज्य और केंद्र सरकार के बीच सहयोग और समरसता की भावना पैदा होती है।
  • युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा – नए नागरिकों और छात्रों के लिए यह दिन राष्ट्रभक्ति और जिम्मेदारी की भावना जागृत करता है।

शिक्षा और जागरूकता

एक्सेशन डे का महत्व केवल सरकारी समारोह तक सीमित नहीं होना चाहिए। स्कूल और कॉलेज में इसे शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को समझाया जाता है।

  • इतिहास की कक्षाओं में रियासतों के विलय की प्रक्रिया पढ़ाई जाती है।
  • छात्रों को राजनीतिक समझ और लोकतंत्र का महत्व समझाया जाता है।
  • डिबेट, क्विज़ और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

इससे युवाओं में अपनी सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत को जानने की रुचि बढ़ती है। एक्सेशन डे सिर्फ एक तारीख नहीं है, बल्कि यह इतिहास, गर्व और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्र भारत की स्थिरता, लोकतंत्र और एकजुटता के लिए कितने प्रयास और समझौते किए गए। हर राज्य और नागरिक के लिए यह दिन सम्मान, जागरूकता और गर्व का अवसर है। इसलिए एक्सेशन डे हमें केवल इतिहास पढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि हमें यह सिखाता है कि साझा जिम्मेदारी, सहयोग और समरसता से ही राष्ट्र मजबूत बनता है।

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