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Pakistan News: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान से दो देश परेशान, जानिए क्या है पुरा मामला

साल 2019 में पाकिस्तान और IMF के बीच 6 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज पर समझौता हुआ था। लगभग एक साल बाद पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर देने पर सहमति बनी।

Pakistan News: कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान, डिफॉल्ट होने के कगार पर

दिसंबर 2022 में पाकिस्तान के ऊपर कुल 126 बिलियन डॉलर का कर्ज था। लेकिन उच्च ब्याज दर और स्ट्रॉन्ग ग्रीनबैक के कारण पाकिस्तान के ऊपर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी न्यूनतम स्तर पर है। ऐसे में पाकिस्तान के ऊपर डिफॉल्ट होने का खतरा भी मंडरा रहा है।

आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान पिछले दो सालों से आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। अप्रैल 2022 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अविश्वास मत से सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में जारी आर्थिक और राजनीतिक संकट का एक मुख्य कारण यह भी है। उसके बाद पिछले महीने मई 2023 में भ्रष्टाचार के आरोप में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और चरम पर पहुंच गई है। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में आगजनी और हिंसा देखने को मिली।

देश में जारी राजनीतिक अराजकता के बीच पाकिस्तान में महंगाई दर रिकॉर्ड 36 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। पिछले एक साल में ही पाकिस्तानी रुपये की कीमत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आधी हो गई है। पाकिस्तान सरकार के सामने एक गंभीर समस्या भी है कि पाकिस्तान पर बाहरी कर्ज भी बहुत ज्यादा है।

कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान

दिसंबर 2022 में पाकिस्तान के ऊपर कुल 126 बिलियन डॉलर का कर्ज था। लेकिन उच्च ब्याज दर और स्ट्रॉन्ग ग्रीनबैक के कारण पाकिस्तान के ऊपर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी न्यूनतम स्तर पर है। ऐसे में पाकिस्तान के ऊपर डिफॉल्ट होने का खतरा भी मंडरा रहा है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, मार्च 2023 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 4.2 अरब डॉलर रह गया है।

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6 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज पर समझौता हुआ

डिफॉल्ट होने से बचने के लिए पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बेलआउट पैकेज के लिए बातचीत कर रहा है। साल 2019 में पाकिस्तान और IMF के बीच 6 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज पर समझौता हुआ था। लगभग एक साल बाद पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर देने पर सहमति बनी। लेकिन IMF ने यह बेलआउट पैकेज तब तक जारी करने से इनकार कर दिया जब तक कि IMF को यह गारंटी नहीं मिल जाती है कि पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय सहयोगी देश संयुक्त अरब आमीरात, सऊदी अरब और चीन भी आर्थिक रूप से मदद करेंगे।

यूएई और सऊदी अरब के लिए क्या है खतरा?

वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता के बीच अगर यूएई और सऊदी अरब पाकिस्तान का साथ देता है, तो यह जोखिमों से भरा होगा। दोनों देशों के पाकिस्तान के साथ मजबूत व्यावसायिक रिश्ते हैं। लगभग 20 करोड़ से अधिक आबादी वाला पाकिस्तान सऊदी अरब और यूएई दोनों देशों के लिए एक बड़ा बाजार है। साल 2023 में पाकिस्तान के साथ यूएई का ट्रेड लगभग 10.6 बिलियन डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है।

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2022 में सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच भी द्विपक्षीय व्यापार लगभग 4.6 बिलियन डॉलर का रहा। इसके अलावा पाकिस्तान के आर्थिक संकट से पाकिस्तान-गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल ट्रेड डील की व्यावहारिकता पर भी सवाल उठ सकते हैं। पाकिस्तान और गल्फ देशों के बीच होने वाली इस डील को लेकर फिलहाल बातचीत जारी है।

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