Odisha Train Accident: कुछ ही मिनटों में चली गई सैंकड़ों लोगों की जान, ओडिशा रेल हादसे में बड़ा खुलासा
हादसे में बाल-बाल बचे कुछ यात्रियों ने हादसे का आंखों देखा हाल बताया। एक यात्री ने बताया कि आरक्षित श्रेणी के बावजूद कोच में लोग भरे हुए थे। ट्रेन पलटी, उस वक्त वो सो रहा था। अचानक झटका लगा, आंख खुली तो उसके ऊपर कम से कम 15 लोग आ गिरे।
Odisha Train Accident: आइये जानते हैं कैसे हुआ ओडिशा में भीषण ट्रेन एक्सीडेंट
Odisha Train Accident: रेलवे के इतिहास के सबसे भीषण हादसों में से एक ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट, जिसमे अब तक 300 लोगों की जान चली गई है। इस हादसे में तीन ट्रेनें- शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी। ये घटना तब हुई जब यात्री ट्रेन कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस पटरी से उतरकर मालगाड़ी से टकराई और इसके कुछ डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट से भी जा टकराए।
रेलवे के अनुसार, हादसे में 300 से ज्यादा घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना भी है। ये भीषण दुर्घटना ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार (2 जून) शाम 7 बजे के आसपास हुई जब कई यात्री सो रहे थे। चेन्नई जा रही कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस अपनी पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से जा टकराई। इसके बाद इस ट्रेन के कई डिब्बे पलट गए।
कैसे हुआ ये हादसा?
शुक्रवार 2 जून को हावड़ा के पास शालीमार रेलवे स्टेशन से ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर निकली। 23 डिब्बों की इस ट्रेन को अप लाइन पर बालासोर, कटक, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा होते हुए चेन्नई पहुंचना था। इस ट्रेन ने दोपहर बाद 3 बजकर 20 मिनट पर अपना सफ़र शुरू किया और यह पहले संतरागाछी रेलवे स्टेशन पर रुकी और फिर महज़ 3 मिनट की देरी से खड़गपुर स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन शाम 5 बजकर 5 मिनट पर खड़गपुर स्टेशन से चलनी शुरू हुई। यह ट्रेन शाम 7 बजे बालासोर के पास बाहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन की तरफ़ बढ़ रही थी।
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इस ट्रेन को बाहानगा स्टेशन पर बिना रुके सीधा आगे निकल जाना था। चेन्नई जा रही कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस अपनी पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से जा टकराई। इसके बाद इस ट्रेन के कई डिब्बे पलट गए।
जब हुआ दूसरी ट्रेन से टक्कर…
ठीक इसी समय यशवंतपुर से हावड़ा की तरफ़ आ रही 12864 यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे वाली जगह को क्रॉस कर रही थी। 22 डब्बों की यह ट्रेन क़रीब 4 घंटे की देरी से चल रही थी और ट्रेन का ज़्यादातर हिस्सा हादसे वाली जगह से आगे निकल चुका था। तभी कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन का हादसा हुआ और इसके कुछ डिब्बे गिरने के बाद लुढ़कते हुए यशवंतपुर- हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से से टकरा गए। इस टक्कर से दूसरी ट्रेन के भी 3 डिब्बे पटरी से उतर गए।
दुखद – अब तक सबसे बड़ा रेल हादसा है ये शायद!
दिन की रोशनी में आ रही तस्वीरें… कल की काली रात की स्याह और खतरनाक मंज़र को समझा रही है!
तीन -तीन ट्रेनों की टक्कर है! #बालासोर ट्रेन हादसे में अब तक मृतकों की आधिकारिक संख्या 233 बतायी गई है। हजारों घायल हैं!
छुट्टियों का मौसम… pic.twitter.com/CXnWBUq431— Sumit Awasthi (@awasthis) June 3, 2023
किस ट्रेन में कितने यात्री?
भद्रक से एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन रात के 8.30 बजे ही मौके पर पहुंच गया था। रेलवे की ओर से हादसे की शिकार हुई ट्रेन में सवार यात्रियों की संख्या को लेकर भी जानकारी दी गई है। रेलवे के मुताबिक कोरोमंडल एक्सप्रेस में 1257 पैसेंजर ने टिकट बुक कराए थे वहीं, यशवंतपुर एक्सप्रेस में 1039 यात्री रिजर्वेशन कराकर यात्रा कर रहे थे। खड़गपुर से एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल उपकरण लेकर खड़गपुर से रवाना हुई ट्रेन रात के 10 बजकर 25 मिनट पर मौके पर पहुंच गई। एक और ट्रेन खड़गपुर से 10 बजकर 42 मिनट पर पहुंच गई। उसी समय बालासोर में एनडीआरएफ के अधिकारियों से संपर्क किया गया। एनडीआरएफ की टीम भी रात के 8 बजकर 30 मिनट पर मौके पर पहुंच गई थी और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था।
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चश्मदीदों ने बताया आंखों देखा मंजर
हादसे में बाल-बाल बचे कुछ यात्रियों ने हादसे का आंखों देखा हाल बताया। एक यात्री ने बताया कि आरक्षित श्रेणी के बावजूद कोच में लोग भरे हुए थे। ट्रेन पलटी, उस वक्त वो सो रहा था। अचानक झटका लगा, आंख खुली तो उसके ऊपर कम से कम 15 लोग आ गिरे। वो किसी तरह जान बचाकर बाहर निकला। बाहर आकर उसने देखा किसी के हाथ नहीं, किसी के पैर नहीं और किसी-किसी का चेहरा तो बुरी तरह बिगड़ चुका था। हादसे की गंभीरता को देखते हुए युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य चल रहे हैं और सेना को भी बचाव कार्यों में लगा दिया गया है। भारतीय सेना के कर्नल एसके दत्ता ने बताया कि सेना बीती रात से ही राहत और बचाव कार्यों में जुटी है और कोलकाता से और सैन्यकर्मियों को बुलाया गया है।
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