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MonkeyPox Virus : अमेरिकी औऱ यूरोपीय देशों तक पहुँचा मंकी वायरस, बना रहा है युवा पुरूषों को अपना शिकार

MonkeyPox Virus: मंकी वायरस के लक्षणों को कैसे पहचानें, जाने पूरी डीटेल


Highlights-

. यूरोप और अमेरिका के कई देशों में स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंकीपॉक्स के मामलों की पहचान की है।

. बता दें कि मंकीपॉक्स के केस युवा पुरुषों में अधिक देखे जा रहे हैं।

. सबसे पहले अफ्रीका में इस वायरस के मामले आये।

MonkeyPox Virus: कोरोना वायरस से हमें अभी निजात मिला नहीं था कि मंकीपॉक्स जैसे नए वायरस के मामले सामने आने लगे। यूरोप और अमेरिका के कई देशों में स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंकीपॉक्स के मामलों की पहचान की है।बता दें कि मंकीपॉक्स के केस युवा पुरुषों में अधिक देखे जा रहे हैं। सबसे पहले अफ्रीका में इश वायरस के मामले आये। अफ्रीका के बाहर यह बीमारी पहली बार इतनी बड़ी संख्या में रिपोर्ट की जा रही है। भारत सहित दुनिया भर के स्वास्थ्य अधिकारी इसके मामलों पर नजर रख रहे हैं। क्या है मंकीपॉक्स वायरस, इसके लक्षण क्या हैं, यह कैसे फैलता है तथा इसके इलाज क्या हैं। आइए जानते हैं।

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क्या है मंकी पॉक्स वायरस?

मंकीपॉक्स एक जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है। जिसमें स्मॉल पॉक्स जैसे लक्षण होते हैं। हांलांकि, कई शोध में देखा गया है कि मंकी पॉक्स स्मॉल पॉक्स की तुलना में कम गंभीर है।

मंकीपॉक्स वायरस एक डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है जो पॉक्स विरिडे परिवार के ऑर्थो पॉक्स वायरस जींस से संबंध रखता है।

इन जानवरों से फैलता है मंकी पॉक्स वायरस

कई जानवरों की प्रजातियां हैं जो मंकी पॉक्स वायरस को फैलाने मे जिम्मेदार हैं। इनमें रस्सी गिलहरी, पेड़ गिलहरी, गैम्बिया पाउच वाले चूहे, डर्मिस, गैर-मानव प्राइमेट और अन्य प्रजातियां शामिल हैं। लेकिन बता दें कि ये वायरस बेसिक तौर पर कहाँ से आये हैं इस बात का सही रूप से कहीं कोई तथ्य मौजूद नहीं है। इने प्राकृतिक इतिहास पर अनिश्चितता बनी हुई है और यह जिस तरह से वातावरण में बने रहने के कारणों की पहचान करने के लिए अभी बहुत अध्ययन की आवश्यकता है।

सबसे पहले यहाँ देखा गया मंकी पॉक्स

रिपब्लिक ऑफ कांगो में सबसे पहले 1970 में इंसानो में मंकीपॉक्स की पहचान हुई। सबसे पहले यह वायरस 9 साल के एक बच्चे में देखा गया।

हालांकि तथ्य ये बताते हैं कि वहाँ 1968 में स्मॉल पॉक्स को समाप्त कर दिया गया था। तब से, अधिकांश मामले ग्रामीण, बारिश वाले क्षेत्र से सामने आए हैं। कांगो बेसिन, विशेष रूप से कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में और मानव मामले पूरे मध्य और पश्चिम अफ्रीका से तेजी से सामने आए हैं। यानी की हम कह सकते हैं कि मंकी वायरस के ये जगहें केंद्र हैं।

आईये अब जानते हैं कि मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण क्या – क्या हैं

मंकी पॉक्स के संक्रमण से लक्षणों की शुरुआत आमतौर पर 6 से 13 दिनों तक होती है। लेकिन यह 5 से 21 दिनों तक हो सकती है। लक्षणों में बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फ नोड्स की सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और एनर्जी की कमी जैसे लक्षण शामिल हैं। आपको बता दें ये लक्षण सबसे पहले स्मॉल पॉक्स की तरह ही नज़र आते हैं। इसके साथ ही त्वचा का फटना आमतौर पर बुखार दिखने के 1-3 दिनों के भीतर शुरू हो जाता है। मंकी पॉक्स में शरीर में दाने आने लगते लगते हैं। लेकिन दाने गले के बजाय चेहरे और हाथ – पांव पर होने लग जाते हैं। यह चेहरे और हथेलियों और पैरों के तलवे को अधिक प्रभावित करता है।

 

इसका इलाज क्या है?

यदि मंकीपॉक्स होने का शक है, तो स्वास्थ्य कर्मियों को एक उपयुक्त नमूना इकट्ठा करना चाहिए और इसे उचित क्षमता के साथ एक प्रयोगशाला में सुरक्षित रूप से पहुंचना चाहिए।

मंकीपॉक्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को उन उपायों के बारे में शिक्षित करना मंकीपॉक्स की मुख्य रोकथाम की रणनीति है। मंकीपॉक्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए टीकाकरण के लिए अब स्टडी चल रही है।

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