हॉस्टल फीस के बढ़ने पर जेएनयू के छात्रों का प्रदर्शन, तैनात हुई पैरा मिलिट्री फॉर्स
हॉस्टल फीस बढ़ाने पर बड़के छात्रों, दो दिन से चल रहा है प्रदर्शन
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हॉस्टल फीस के बढ़ाने पर छात्रों का प्रदर्शन जारी है और इसके चलते जेएनयू कैंपस में पैरा मिलिट्री फाॅर्स को तैनात किया गए है। वैसे तो हॉस्टल फीस के बढ़ने के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन काफी दिनों से चल रहा था, लेकिन आज कैंपस में पैरा मिलिट्री फॉर्स को तैनात करने की नौबत आ गयी। इस प्रदशन की खास बात है की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) भी इस प्रदर्शन में शामिल है। हालांकि, जेएनयू प्रशासन का कहना है कि जिस नियम के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है वो 14 साल से लागू है। बता दें कि सोमवार को इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन की कमेटी ने मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग में कुछ फैसले लेने थे। इस बैठक में हॉस्टल की फीस बढ़ोतरी से लेकर हॉस्टल से आने जाने का वक्त तय करना और प्रोटेस्ट करने पर फाइन पनिशमेंट आदि लगाने जैसे नियमों पर चर्चा हुई थी।
क्या है पूरा मामला:
जेएनयू ने 23 अक्टूबर से जेएनयू कैंपस के गेट बंद करने का नया नियम लागू किया था। इसकी जानकारी अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विभाग के डीन की ओर से मिले एक नोटिस के जरिये छात्रों को दी गई थी। हॉस्टल की फीस 2000 रुपय तक बड़ा दी गई है और इसी के साथ-साथ मेस रेंट और रूम रेंट भी 4000 रूपए तक बड़ा दिया गया है। अब हर छात्र को रिफंड अमाउंट 12000 रुपय तक जमा करना होगा जो की पहले सिर्फ 5,500 रुपया ही था। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने प्रशासन पर कैंपस के गेट शाम छह बजे के बाद बंद करने के नये नियम पर भी विरोध जताया। AISA ने कहा कि कैंपस के गेटों को शाम छह बजे बंद कर देना आवाजाही की स्वतंत्रता को सीमित करना है।
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छात्रसंघ क्या है कहना:
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एन साईं बाला जी का कहना है कि कुलपति स्टूडेंट को पढ़ने लिखने का सही माहौल नहीं दे पाए हैं। अब स्टूडेंट कम्यूनिटी अपनी स्टडी के लिए किसी भी तरीके से टाइम निकालकर पढ़ते हैं तो उन पर भी पहरे बैठाए जा रहे हैं।
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