Guru Purnima Quotes : इस गुरु पूर्णिमा लें इन ज्ञानियों के विचारों से सीख, जलायें अपने जीवन में ज्ञान के दीप
Guru Purnima Quotes भारतीय संस्कृति में है गुरुओं का बड़ा महत्व , क्या कहता है हमारा शास्त्र
Highlights:
- शास्त्रों में इस दिन का बड़ा महत्व है।
- यह दिन हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत खास माना गया है।
Guru Purnima Quotes : गुरू पूर्णिमा त्योहार हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा अपने शिक्षकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को ज्ञान अर्पित करने के दिवस से जोड़ा गया है। शास्त्रों में इस दिन का बड़ा महत्व है। यह दिन हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत खास माना गया है। जीवन में हर किसी को कोई – न – कोई गुरु होता है, वह सभी गुरु जो अपने शिष्यों को अपने जीवन से अधिक महत्व देते हैं यह दिन उनके संघर्ष, तपस्या और त्याग का दिन है।
कब मनाया जाएगा?
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जायेगा। भारतीय संस्कृति में गुरुओं को बेहद सम्मान दिया जाता है। इसलिए यह दिन भारतीयों के लिए बहुत खास है।
महत्व
शिक्षकों को सनातन धर्म में गुरु का दर्जा दिया गया है। यह दिन व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है।
इसी दिन महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म दिवस है।
Read more: Shani Vakri 2022: शनि देव 12 जुलाई से चलेंगे उल्टी चाल, जाने किन राशियों को होगा धनलाभ
बौद्ध धर्म के अनुयायी के लिए यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि बुद्ध ने इसी दिन सबसे पहले अपना उपदेश सारनाथ में दिया था। इसी के सम्मान में भगवान बुद्ध के अनुयायी इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।
सद्गुरु के अनुसार गुरु पूर्णिमा वह दिन है जब पहली बार आदियोगी अर्थात भगवान शिव ने सप्तऋषियों को योग का ज्ञान देकर खुद को आदि गुरु के रूप में स्थापित किया था।
आपको बता दें कि गुरु पूर्णिमा को वर्षा ऋतु के आरंभ में आती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन से चार महीने तक साधु – संत एक ही स्थान पर पहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। इन चार महीनों को मौसम की नज़र से सबसे अच्छा महीना कहा जाता है। इन महीनों में न अधिक गर्मी होती है और न ही अधिक सर्दी। इन महीनों को किसी भी तरह के अध्ययन के लिए उपयुक्त माना गया है।
कहते हैं कि जैसे वर्षा की बूंदों की शीतलता से जैसे धरती की ताप मिटती है और फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, ऐसे ही गुरुचरण में उपस्थित शिष्यों को ज्ञान की प्राप्ति होती है।
गुरुओं के महान विचार
सही अर्थों में गुरु वही है जो अपने शिष्यों का मार्गदर्शन करें और जो उचित हो उस ओर शिष्य को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें । – गुरूगीता
यदि गुरू अयोग्य शिष्य चुने तो उससे गुरु की बुद्धिहीनता ही प्रकट होती है। -कालिदास
केवल कान में मंत्र देना गुरु का काम नहीं है. संकट से रक्षा करना शिष्य के कर्म को गति देना भी गुरु का काम है -लक्ष्मीनारायण मिश्र
विषयों का त्याग दुर्लभ है. तत्त्वदर्शन दुर्लभ है. सद्गुरू की कृपा बिना सहजावस्था की प्राप्ति दुर्लभ है – महोपनिषद्
गुरू की कृपा से, शिष्य बिना ग्रंथ पढ़े ही पंड़ित हो जाता है -विवेकानंद
गुरु को किया गया प्रणाम कल्याणकारी होता है – कर्णपूर
जो शिष्य होकर भी शिष्य चित बर्ताव नहीं करता, अपना हित चाहने वाले गुरु को उसकी धृष्टता क्षमा नहीं करनी चाहिए – वेदव्यास
जो केवल कहता फिरता है, वह शिष्य है. जो वेद का पाठ मात्र करता है, वह नाती है. जो आचरण करता है, वह हमारा गुरु है और हम उसी के साथी हैं – गोरखनाथ