जानें क्यों खत्म होते-होते रह गया गाजीपुर बॉर्डर का धरना, क्यों उतरे विपक्ष के नेता किसानों के समर्थन में
जानें किसान आंदोलन से जुड़ी लेटेस्ट अपडेट
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को आंदोलन करते हुए दो महीने से ज्यादा समय हो गया है. गणतंत्र दिवस यानि की 26 जनवरी को हुई घटना के बाद कमजोर लग रहा किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ रहा है. कल पूरे दिन जो कुछ भी हुआ उसके बाद किसान नेता राकेश टिकैत के आंखों से गिरे आंसुओं ने किसान आंदोलन को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है. राकेश टिकैत के आंखों से गिरे आंसुओं से भिवानी, हिसार, कैथल, जींद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, बिजनौर से कल रात को ही कई सारे किसानों के जत्थे गाजीपुर की तरफ निकल पड़े थे. लेकिन जैसा की हम जानते है कि 26 जनवरी के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों द्वारा हिंसा और लाल किले पर किसानों का झंडा फहराने की घटना के बाद किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ता हुआ दिख रहा था. जिसके बाद अभी तक चार किसान संगठनों ने अपना धरना खत्म कर दिया है. दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर पर जंग तेज करने की तैयारी हो चुकी है.
गाजीपुर बॉर्डर पर हाईवोल्टेज ड्रामा
कल रात के हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद अभी तक चार किसान संगठनों ने अपना धरना खत्म कर दिया है. कल आधी रात तक गाजीपुर बॉर्डर पर हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा. कल रात को गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस और फोर्स की मौजूदगी देखकर ऐसा लग रहा था कि आज आंदोलन के लिए निर्णायक रात होगी. लेकिन राकेश टिकैत के हाईवोल्टेज ड्रामे ने और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने माहौल को बदल दिया. कल गाजियाबाद प्रशासन ने आंदोलनकारी किसानों को आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत अपनी मांग पर अड़े रहे उन्होंने कहा वो आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे. इतना ही नहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राकेश टिकैत फूट-फूटकर रोने लगे थे.
किसान आंदोलन से जुड़ी लेटेस्ट अपडेट
1. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी किसानों के समर्थन में नजर आये. अखिलेश यादव ने भी राकेश टिकैट से बात की. उन्होंने राकेश टिकैत से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा और कहा मैं और मेरी समाजवादी पार्टी किसानों की लड़ाई में उनके साथ है.
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सबका पेट भरनेवाले किसानों को भाजपा भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है लेकिन चंद भाजपाइयों को छोड़कर सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी आज भी किसानों के साथ खड़े हैं.
सपा किसानों के साथ है!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 29, 2021
2. समाजवादी पार्टी के साथ साथ बीएसपी भी किसानों के समर्थन में नजर आयी. मायावती आज किसान आंदोलन के समर्थन में संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार का फैसला किया है. मायावती ने ट्ववीट कर कहा कि बीएसपी देश के आन्दोलित किसानों के नए कृषि कानूनों के खिलाफ कर रहे आंदोलन के समर्थन में है. आज राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.
1. बी.एस.पी. ने, देश के आन्दोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की माँग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में, आज मा. राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) January 29, 2021
3. अभी भी टिकरी बॉर्डर पर बहुत बड़ी सख्या सुरक्षाबल तैनात है. नए कृषि कानूनों के खिलाफ अभी भी यहां किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है.
टिकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है। कृषि कानूनों के खिलाफ यहां किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। #farmslaws pic.twitter.com/dQMieIPIjh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2021
4. किसानों द्वारा 26 जनवरी को हुई घटना के बाद दिल्ली पुलिस 6 संदिग्धों की तलाश में जुट गई है.. दिल्ली पुलिस फुटेज और फोटो के आधार पर इन 6 हुड़दंगियों को तलाश कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली पुलिस ने 10 फोटोग्राफर और 10 वीडियो कैमरे 26 जनवरी के लिए मंगवाए थे लेकिन जैसी उनको हिंसा की खबर लगी तो उन्होंने सबको हिंसा की तस्वीरें उतारने में लगा दिया गया.
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