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World Asthma Day 2020: सांस की हर परेशानी का मतलब कोरोना की नहीं, जानिए कोरोना और अस्थमा में फर्क

World Asthma Day 2020: क्यों और कब मनाया जाता है विश्व अस्थमा दिवस


World Asthma Day 2020: हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने की कोई एक तिथि निर्धारित नहीं है, ये मई के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। फिर चाहे उस दिन कोई भी तारीख क्यों न हो। विश्व अस्थमा दिवस पहली बार साल 1998 में बार्सिलोना, स्पेन सहित 35 देशों में मनाया गया था। अस्थमा सांस से जुड़ी परेशानी है, अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह खतरनाक बीमारी साबित हो सकती है। यही वजह है कि हर साल विश्व स्तर पर अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उदेश्य लोगों के बीच इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना है। भारत में करीब हर साल 12% बच्चें अस्थमा से ग्रसित होते है।

अस्थमा के प्रमुख कारण

1. धूल, मिट्टी से इन्फेक्शन के कारण अस्थमा होता है।
2. कई बार तनाव के कारण भी अस्थमा हो जाता है।
3. धूम्रपान से भी यह समस्या हो सकती है।
4. लाइफ स्टाइल में बदलाव आने के कारण भी अस्थमा की परेशानी हो सकती है।

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अस्थमा के लक्षण

1. अचानक सांस फूलना।
2. गले से सीटी जैसी आवाज आना।
3. सांस का दौरा पड़ना।
4. जिन लोगों को जुकाम होता हो उन्हें अस्थमा ज्यादा होने की संभावना होती है।

क्या फर्क होता है कोरोना और अस्थमा

कोरोना में लोगों को गहरी सांसे लेनी पड़ती है, जबकि अस्थमा में ऐसा कुछ नहीं होता। कोरोना वायरस के अहम लक्षण है बुखार, थकान, और सूखी खांसी। अस्थमा में 90 प्रतिशत लोगों को इन्हेलर से आराम मिल जाता है,जबकि कोरोना संक्रमित मरीजों को आराम नहीं मिलता है। इन दिनों अगर किसी अस्थमा मरीज को सांस का दौरा पड़ता है तो उससे अपनी डोज डबल कर लेनी चाहिए।

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