Typhoid Fever: आखिर कैसे होता है टाइफाइड फीवर, डॉक्टर ने बताए लक्षण, कारण और बचाव के लिए जरूरी टिप्स
Typhoid Fever: टाइफाइड एक खतरनाक बैक्टीरियल बीमारी है। यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से लोगों में फैलती है। यह पाचनतंत्र और ब्लड स्ट्रीम पर हमला करता है। यह बैक्टीरिया गंदे पानी, दूषित खाना, संक्रमित जूस जैसी चीजों के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। शरीर में बैक्टीरिया के प्रवेश करने से टाइफाइड के लक्षण महसूस होने लगते हैं।
Typhoid Fever: …तो ये है टाइफाइड फीवर के कारण, ऐसे करें बचाव
टाइफाइड एक खतरनाक बैक्टीरियल बीमारी है। यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से लोगों में फैलती है। यह पाचनतंत्र और ब्लड स्ट्रीम पर हमला करता है। यह बैक्टीरिया गंदे पानी, दूषित खाना, संक्रमित जूस जैसी चीजों के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। शरीर में बैक्टीरिया के प्रवेश करने से टाइफाइड के लक्षण महसूस होने लगते हैं। टाइफाइड से ग्रसित मरीजों के शरीर में काफी कमजोरी महसूस होती है। टाइफाइड का बैक्टीरिया काफी लंबे समय तक पानी और मल में जीवित रह सकता है। इन संक्रमित पानी या फिर खाद्य पदार्थों के सेवन से टाइफाइड होने का खतरा ज्यादा रहता है। इससे बचाव के लिए हमें हाइजीन का विशेष ख्याल रखना होता है। यदि आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं, तो बाहर की चीजों को खाने से बचें। खासतौर पर खुले में बिक रही चीजों के सेवन से टाइफाइड होने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में इन चीजों को खाने से बचें। आइए जानते हैं टाइफाइड फीवर से जुड़ी पूरी जानकारी-
क्या है टायफाइड Typhoid Fever
टायफॉइड एक तरह बुखार है। इसमें बहुत तेज बुखार आता है। टायफॉइड में 104 और इससे ज्यादा भी बुखार आ सकता है। इसमें बुखार के साथ ही सिरदर्द और पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है और बदहजमी के साथ ही डायरिया की समस्या भी टायफॉइड में हो सकती है। जिन लोगों को टायफॉइड होता है, उन्हें कुछ दिनों के एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट के बाद बेहतर महसूस होता है। कुछ गंभीर मामलों में टायफॉयड के कारण मरीज की मौत भी हो जाती है। टायफॉइड साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण कारण होता है और यह बैक्टीरिया पूरे शरीर में फैल सकता है। यह शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है और अगर सही समय पर सही इलाज न कराया जाए तो मामला गंभीर हो सकता है।
टाइफाइड के लक्षण Typhoid Fever
टाइफाइड संक्रमण के लक्षण बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 1 से 3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। इसमें हल्के से लेकर तेज बुखार (104 डिग्री फारेनहाइट), ठंड लगने, सिरदर्द, कमजोरी और थकान, मांसपेशियों और पेट में दर्द के साथ दस्त या कब्ज की दिक्कत हो सकती है। कुछ लोगों को त्वचा पर चकत्ते होने, भूख न लगने और पसीना आने की भी समस्या होती है। इलाज न होने पर ये बीमारी कुछ सप्ताह बाद आंतों में भी दिक्कतें पैदा कर सकती है। इसके कारण पेट में सूजन, पूरे शरीर में फैलने वाले आंत के बैक्टीरिया के कारण संक्रमण (जिसे सेप्सिस कहा जाता है) और भ्रम की दिक्कत भी हो सकती है। टाइफाइड बुखार के कारण आंतों में क्षति और रक्तस्राव का भी जोखिम रहता है।
टाइफाइड फीवर के कारण Typhoid Fever
टाइफाइड फीवर फैलने का मुख्या कारण मल या मूत्र होता है। मल और मूत्र के जरिए हमारे शरीर में बैक्टीरिया फैलता है, जिसके कारण टाइफाइड होने का खतरा ज्यादा रहता है। Typhoid Fever आइए जानते हैं टाइफाइड फीवर के कारण-
- साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से टाइफाइड फैलता है।
- मूत्र या मल त्यागने के बाद हाथ ना होना टाइफाइड फीवर का प्रमुख कारण हो सकता है।
- नदी या नाले का पानी पीना।
- दूषित पानी पीना।
- खुले पानी का इस्तेमाल करना।
- बाजार में रखे खुले चीजों का सेवन करना।
- सब्जी या फल कच्चा खाने से। Typhoid Fever
- ओरल सेक्स या एनल सेक्स के कारण
- दूषित दूध पीने से।
- दूषित जूस का सेवन करने से।
- सीवेज में कार्य करना वालों को।
टाइफाइड फीवर का इलाज Typhoid Fever
- टाइफाइड फीवर का पता लगने के बाद डॉक्टर 1 से 2 सप्ताह तक एंटीबायोटिक दवाइयां लेने की सलाह देते हैं। इससे मरीजों को काफी हद तक आराम मिलता है।
- इसके अलावा डॉक्टर अधिक से अधिक तरह पदार्थों को सेवन करने की सलाह देते हैं।
- अगर टाइफाइड का समय पर इलाज ना कराया गया, तो आंत्र में छेद होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति आने पर डॉक्टर्स ऑपरेशन करने की सलाह देते हैं।
- शिशुओं को टाइफाइड फीवर से बचाव के लिए टीका लगाया जाता है। टीका लगाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
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टाइफाइड फीवर का बचाव Typhoid Fever
- टाइफाइड फीवर से बचने के लिए हाइजीन का विशेष ख्याल रखें।
- कच्चे खाद्य पदार्थों के सेवन से पहले उसे उबले पानी से अच्छी तरह साफ करें। ध्यान रहे कि नल का पानी भी दूषित हो सकता है। ऐसे में इन पानी से ब्रश करना या फिर फलो और सब्जियों को धोना भी आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
- हमेशा उबले हुए पानी का सेवन करें।
- बोलतबंद या फिर रासायनिक रूप से कीटाणुरहित पानी का सेवन करें।
- कच्चे भोजन को खाने से बचें।
- किसी भी चीजों को अच्छी तरह से उबालकर खाएं।
- बच्चों को कोई भी चीज मुंह में ना लेने लें।
- घर के सामान को साफ रखें। Typhoid Fever
- फर्श पर कीटाणु ना पनपने दें। फर्श को साफ करने के लिए बैक्टीरिया को मारने वाले फिनायल का इस्तेमाल करें।
- मल या मूत्र त्यागने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
- गर्म भोजन करें।
- टाइफाइड होने पर हैवी डाइट लेने से बचें और ज्यादा पेट भरकर ना खाएं।
- तेल, घी, मिर्च जैसे आहार को लेने से बचें।
- बाजार की खुली चीजों को खाने से बचें।
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
- किसी भी खाद्य पदार्थों को खरीदने से पहले एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।
- अधिक मसालेदार आहार का सेवन ना करें।
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