Menstrual Cup: मेंस्ट्रुअल कप के 5 साइड इफेक्ट्स, सही इस्तेमाल न किया तो सेहत को होगा नुकसान
Menstrual Cup, मासिक धर्म के दौरान सैनिटरी पैड और टैम्पोन के विकल्प के रूप में Menstrual Cup का चलन बढ़ रहा है। यह पर्यावरण के अनुकूल, किफायती और लंबे समय तक चलने वाला विकल्प माना जाता है।
Menstrual Cup : मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल सेफ है या नहीं? जानें 5 जरूरी बातें
Menstrual Cup, मासिक धर्म के दौरान सैनिटरी पैड और टैम्पोन के विकल्प के रूप में Menstrual Cup का चलन बढ़ रहा है। यह पर्यावरण के अनुकूल, किफायती और लंबे समय तक चलने वाला विकल्प माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं? अगर सही तरीके से इसका इस्तेमाल न किया जाए, तो यह सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है। आइए जानते हैं कि पीरियड्स में मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल कितना सेफ है और इसके 5 संभावित साइड इफेक्ट्स क्या हैं।
Menstrual Cup का इस्तेमाल कितना सेफ?
मेंस्ट्रुअल कप आमतौर पर मेडिकल-ग्रेड सिलिकॉन, रबर या थर्मोप्लास्टिक से बना होता है, जिसे योनि में डालकर रक्त को इकट्ठा किया जाता है। यह 8-12 घंटे तक लीक-फ्री सुरक्षा प्रदान करता है। यदि इसे सही तरीके से साफ और स्टरलाइज़ किया जाए, तो यह सुरक्षित होता है। लेकिन अगर सावधानी नहीं बरती जाए, तो यह कुछ समस्याएं पैदा कर सकता है।
Menstrual Cup के 5 संभावित साइड इफेक्ट्स
1. संक्रमण (Infection) का खतरा
अगर मेंस्ट्रुअल कप को ठीक से साफ नहीं किया गया या लंबे समय तक पहना गया, तो योनि संक्रमण (Vaginal Infection) या Bacterial Vaginosis का खतरा बढ़ सकता है। बैक्टीरिया की वृद्धि से खुजली, जलन और असहजता हो सकती है।
2. योनि में जलन या एलर्जी
कुछ महिलाओं को मेंस्ट्रुअल कप के सिलिकॉन या रबर से एलर्जी हो सकती है, जिससे जलन, खुजली और लालिमा हो सकती है। अगर आपकी स्किन संवेदनशील है, तो मेंस्ट्रुअल कप का चुनाव सोच-समझकर करें।
3. इंसर्शन और रिमूवल में परेशानी
अगर पहली बार मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग कर रही हैं, तो इसे सही तरीके से डालना और निकालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। गलत तरीके से निकालने से योनि की मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द हो सकता है। कई बार कप फंस भी सकता है, जिससे पैनिक की स्थिति बन सकती है।
4. Toxic Shock Syndrome (TSS) का खतरा
हालांकि यह बहुत दुर्लभ है, लेकिन अगर मेंस्ट्रुअल कप को बहुत लंबे समय तक योनि में रखा जाए, तो Toxic Shock Syndrome (TSS) का खतरा हो सकता है। यह एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए हर 8-12 घंटे में मेंस्ट्रुअल कप को खाली करना जरूरी है।
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5. लीकेज की समस्या
अगर मेंस्ट्रुअल कप सही आकार का न हो या सही तरीके से न लगाया जाए, तो लीक होने की संभावना बढ़ जाती है। खासतौर पर पहली बार इस्तेमाल करने वालों को लीक की समस्या हो सकती है, जिससे कपड़े गंदे होने का डर रहता है।
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सावधानियां बरतना जरूरी
मेंस्ट्रुअल कप को हर उपयोग से पहले और बाद में उबालकर स्टरलाइज़ करें। पहली बार इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लें। यदि योनि में जलन, दर्द या किसी प्रकार का संक्रमण महसूस हो, तो तुरंत इसका उपयोग बंद करें। सही आकार का मेंस्ट्रुअल कप चुनें ताकि लीकेज की समस्या न हो। 8-12 घंटे से अधिक समय तक मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल न करें।
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